Friday, 20 September 2013

कृषि दर्शन पर देश के किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगी कीटों की मास्टरनियां

कीटों की मास्टरनियों के क्रियाकलापों को शूट करने के लिए आज जींद पहुंचेगी दिल्ली दूरदर्शन की टीम


जींद। ललितखेड़ा गांव की कीटों की मास्टरनियां अब दिल्ली दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले कृषि दर्शन कार्यक्रम के माध्यम से देशभर के किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगी। इस कार्यक्रम के दौरान कीटों की मास्टरनियां देशभर के किसानों को कीट ज्ञान हासिल कर खेती में उर्वरकों और कीटनाशकों पर अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ते खर्च को कम करने तथा खाने की थाली को जहरमुक्त करने का संदेश देंगी। इसके लिए वीरवार को दिल्ली दूरदर्शन की टीम प्रोड्यूशर श्रीकांत सैक्शेना के नेतृत्व में ललितखेड़ा गांव में पहुंचेगी। ललितखेड़ा गांव के खेतों में पहुंचकर टीम द्वारा कीटों की मास्टरनियों के क्रियाकलापों तथा खेती के तौर तरीकों को कैमरे में कैद किया जाएगा। इसके बाद शुक्रवार को टीम के सदस्य राजपुरा भैण गांव में चल रही किसान खेत पाठशाला में पहुंचकर किसानों के कार्यों को भी कैमरे में शूट किया जाएगा।    
खाने की थाली को जहरमुक्त बनाने के लिए ललितखेड़ा गांव की वीरांगनाओं द्वारा शुरू की गई कीट ज्ञान की मुहिम को देशभर के किसानों तक पहुंचाने के लिए दिल्ली दूरदर्शन की एक टीम वीरवार को 2 दिन के लिए जींद के दौरे पर आ रही है। दूरदर्शन की टीम द्वारा 2 दिन तक यहां के कीटाचार्य किसानों तथा कीटों की मास्टरियों के अनुभव को कैमरे में कैद किया जाएगा। इस दौरान महिलाओं द्वारा कीटों पर अधारित गीतों को भी शूट किया जाएगा। दिल्ली दूरदर्शन की टीम के प्रोड्यूशर श्रीकांत सैक्शेना तथा प्रसारण कार्यकारी विकास डबास का कहना है कि आज किसानों द्वारा फसलों में अंधाधुंध कीटनाशकों तथा उर्वरकों के प्रयोग के कारण खेती में खर्च लगातार बढ़ रह है। इसलिए खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बन रही है। फसलों में कीटनाशकों के अत्याधिक प्रयोग के कारण आज हमारा खान-पान तथा वातावरण भी दूषित हो रहा है तथा बेजुबान जीवों की हत्या भी हो रही है। खान-पान तथा दूषित होते वातावरण के कारण इंसान लगातार भिन्न-भिन्न प्रकार की लाइलाज बीमारियों की चपेट में आ रहा है। देश के किसानों को इस बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से ही उनकी टीम द्वारा 2 दिन तक यहां के किसानों के क्रियाकलापों को कैमरे में कैद किया जाएगा। विकास डबास का कहना है कि खेती के कार्यों में अभी तक महिलाओं का 70 प्रतिशत योगदान होता था लेकिन ललितखेड़ा गांव की महिलाओं ने कीट ज्ञान की इस मुहिम को आगे बढ़ाकर चूल्हे-चौके के साथ-साथ खेती में अपना 100 प्रतिशत योगदान दर्ज करवाया है। इससे समाज के सामने महिलाओं का एक नया चेहरा उभर कर सामने आया है। महिलाओं ने कृषि क्षेत्र में अपनी 100 प्रतिशत भागीदारी दर्ज करवाकर यह भी साबित कर दिया है कि आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। डबास ने बताया कि टीम द्वारा वीरवार को ललितखेड़ा गांव की महिलाओं तथा शुक्रवार को राजपुरा भैण गांव में चल रही किसान खेत पाठशाला में आने वाले किसानों के अनुभवों को कैमरे में शूट किया जाएगा। 
 कपास की फसल में कीटों का अवलोकन करती कीटों की मास्टरनियों

15-15 मिनट के 2 कार्यक्रम होंगे शूट

दिल्ली दूरदर्शन की टीम द्वारा वीरवार और शुक्रवार को महिलाओं तथा पुरुष किसानों के 15-15 मिनट के 2 अलग-अलग कार्यक्रम शूट किए जाएंगे। इसके बाद मंगलवार सुबह दिल्ली दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले कृषि दर्शन कार्यक्रम में इन कार्यक्रमों को प्रसारित किया जाएगा। पहले कार्यक्रम का प्रसारण 24 सितंबर तथा दूसरे कार्यक्रम का प्रसारण 1 अक्तूबर को होगा। 

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