इस पर 95 लाख रूपए की राशि खर्च करने की योजना
जयंती देवी मंदिर की पार्क को मिलेगा स्वर्ण जयंती पार्क का दर्जा
इस पर डेढ़ करोड़ रूपए की राशि खर्च होने का अनुमान
जींद
: शहर के बीचों-बीच स्थित पुराने किले की लगभग 2 एकड़ जमीन पर अब पार्क विकसित होगी और इसका नाम महात्मा ज्योतिबा फूले के नाम पर रखा जाएगा। इस पार्क को विकसित करने पर लगभग 95 लाख रूपए की राशि खर्च होने का अनुमान है। शहर में जयंती देवी मंदिर परिसर की जमीन में ही जींद की जिला स्तर की स्वर्ण जयंती पार्क विकसित होगी। इस पर लगभग डेढ़ करोड़ रूपए की राशि नगर परिषद खर्च करेगी।
पुराना किला कभी जींद रियासत का मुख्यालय होता था। इसी पुराने किले में जींद रियासत के राजा बैठकर यहां से अपना शासन चलाते थे। जींद रियासत की जेल भी इसी किले में होती थी। दशकों तक जींद का यह पुराना किला जींद रियासत की बहुत बड़ी पहचान जींद में रहा। आजादी के बाद जब रियासत समाप्त हुई, तब पुराने किले में पहले जिला कारागार बनाई गई। जिला कारागार यहां से गोहाना रोड पर शिफ्ट हुई तो सालों तक पुराने किले में होम गार्ड का मुख्यालय रहा। साल 2004 में जब प्रदेश में इनैलो की सरकार थी, तब पुराने किले को जमींदोज कर दिया गया था। इसके साथ ही जींद रियासत की यह अंतिम निशानी भी समाप्त हो गई थी। उसके बाद से पुराने किले की इस जमीन पर आस-पास के लोग अवैध कब्जे और अतिक्रमण करते रहे। साल 2012 में जब युद्धवीर सिंह ख्यालिया जींद के डीसी थे, तब उन्होंने पुराने किले की जमीन पर पार्क बनाने की योजना बनाई थी। 5 साल में पुराने किले की जमीन पर पार्क नहीं बन पाई। इस दौरान कई बार नगर परिषद प्रशासन को पुराने किले की सरकारी जमीन से अवैध कब्जे और अवैध निर्माण पुलिस बल की मदद लेकर जेसीबी मशीन के साथ हटाने पड़े। इसका कई बार विरोध भी हुआ।
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अब 95 लाख से बनेगी महात्मा ज्योतिबा फूले पार्क
पुराने किले की जमीन पर अब महात्मा ज्योतिबा फूले के नाम से आधुनिक पार्क बनेगी। इस पर लगभग 95 लाख रूपए की राशि खर्च की जाएगी। महात्मा ज्योतिबा फूले पार्क में बच्चों के लिए झूले लगाए जाएंगे। यहां रात के समय रोशनी की व्यवस्था होगी। सैर के लिए आने वाले लोगों के लिए टायलेट बनाए जाएंगे। पार्क में सैर करने के लिए पगडंडी बनेंगी। इस पूरी कवायद पर लगभग 95 लाख रूपए की राशि खर्च होने का अनुमान है। पुराने किले की जमीन पर पार्क पुराने जींद शहर के लोगों के लिए बहुत बड़ी सौगात होगी। इसके आस-पास कोई ढंग की पार्क नहीं है, जहां पुराने शहर के लोग फुर्सत के चंद पल शुकून के साथ गुजार सकें और बच्चे घरों से बाहर निकल कर पार्क में खेलने और झूले झूलने का मजा ले सकें। पुराने किले के पास शहर की आबादी बेहद घनी है। यहां पार्क की बात तो दूर, ग्रीन बैल्ट नाम की चीज भी नहीं है। लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। यहां पार्क बनी तो लोगों को काफी सुविधा होगी और यह इन लोगों के लिए नगर परिषद की तरफ से बहुत बड़ी सौगात होगी।
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पार्क लोगों के लिए होगी बड़ी सौगात : पूनम सैनी
नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी के अनुसार पुराने किले की जमीन पर आधुनिक पार्क नगर परिषद विकसित करेगी। इसका नाम महात्मा ज्योतिबा फूले पार्क होगा। लगभग 95 लाख रूपए की लागत से विकसित होने वाली पार्क आस-पास के लोगों के लिए बहुत बड़ी सौगात होगी। लंबे समय से पुराने शहर के लोग आधुनिक पार्क की मांग कर रहे थे और यह मांग अब महात्मा ज्योतिबा फूले पार्क बनने से पूरी होगी।
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जयंती देवी मंदिर के पास बनेगी जींद की स्वर्ण जयंती पार्क
जींद नगर परिषद प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर सरकार की योजना के अनुसार बनने वाली स्वर्ण जयंती पार्क जींद के जयंती देवी मंदिर के साथ लगती मंदिर की जमीन पर विकसित की जाएगी। इस पर लगभग डेढ़ करोड़ रूपए की राशि खर्च होगी। नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी के अनुसार पहले ही नगर परिषद ने यहां स्वर्ण जयंती पार्क विकसित करने की योजना का मसौदा सरकार को मंजूरी के लिए भेज दिया था। इस मसौदे में कुछ खामियां मुख्यालय ने निकालते हुए नए सिरे से मसौदा भेजने को कहा था। अब रिवाइज्ड मसौदा मुख्यालय को भेज दिया गया है। स्वर्ण जयंती पार्क में बच्चों के लिए झूलों की व्यवस्था होगी। एक मीटिंग हाल बनाया जाएगा। इस पार्क में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए 4 टायलेट बनेंगे। इसकी चारदीवारी का निर्माण करवाया जाएगा। स्वर्ण जयंती पार्क में अत्याधुनिक पार्क वाली तमाम सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। रात में यह पार्क दिन की तरह लाइटों से रोशन रहेगी। यह शहर की सबसे सुंदर और बड़ी पार्क होगी।
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