Saturday, 28 October 2017

जिले में डेंगू का दंश हुआ तीखा, एक की मौत

 कुल मिले 41 पॉजिटीव, दो दिन में संख्या हुई आठ

डेंगू पीडि़त की मौत से स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इलाके में पहुंच किया सर्वे
वर्ष 2016 में आए थे 300 से ज्यादा डेंगू पॉजिटीव 

जींद

जिले में दो साल के बाद एक बार फिर डेंगू ने पांव पसारने शुरु कर दिए हैं। जबकि वायरल का प्रकोप भी जबरदस्त फैला हुआ है। शनिवार को डेंगू पीडि़त व्यक्ति की मौत से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। मौजूदा सीजन में डेंगू पीडि़त लोगों की संख्या 41 तक जा पहुंची है। व्यक्ति की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पटियाला चौंक इलाके के हकीकत नगर का दौरा किया और लोगों को डेंगू से बचने के तौर तरीके भी बताए। वर्ष 2015 में डेंगू पॉजिटीव का आंकड़ा 300 पार हो गया था। एक बार फिर जिले में डेंगू का दंश लगातार तीखा होता जा रहा है। हर रोज डेंगू पॉजिटीव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले दो दिनों में आठ डेंगू पॉजिटीव के मामले सामने आए हैं। जिसके चलते अब तक डेंगू पीडि़तों की संख्या बढ़कर 41 तक जा पहुंची है। स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद थी कि तापमान गिरावट के साथ ही डेंगू का दंश भी कमजोर हो जाएगा लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने डोर टु डोर बकायदा सर्वे किया था और डेंगू का लार्वा पाए जाने पर कुछ लोगों को जुर्माना भी लगाया था और साथ में बचाव के तौर तरीके भी बताए थे। बावजूद इसके डेंगू पॉजिटीव के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिन क्षेत्रों में डेंगू के मरीज मिले हैं, वहां पर फोगिंग के कार्य में तेजी आएगी। 

सामान्य अस्पताल में स्थापित की गई है लैब तथा आईसोलेशन वार्ड
वर्ष 2015 में डेंगू पॉजिटीव के मामले लगातार सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सामान्य अस्पताल में स्पेशल लैब की स्थापना की थी। मरीजों की अच्छी खासी संख्या को देखते हुए आईसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है। स्पेशल लैब न होने के कारण निजी लैबों में जांच करवाई जा रही थी या फिर मरीजों को दूसरे बड़े शहरों में जाना पड़ रहा था। सामान्य अस्पताल में लैब के स्थापित होने से टेस्ट सामान्य अस्पताल में हो रहे हैं। सबसे बड़ा फायदा यह है कि टेस्ट के बाद उसी दिन मरीज को रिपोर्ट मिल जाती है। 
हकीकत नगर में डेंगू पीडि़त की हुई मौत
हकीकत नगर निवासी दर्शनलाल (65) को 21 अक्टूबर को बुखार के चलते सामान्य अस्पताल में भरती करवाया गया था। सैंपल लेने के बाद दर्शनलाल का टेस्ट डेंगू पॉजिटीव आया था। जिस पर परिजन उसे हिसार के निजी अस्पताल में ले गए। जहां पर उपचार के दौरान शनिवार को दर्शनलाल की मौत हो गई। जिसकी पुष्टि सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने की है। 
सामान्य अस्पताल के सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने बताया कि हकीकत नगर में डेंगू से एक व्यक्ति की मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इलाके का सर्वे किया है। बुखार पीडि़त लोगों का स्वास्थ्य जांचा जा रहा है। डेंगू से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाए गए हैं। साथ ही उन्होंने लोगों से भी एतिहात बरतने की अपील की है। 
डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों ने चलाया अभियान
डेंगू के बढ़ते मामलों के मध्यनजर स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा शनिवार को शहर की विभिन्न कालोनियों में घर-घर जाकर लोगों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया बुखार के लक्ष्ण, कारण व बचाव की जानकरी दी गई और बुखार से पीडि़त 17 लोगो के खून के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे। इस अवसर पर स्वास्थ्यकर्मियो ने घरों मे कूलर, पानी टंकियो की भी जांच की ताकि डेेंगू व मलेरिया का लारवा पैदा होने से पहले ही नष्ट किया जा सके। स्वास्थ्य निरीक्षक राममेहर वर्मा व रामकुमार की अगुवाई मे स्वास्थ्य कर्मियों ने मुख्य रूप से हकीकत नगर पटियाला चौंक और उसके आसपास के ईश्वर नगर, पटेल नगर, सावित्री नगर मे जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को अपने घरो के आसपास साफ सफाई रखने के लिए प्रेरित किया। सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने डेंगू के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यदि किसी व्यक्ति को बुखार आ रहा है तो ऐसी स्थिति मे मरीज को तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्यकर्मी व चिकित्सक की सहायता लेने और अपने खून की जांच करवाने की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया गया कि नागरिक अस्पताल में डेंगू की जांच सहित सभी आवश्यक सुविधाएं जनता को प्रदान की जा रही हंै। डा. दहिया ने बताया कि यदि व्यक्ति थोड़ी सी सावधानी बरते तो वह अपने आप व अपने परिवार के अलावा अपने पड़ोसी को इन रोगों से बचा सकता है। जिला में डेंगू के बढ़ते मामलो को देखते हुए स्वास्थ्यकर्मियों को जागरूकता अभियान लगातार जारी रखने के आदेश दे दिए हंै ताकि जनता को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकें। इस मौके पर स्वास्थ्यकर्मी प्रदीप शर्मा, ओमप्रकाश, सुमन रानी, सीता देवी, जगदीप, अमरजीत, गुरनाम सिंह, राजरानी, राधा रानी, उर्मिला देवी, पवन कुमार, आदि मौजूद रहे। 
सफीदों नागरिक अस्पताल में नहीं डेंगू जांच व इलाज की कोई सुविधा
भले ही स्वास्थ्य विभाग का अमला यह कहता ना थक रहा हो कि सफीदों क्षेत्र में डेंगू का कोई मामला नहीं है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सफीदों क्षेत्र में डेंगू ने अपने पूरे पैर पसार रखे हैं। क्षेत्र का कोई गली या मौहल्ला मौहल्ला नहीं है जहां पर डेंंगू के मरीज ना हों। लोगों के हाथों में ड्रिप लगी देखी जा रही है। नगर के हर प्राईवेट अस्पताल, टैस्ट लैब व मेडीकल स्टोरों पर ईलाज व दवाई लेने वाले मरीजों व उनके परिजनों की भारी भीड़ जमा है। नीजि अस्पतालों में मरीजों को इलाज के एक लंबा इंतजार करना पड़ रहा है और किसी मरीज को जरा भी ज्यादा दिक्कत नजर आती है तो उसे बाहर किसी बड़े शहर में ले जाने की बात कह दी जाती है। इस सब के बावजूद स्वास्थ्य विभाग सफीदों के डेंगू व बुखार के निपटने के इंतजाम नंगण्य हैं। एक सरकारी तौर पर जारी पै्रस विज्ञप्ति में पिछले दिनों हाट गांव में फैले वायरल बुखार की स्थिति जांचने पहुंचे एसएमओ डा. कुलदीप राणा ने कहा था कि सभी निजी हॉस्पिटल, क्लीनिक और लैब को डेंगू जांचने पर तुरंत प्रभाव से पाबन्दी लगा दी गयी है और सरकारी संस्थानों के अलावा किसी को भी इस प्रकार के टेस्ट करने की इजाजत नहीं है। इसके अलावा कोई भी प्राइवेट क्लीनिक अथवा लैब संचालक बिना सरकारी इजाजत के डेंगू बुखार घोषित नहीं कर सकता, ऐसा करते पकड़े जाने पर संबंधित क्लीनिक अथवा लैब पर सख्त कानूनी कार्रवाही अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा प्राइवेट क्लीनिक में जाने की बजाए सरकारी पीएचसी, सीएचसी अथवा सामान्य अस्पताल में जांच करवाने की बात कही गई थी। सरकारी तंत्र की ओर से घोषणा तो कर दी गई लेकिन उसके लिए इंतजाम कुछ भी नहीं किए गए। सफीदों के गांवों की तो बात दूर नगर के नागरिक अस्पताल में भी डेंगू जांचने व उसके इलाज की कोई भी सुविधा नहीं है। शनिवार को मरीज नगर के सामान्य अस्पताल में डेंगू के टैस्ट के लिए पहुंचे लेकिन उनको प्रयोगशाला में बताया गया कि इस अस्पताल में डेंगू जांच के लिए कोई सुविधा नहीं है और यह सुविधा केवल और केवल जींद के सामान्य अस्पताल में ही है। अगर डेंगू का टैस्ट करवाना है तो जींद ही जाना होगा। जिसको लेकर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सवाल यह है कि क्या बिना सुविधा व केवल बातों से ही क्षेत्र में डेंगू जैसी बीमारी पर काबू पा लिया जाएगा। हालात ये हैं कि सुविधाओं के अभाव में मरीजों को मजबूरन नीजि अस्पतालों व टैस्ट लैबों की शरण लेनी पड़ रही है। मौके लाभ उठाकर इलाज व टैस्ट के नाम पर मोटी रकम मरीजों से ली जा रही है। स्थिति यह है कि साधन संपन्न आदमी तो अपने मरीज को इलाज के लिए लेकर जींद या कहीं अन्यत्र बड़े नगर में ले जाएगा या ले जा रहा है लेकिन विडम्बना तो यह है गरीब आदमी आखिर कहां पर जाए? पैसों के अभाव में उसके पास कोई विशेष साधन उपलब्ध नहीं है। उसे कहीं ना कहीं से पैसों का जुगाड़ करके अपने मरीज का इलाज करवाना पड़ रहा है। डेंगू का भय क्षेत्र में कायम है और बुखार होने की स्थिति में डेंगू का भय और अधिक बढ़ जाता है। परिजन मरीज को अस्पताल में लेकर जाते हैं तो सबसे पहले डेंगू का टैस्ट करवाने की सलाह दी जाती है और मात्र टैस्ट करवाने में ही मोटी रकम खर्च हो रही है। लोगों की मांग है कि सरकार व स्वास्थ्य विभाग की ओर से सफीदों के सामान्य अस्पताल में ही डेंगू जांच, उसके इलाज, अलग से वार्ड व डाक्टरों की सुविधा होनी चाहिए ताकि लोगों को इधर-उधर धक्के ना खाने पडे। इसके अलावा नगर में सघन सफाई अभियान व फौगिंग करवाने की आवश्यकता है।
इस मामले में एसएमओ सफीदों डा. कुलदीप राणा का कहना है कि सफीदों नागरिक अस्पताल में डेंगू इलाज की सुविधा नहीं है। डेंगू की जांच के लिए जींद सामान्य अस्पताल के कमरा नंबर 24 में सुविधा दी गई है। मरीज जींद जाकर डेंगू की जांच करवा सकता है।

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