Friday, 27 October 2017

आसन गांव का तीर्थ अश्वनी कुमार दूर-दूर तक प्रसिद्ध


तीर्थ में स्नान करने से दूर होती हैं बीमारियां 


पिल्लूखेड़ा : जींद जिले के आसन गांव का तीर्थ अश्वनी कुमार दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। 33 करोड़ देवी देवताओं के वैद्य अश्वनी कुमारों के इस तीर्थ में स्नान करने से अनेकों बीमारियां ठीक होती है। यह जानकारी देते हुए मंदिर की समिति के प्रधान सत्यनारायण शर्मा, पुजारी रामधीन दास, उपप्रधान जिले राम, इंद्र दत्त, टेक राम नम्बरदार, मा. जगदीश, मा. धर्म चंद, सरपंच पद्म सिंह, पूर्व सरपंच रामनिवास, किताब सिंह, मा.बलवंत व नफे सिंह ने बताया कि आसन गांव का अश्वनी कुमार तीर्थ व यह मंदिर 24 एकड़ में बना हुआ है। अश्वनी कुमारों के तीर्थ कुंड में च्वयन ऋषि ने स्नान करके नेत्र ज्योति प्राप्त की थी और वे बूढ़े से जवान हुए थे। उन्होंने बताया कि अश्वनी कुमारों के तीर्थ में नहाने से मनुष्य रूप वान व बलवान हो जाता है। जिससे यहां पर स्नान करने वाले लोगों का तांता लगा रहता है और लोग इस तालाब में नहाकर काफी बीमारियों से छुटकारा पा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस तीर्थ अश्वनी कुमार नहाने से मनुष्य के सभी रोग व कष्ट दूर हो जाते हैं। यहां दूर दराज से हजारों की संख्या में आस्था वान लोग आकर तीर्थ में स्नान करते हैं और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करते हैं। यहां श्रद्धालु देवी देवताओं के वैद्य अश्वनी कुमारों का दर्शन करते हैं और मन्नतें भी मांगते हैं, काफी लोगों की मन्नतें पूरी होती हैं। जिसके उपरांत कड़ाह प्रसाद बांटा जाता है। उन्होंने बताया कि जो भी बच्चा मूल दोष में पैदा होता है। उसे इस पवित्र अश्वनी कुमार तीर्थ में स्नान करने से और पक्षियों को दाना डालने से मूल दोष से शांति मिलती है। पुजारी रामधीन दास ने बताया कि यहां शुक्ल पक्ष के रविवार को यात्रियों का तांता लगा रहता है और हर रविवार को यहां आस-पास के सभी गांवों से श्रद्धालु आकर अश्वनी कुमारों के दर्शन करते हैं और तीर्थ में स्नान करते हैं। उन्होंने बताया कि इस तीर्थ में राजा शर्याति की लड़की सुकन्या के पति च्वयन ऋषि जो पहले आंखों से अंधे थे, उनको इस अश्वनी कुमार तीर्थ में नहाने से दोनो नेत्र प्राप्त हुए थे और उन्हें बूढ़े से जवान अवस्था प्राप्त हुई थी। यहीं सती सुकन्या का सत आजमाया गया था। उन्होंने बताया कि भागवत पुराण के अनुसार इस तालाब में पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ स्नान करने से मनुष्य रूप वान हो जाता है और बीमारियों से छुटकारा पाता है। उन्होंने बताया कि अश्वनी कुमार सूर्य के पुत्र है इसलिए इनको सूर्यवंशी भी कहा जाता है। 24 एकड़ में फैले होने से काफी श्रद्धालु तीर्थ की फेरी देने में असमर्थ होते थे। इस समस्या को देखते हुए गांव की कमेटी ने विचार विमर्श करके तीर्थ के बीच में मिट्टी डलवाकर दो भागों में बांट दिया, ताकि श्रद्धालुओं को तीर्थ की फेरी देने में किसी प्रकार की कष्ट न हो। ग्रामीणों ने बताया कि यहां श्रद्धालु अपनी नेक कमाई में से दान स्वरूप भेंट भी देते हैं। गांव के निवासी लाला सत्यनारायण, लखी राम, कृष्ण लाल व रामधन आदि ने यहां मंदिरों को भव्य रूप देने के लिए लाखों रूप का दान देकर मंदिर का दोबारा से निर्माण करवा रहे हैं। इस मौके पर राम भगत, रामपुज, पूर्ण चंद शर्मा, लखीराम, पालेराम, कृष्ण फौजी, जय भगवान सूूबेदार, धर्मपाल, रामभज शर्मा, आनंद पंच व जय भगवान नम्बरदार आदि मौजूद रहें।

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