Monday, 10 March 2014

प्रदेश के किसानों को जहरमुक्त खेती का संदेश देंगे जींद के किसान

जहरमुक्त खेती की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए किसान आयोग ने थामा जींद के किसानों का हाथ 

इनोवेशन फंड के तहत हर वर्ष हरियाणा किसान आयोग खर्च करेगा दो करोड़


जींद। जींद जिले से शुरू हुई थाली को जहरमुक्त बनाने की मुहिम से अब पूरे प्रदेश के किसान जुड़ेंगे। जिले के मास्टर ट्रेनर किसान अब प्रदेशभर के किसानों को कीट ज्ञान का पाठ पढ़ाएंगे। कीट ज्ञान की इस मुहिम को प्रदेश के सभी किसानों तक पहुंचाने के लिए हरियाणा किसान आयोग माध्यम बनेगा। किसान आयोग द्वारा इस मुहिम को शिखर तक पहुंचाने के लिए इनोवेशन फंड के तहत हर वर्ष दो करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शुक्रवार को जींद के किसान प्रशिक्षण केंद्र (हमेटी) में कपास में एकीकृत कीट प्रबंधन विषय पर आयोजित बुद्धिशीलता सत्र के दौरान हरियाणा किसान आयोग के चेयरमैन डा. आरएस परोदा ने जींद के किसानों की इस मुहिम को प्रदेशभर में फैलाने की मांग पर अपनी सहमति की मोहर लगा दी है। 
फसलों में अंधाधुंध कीटनाशकों के प्रयोग के कारण दूषित हो रहे खान-पान को देखते हुए कृषि विभाग के एडीओ डॉ. सुरेंद्र दलाल के नेतृत्व में वर्ष 2008 में जींद जिले के निडाना गांव से कीट ज्ञान क्रांति की मुहिम की शुरूआत हुई थी। इस मुहिम से जुड़े किसानों द्वारा पिछले पांच-छह वर्षों से अपने खर्च पर किसाना पाठशालाओं का आयोजन कर इस मुहिम को आगे बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। कीटों पर किसानों द्वारा किये जा रहे सफल प्रयोगों को देखते हुए पिछले दो वर्षों से जींद जिले के कृषि विभाग के अधिकारी भी इन किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे लेकिन संशाधनों तथा बजट के अभाव के कारण प्रदेशभर के किसानों को इस मुहिम से जोडऩे में जींद के मास्टर ट्रेनर किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जींद जिले में चल रही कीट ज्ञान की इस मुहिम की सार्र्थकता को देखते हुए अब हरियाणा किसान आयोग ने जींद जिले के इन कीटाचार्य किसानों का हाथ थाम लिया है। हरियाणा किसान आयोग अब कीट ज्ञान की इस मुहिम को प्रदेशभर में फैलाने के लिए जींद के किसानों को मास्टर ट्रेनर के तौर पर प्रदेश के अन्य जिलों में भेजेगा। इसके लिए आयोग द्वारा 2 करोड़ का बजट तैयार किया गया है। आयोग द्वारा प्रगतिशील किसानों के अनुभवों को अन्य जिलों के किसानों तक पहुंचाने के लिए हर वर्ष दो करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। इनोवेशन फंड के तहत दो करोड़ हरियाणा किसान आयोग खर्च करेगा तथा एक करोड़ रुपये मार्केटिंग बोर्ड से एकत्रित करेगा। 

वैज्ञानिक रूप से अनुमति दिलवाने के लिए होगा रिसर्च

जींद के किसानों द्वारा कीटों पर किए गए शोध को वैज्ञानिक रूप से अनुमति दिलवाने के लिए कृषि विश्वविद्यालय में इस काम पर वैज्ञानिक शोध भी करवाया जाएगा। शोध के बाद कृषि विभाग से इस काम को वैज्ञानिक तौर पर अनुमति मिलने के बाद इस मुहिम को प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के किसानों तक पहुंचाने में काफी आसानी होगी। 
डॉ. आरएस परोदा के चेयरमैन हरियाणा किसान आयोग
किसानों से बातचीत करते हरियाणा किसान आयोग के चेयरमैन डॉ. आरएस परोदा। 

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