500 से ज्यादा लोगों को दिया स्वस्थ रहने का यह मूल मंत्र
नैचुरल लाइफ स्टाइल संस्था ने हिंदू कालेज में लगाया शिविर
जींद
सेहतमंद रहना है और बीमारियों से खुद को और अपने नजदीकियों को दूर रखना है तो खाना सीखो और अपने भोजन में सुधार करो। यह करने से सेहत बनती है और पैसा बचता है।
यह मूल मंत्र दिया रविवार को नैचुरल लाइफ स्टाइल संस्था ने। इस संस्था ने रविवार को जींद के हिंदू कन्या कालेज में नैचुरल लाइफ स्टाइल पर एक शिविर का आयोजन किया। शिविर में संस्था के आचार्य मोहन गुप्ता खुद दिल्ली के रोहिणी से चलकर पहुंचे। हिंदू कन्या कालेज के बृजमोहन सिंगला मैमोरियल आडिटोरियम हाल में 500 से ज्यादा लोग शिविर में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। लगभग खचाखच भरे इस आडिटोरियम हाल में आचार्य मोहन गुप्ता ने लोगों को खाना सीखो, भोजन में सुधार करो का मूलमंत्र देते हुए कहा कि यह करने से ही स्वस्थ रहा जा सकता है। इसमें उन्होंने कहा कि बिना दवा जीवन जीने की कला यह है कि आपके भोजन में नींबू, मिर्च और नमक का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। नमक को लेकर उन्होंने कहा कि केवल सेंधा नमक और वह भी बेहद कम मात्रा में भोजन में लिया जाए। आचार्य मोहन गुप्ता ने कहा कि भोजन पूरी तरह चबाकर खाना चाहिए। जो लोग जल्दी में और बिना चबाए भोजन करते हैं, वह कई तरह की बीमारियों को खुद न्यौता देते हैं। आचार्य मोहन गुप्ता ने लोगों को बताया कि कैसे भोजन में सुधार किया जाए और भोजन कैसे लेना चाहिए। इन 2 बातों में ही उन्होंने स्वस्थ जीवन के तमाम सार बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति इस नैचुरल लाइफ स्टाइल को अपना लेगा, वह बीमारियों और डाक्टरों से सदा दूर रहेगा।
बोला ही नहीं, करके भी दिखाया
हिंदू कन्या कालेज में आयोजित नैचुरल लाइफ स्टाइल शिविर में आचार्य मोहन गुप्ता और यहां इसके आयोजक रामबिलास मित्तल आदि ने खाना सीखो और भोजन में सुधार करो को लेकर केवल मंच से बोला ही नहीं बल्कि इसे करके भी दिखाया। शिविर में पहुंचे लोगों के लिए खीरा, ककड़ी, टमाटर, कच्चा नारियल, हरा धनिया का सलाद बनाकर खिलाया गया। इसमें दिखाया गया कि सलाद किस तरह बनाया जाए। उसे किस तरह से खाया जाए। इसी तरह नैचूरल स्टाइल का भोजन भी तैयार करवाया गया। यह भोजन किस तरह से बना और इसे किस तरह से खाया जाए, इसे लेकर भी शिविर में आए लोगों को पूरी जानकारी दी गई। इस शिविर में भाग लेने के बाद कई लोगों ने कहा कि उन्हें पहली बार यह पता चला है कि जिस भोजन को वह पौष्टिक मानकर ले रहे थे, उसमें जहर भी रहता है। अब इस जहर से बचने की जानकारी शिविर के माध्यम से उन्हें मिली है। सफीदों रोड पर सुजूकी शोरूम के संचालक अनिल जैन ने कहा कि पहली बार उन्हें यह पता चला कि भोजन कैसा हो और उसे कैसे खाया जाए। अब तक भोजन को लेकर जो चल रहा था, वह सही नहीं था। इस तरह के शिविर लगातार लगते रहने चाहिएं। हिंदू कन्या कालेज के प्रधान अंशुल सिंगला ने भी कहा कि शिविर में स्वस्थ जीवन के बारे में अहम जानकारी मिली। भोजन कैसा हो और कैसे खाया जाए, इसी में सब कुछ है। पता पहली बार चला है।
रामबिलास मित्तल ने कहा, नैचुरल लाइफ स्टाइल से बची जिंदगी
इस शिविर के आयोजक रामबिलास मित्तल ने कहा कि उन्हें दिल की बीमारी थी। साथ में शुगर भी थी। 2 बार वह स्टंट डलवा चुका था और डाक्टरों ने तीसरी बार फिर स्टंट डलवाने के लिए बोल दिया था। आचार्य मोहन गुप्ता के नैचुरल लाइफ स्टाइल के जरिये उन्होंने भोजन में सुधार किया और भोजन कैसे लिया जाए, इसे जाना तो तीसरी बार स्टंट डलवाने की नौबत नहीं आई। अब वह सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने केवल अपने भोजन में सुधार किया और खाना खाने का सही तरीका जाना।