Monday, 19 March 2018

खुद को पर्यावरण के लिए महिला वकील ने कर दिया समर्पित

अब तक लगवा चुकी 177 त्रिवेणी

जींद। महिला एडवोकेट संतोष यादव ने खुद को पर्यावरण की हिफाजत के लिए समर्पित कर दिया है। वह जींद समेत अब तक प्रदेश में 177 त्रिवेणी खुद लगवा चुकी हैं। संतोष यादव का टारगेट 1000 त्रिवेणी लगाने का है। 
पेशे से वकील संतोष यादव पर प्रदेश में जिला मुख्यालयों और दूसरे शहरों तथा कस्बों में त्रिवेणी लगवाने का एक जुनून सा सवार है। उन्होंने शनिवार को जींद में 177 वीं त्रिवेणी इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के हाथों से लगवाने का काम किया। त्रिवेणी को लेकर संतोष यादव का कहना है कि यह 3 पौधों का ऐसा संगम है, जो पर्यावरण की सबसे ज्यादा रक्षा करता है और वायुमंडल में केवल आक्सीजन छोड़ता है। आक्सीजन भी 24 घंटे त्रिवेणी से मिलती है। उनका कहना है कि बआज धरती पर मानव जीवन के पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग से बहुत बड़ा खतरा पैदा हो गया है। इस खतरे से निपटने का केवल एक जरिया है और वह है ज्यादा से ज्यादा संख्या में पौधे लगाना। पौधों में भी त्रिवेणी सबसे बढिय़ा मानी गई है और यही कारण है कि उन्होंने त्रिवेणी लगाने को लेकर एक मुहिम शुरू की है। मुहिम के तहत वह अब तक 177 त्रिवेणी लगा चुकी हैं। उनका टारगेट 1 हजार त्रिवेणी लगाने का है। जब यह टारगेट पूरा हो जाएगा तो दूसरे लोगों को भी इससे पौधारोपण को लेकर बड़ी पे्ररणा मिलेगी। यादव के अनुसार पौधों के बिना धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। 

Sunday, 18 March 2018

जींद महिला थाना महिलाओं की उम्मीदों पर उतर रहा खरा


3 साल, 3719 शिकायत, 3372 का समाधान, 338 पर केस दर्ज

यह है जींद के महिला पुलिस थाना का रिकार्ड 
जींद।  3 साल, 37 शिकायत, 3372 का समाधान और 338 पर केस दर्ज। यह है जींद के महिला पुलिस थाने का रिकार्ड, जिसे महिलाओं को जल्द इंसाफ और राहत दिलवाने के लिए बनाया गया है। 
जींद में 28 अगस्त 2015 को महिला पुलिस थाना अस्तित्व में आया था। तब से लेकर अब तक महिलाओं को न्याय दिलाने में थाना कारगर भूमिका निभा रहा है। अब तक महिला पुलिस थाना में 3710 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से 338 शिकायतों पर माम
ले दर्ज किए जबकि अन्य शिकायतों का आपसी बातचीत से महिला थाना पुलिसकर्मियों द्वारा समझौता करवा दिया गया। महिला थाने में अब तक प्राप्त 3719 शिकायतों में 3372 का समाधान करवाया गया है। महिलाओं को पुलिस थानों में अपनी शिकायत दर्ज करवाने में किसी प्रकार शर्म और परेशानी नहीं हो, इस उद्देश्य से महिला पुलिस थाने खुलवाए गए थे। इससे पहले पुरूषों के सामने अपनी शिकायत दर्ज करवाने में कई तरह की परेशानियों का सामना महिलाओं को करना पड़ता था। वह पुरूषों के सामने अपनी शिकायत को दर्ज करवाने और आपबीती को बताने में शर्माती थी। 
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महिला हैल्प लाइन पर अब तक 16340 काल प्राप्त
महिला हैल्प लाइन भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए कारगर साबित हुई। शुरूआती दौर से अब तक महिला हैल्प लाइन पर शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। महिला हैल्प लाइन से वर्ष 2015 से अब तक महिला पुलिस थाना को 16340 कॉल आई। हैल्प लाइन के माध्यम से आई 16340 काल में से 5681 शिकायतों पर मामला दर्ज हुआ। साल 2015 में 4333 कॉल आई जबकि 1364 शिकायतें हैल्प लाइन से मिली। इसी तरह वर्ष 2016 में 3635 कॉल महिला हैल्प लाइन पर आई और 1167 काल पर शिकायत दर्ज हुई। वर्ष 2017 में महिला हैल्पलाइन को 6966 काल मिली और 2829 काल पर शिकायत दर्ज हुई। इसी तरह वर्ष 2018 में अब तक महिला हैल्प लाइन को 1406 कॉल आई और इनमें से  321 पर मामले दर्ज हुए। 
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महिलाएं अपराध के सामने नहीं झुकें : संतोष
महिला पुलिस थाना प्रभारी संतोष ने कहा कि महिलाएं अपने ऊपर किसी प्रकार के अपराध को कभी बर्दाश्त नहीं करें। अगर कोई व्यक्ति घर, परिवार या फिर समाज में महिलाओं के आत्मसम्मान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश करे तो महिलाओं को तुरंत ऐसे असामाजिक व्यक्ति के खिलाफ महिला थाने में आकर अपनी शिकायत दर्ज करवानी चाहिए। इस पर महिला महिला हैल्पलाइन नंबर 1091 पर भी कॉल कर सकती हैं। इससे भी पीडि़त महिला को न्याय दिलाने का काम किया जाता है। महिला थाने में आने वाली शिकायत का प्रथम प्रयास बातचीत से समझौता करवाने का होता है, लेकिन फिर भी बात सिरे नहीं चढ़ती तो वह  तुरंत प्रभाव से पीडि़ता की शिकायत पर मामला दर्ज कर दिया जाता है। 

युवा सोच और युवा जोश से बदल रही जींद की सूरत

पीएम मोदी की बात डीसी अमित खत्री पर हो रही सही साबित

जींद, जींद के युवा डीसी अमित खत्री की युवा सोच और युवा जोश से जींद की सूरत तेजी से बदल रही है। तकनीकी रूप से जींद जिला अब प्रदेश के अनेक जिलों को पीछे छोड़ रहा है और इस क्षेत्र में जींद के माथे से पिछड़ेपन का दाग अब मिट रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपायुक्तों को लेकर कही गई बात जींद में डीसी अमित खत्री पर एकदम सही साबित हो रही है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यह कहा कि जिलों में उपायुक्त उम्र दराज अधिकारी नहीं होने चाहिएं। जिलों में इन पदों पर युवा अधिकारी नियुक्त हों तो वह ज्यादा एनर्जी के साथ काम करते हैं। प्रधानमंत्री की यह बात जींद में डीसी अमित खत्री पर एकदम सही साबित हो रही है। जब से युवा आईएएस अधिकारी अमित खत्री ने जींद में डीसी का पद संभाला है, उन्होंने अपनी युवा सोच और युवा जोश से जींद की सूरत बदलनी शुरू की है। पहली बार उन्हें किसी जिले में उपायुक्त के पद पर लगाया गया है। 2012 बैच के इस आईएएस अधिकारी ने तकनीकी रूप से जींद को प्रदेश के अग्रणी जिलों में शुमार करने में अपनी सारी एनर्जी लगाई है। इसी का नतीजा है कि जींद का तमान रैवेन्यू रिकार्ड अब कप्यूटराइज्ड होने जा रहा है। यह खुद में बहुत बड़ा ककाम है और इसे करवाने का मादा डीसी अमित खत्री ने दिखाया। इसी तरह जींद में जीआईएस लैब स्थापित होना भी युवा डीसी की सोच का नतीजा है। इस तरह की लैब वाला जींद प्रदेश का महज चौथा जिला है। जीआईएस लैब से जींद के विकास को नई गति मिलेगी। हाल ही में 30 लाख रूपए की लागत से बनी जीआईएस लैब को प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने जनता को समर्पित किया। जिले के ई-दिशा केंद्रों की सूरत बदलने जैसे बड़े कदम भी डीसी अमित खत्री ने उठाए हैं। कंप्यूटर लिटरेसी बस भी जल्द जींद में आ रही है। इसे भी डीसी अमित खत्री ने जींद जिले में रोजगार के लिए सबसे अहम मानते हुए जिला इनोवेशन फंड से इसके लिए लगभग 38 लाख रूपए की राशि का प्रावधान किया है। कंप्यूटर लिटरेसी बस को लेकर डीसी अमित खत्री का मानना है कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। अब रोजगार सरकारी या निजी, जिस भी क्षेत्र में चाहिए, इसके लिए कंप्यूटर लिटरेसी जरूरी है। 

शहर के कचरे से कम्पोस्ट खाद की योजना 
डीसी अमित खत्री ने शहर के गीले और ठोस कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाने की योजना भी हाथ में ली है। गुरू ग्राम में नगर निगम के प्रशासक रहते अमित खत्री ने वहां कचरे से कम्पोस्ट खाद बनते देखी थी। लगभग 2 लाख की आबादी वाला जींद शहर हर रोज 80 टन ठोस और इससे कहीं ज्यादा गीला कचरा उगलता है। कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाने को लेकर उन्होंने शहर के 2 वार्डो 14 और 16 में काम शुरू कर वा दिया है। यहां बनने वाली कम्पोस्ट खाद को कृषि और बागवानी विभाग को दिया जाएगा, ताकि वह इसका इस्तेमाल अपने प्लांटों में कर सकें । यह पायलट प्रोजैक्ट सफल रहता है तो फिर 15 अगस्त तक शहर के तमाम 31 वार्डो में कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाकर उसे किसानों को बेचना शुरू किया जाएगा। इस योजना को लेकर डीसी अमित खत्री का कहना है कि शहर के कचरे का इससे बेहतर इस्तेमाल नहीं हो सकता। दक्षिण भारत में कुछ जगह कचरे का कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। इससे एक तो पर्यावरण साफ रहता है और दूसरे गंदगी भी नहीं फैलती। तीसरा फायदा यह है कि खेतों और बागों के लिए कम्पोस्ट खाद उपलब्ध हो जाती है। 
2 साल से भी ज्यादा समय से अधर में लटकी सीसीटीवी लगाने की योजना को चढ़ाया सिरे
2 लाख की आबादी वाले जींद शहर को सुरक्षा के लिए तीसरी आंख की पहरेदारी में लाने की योजना 2 साल से भी ज्यादा समय से अधर में लटकी हुई थी, जब मुकेश देवी नगर परिषद की प्रधान थी, तब शहर में 50 सीसीटीवी कैमरे अहम और संवेदनशील स्थानों पर लगाए जाने की योजना बनी थी। इस योजना की फाइल 2 साल से भी ज्यादा समय तक धूल फांकती रही। अब डीसी अमित खत्री ने इस अहम फाइल को खंगालते हुए इसकी धूल हटाई। योजना की तमाम खामियों को दूर किया और सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए लगभग 4 करोड़ रूपए की राशि को मंजूरी दिलवाई। 4 करोड़ रूपए की लागत से शहर के 20 चौराहों पर हाई क्वालिटी के 80 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। इससे अपराध रोकने में मदद मिलेगी और शहर की सुरक्षा मजबूत होगी। पुलिस को भी इससे काफी मदद अपराध रोकने में मिलेगी। 

सेहतमंद रहना है तो खाना सीखो और भोजन में करो सुधार

 500 से ज्यादा लोगों को दिया स्वस्थ रहने का यह मूल मंत्र
नैचुरल लाइफ स्टाइल संस्था ने हिंदू कालेज में लगाया शिविर
जींद
सेहतमंद रहना है और बीमारियों से खुद को और अपने नजदीकियों को दूर रखना है तो खाना सीखो और अपने भोजन में सुधार करो। यह करने से सेहत बनती है और पैसा बचता है। 

यह मूल मंत्र दिया रविवार को नैचुरल लाइफ स्टाइल संस्था ने। इस संस्था ने रविवार को जींद के हिंदू कन्या कालेज में नैचुरल लाइफ स्टाइल पर एक शिविर का आयोजन किया। शिविर में संस्था के आचार्य मोहन गुप्ता खुद दिल्ली के रोहिणी से चलकर पहुंचे। हिंदू कन्या कालेज के बृजमोहन सिंगला मैमोरियल आडिटोरियम हाल में 500 से ज्यादा लोग शिविर में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। लगभग खचाखच भरे इस आडिटोरियम हाल में आचार्य मोहन गुप्ता ने लोगों को खाना सीखो, भोजन में सुधार करो का मूलमंत्र देते हुए कहा कि यह करने से ही स्वस्थ रहा जा सकता है। इसमें उन्होंने कहा कि बिना दवा जीवन जीने की कला यह है कि आपके भोजन में नींबू, मिर्च और नमक का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। नमक को लेकर उन्होंने कहा कि केवल सेंधा नमक और वह भी बेहद कम मात्रा में भोजन में लिया जाए। आचार्य मोहन गुप्ता ने कहा कि भोजन पूरी तरह चबाकर खाना चाहिए। जो लोग जल्दी में और बिना चबाए भोजन करते हैं, वह कई तरह की बीमारियों को खुद न्यौता देते हैं। आचार्य मोहन गुप्ता ने लोगों को बताया कि कैसे भोजन में सुधार किया जाए और भोजन कैसे लेना चाहिए। इन 2 बातों में ही उन्होंने स्वस्थ जीवन के तमाम सार बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति इस नैचुरल लाइफ स्टाइल को अपना लेगा, वह बीमारियों और डाक्टरों से सदा दूर रहेगा। 

बोला ही नहीं, करके भी दिखाया
हिंदू कन्या कालेज में आयोजित नैचुरल लाइफ स्टाइल शिविर में आचार्य मोहन गुप्ता और यहां इसके आयोजक रामबिलास मित्तल आदि ने खाना सीखो और भोजन में सुधार करो को लेकर केवल मंच से बोला ही नहीं बल्कि इसे करके भी दिखाया। शिविर में पहुंचे लोगों के लिए खीरा, ककड़ी, टमाटर, कच्चा नारियल, हरा धनिया का सलाद बनाकर खिलाया गया। इसमें दिखाया गया कि सलाद किस तरह बनाया जाए। उसे किस तरह से खाया जाए। इसी तरह नैचूरल स्टाइल का भोजन भी तैयार करवाया गया। यह भोजन किस तरह से बना और इसे किस तरह से खाया जाए, इसे लेकर भी शिविर में आए लोगों को पूरी जानकारी दी गई। इस शिविर में भाग लेने के बाद कई लोगों ने कहा कि उन्हें पहली बार यह पता चला है कि जिस भोजन को वह पौष्टिक मानकर ले रहे थे, उसमें जहर भी रहता है। अब इस जहर से बचने की जानकारी शिविर के माध्यम से उन्हें मिली है। सफीदों रोड पर सुजूकी शोरूम के संचालक अनिल जैन ने कहा कि पहली बार उन्हें यह पता चला कि भोजन कैसा हो और उसे कैसे खाया जाए। अब तक भोजन को लेकर जो चल रहा था, वह सही नहीं था। इस तरह के शिविर लगातार लगते रहने चाहिएं। हिंदू कन्या कालेज के प्रधान अंशुल सिंगला ने भी कहा कि शिविर में स्वस्थ जीवन के बारे में अहम जानकारी मिली। भोजन कैसा हो और कैसे खाया जाए, इसी में सब कुछ है। पता पहली बार चला है। 
रामबिलास मित्तल ने कहा, नैचुरल लाइफ स्टाइल से बची जिंदगी
इस शिविर के आयोजक रामबिलास मित्तल ने कहा कि उन्हें दिल की बीमारी थी। साथ में शुगर भी थी। 2 बार वह स्टंट डलवा चुका था और डाक्टरों ने तीसरी बार फिर स्टंट डलवाने के लिए बोल दिया था। आचार्य मोहन गुप्ता के नैचुरल लाइफ स्टाइल के जरिये उन्होंने भोजन में सुधार किया और भोजन कैसे लिया जाए, इसे जाना तो तीसरी बार स्टंट डलवाने की नौबत नहीं आई। अब वह सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने केवल अपने भोजन में सुधार किया और खाना खाने का सही तरीका जाना। 

खुद को पर्यावरण के लिए महिला वकील ने कर दिया समर्पित

अब तक लगवा चुकी 177 त्रिवेणी जींद। महिला एडवोकेट संतोष यादव ने खुद को पर्यावरण की हिफाजत के लिए समर्पित कर दिया है। वह जींद समेत अब तक...