Friday, 27 October 2017

जींद के 46 गांवों में नहीं है लिंगानुपात संतुलित

खराब लिंगानुपात वाले गांवों में चलाए जा रहे हैं जागरूकता कार्यक्रम                              
डीसी ने लिंगानुपात सुधारने को लेकर अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

जींद / डीसी अमित खत्री ने बताया कि जींद जिला के 46 ऐसे गांवों की पहचान की गई है, जिनमें लिंगानुपात संतुलित नहीं है। इन गांवों पर विशेष फोकस रहेगा ताकि लिंगानुपात को सुधारा जा सके। इस आश्य की जानकारी डीसी ने मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. राकेश गुप्ता के साथ हुई वीडियो कान्फ्रंैसिंग में दी। डीसी ने बताया कि  जिला में 46 गांवों की पहचान कर उनमें लोगों को प्रेरित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नाटक मण्डलियां प्रचार कार्य पर लगाई गई है। 
गत माह जींद का लिंगानुपात 901 रहा
पिछले माह में जिला का लिंगानुपात 9०1 था। अब उन गांवों को सूचीबद्ध किया गया है जिनमें लिंगानुपात खराब है, उसे सुधारने के प्रयार शुरू किए गए हैं। इसके अलावा जिला में गठित एडवाइजरी कमेटी द्वारा अल्ट्रासाउंड सैंटरों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जा रहा है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष हिदायतें दी गई हंै कि वे गर्भ धारण करने वाली महिलाओं की ट्रैकिंग प्रणाली को प्रभावी तरीके से लागू करें। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में सुधार के परिणाम आने में समय लगता है। सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए जिला में रोड सेफ्टी कमेटी की नियमित रूप से बैठक ली जा रही है। इस कार्य में रोड सेफ्टी एसोसिएट की भी सेवाएं ली जा रही हैं। सड़कों पर डैंजर जोन  की पहचान कर वहां सुरक्षा के हिसाब से आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि सड़क दुर्घटनाओं में किसी की जान न जाये। 
सीएम विंडो पर आने वाली शिकायतों का हो रहा निपटारा 
डीसी अमित खत्री ने बताया कि सीएम विंडो पर लंबित शिकायतों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से करवाया जा रहा है। अधिकारियों को विशेष निर्देश है कि तीन माह से ज्यादा कोई भी शिकायत लंबित न रहे। उन्होंने बताया कि सक्षम हरियाणा कार्यक्रम के तहत युवकों को रोजगार के  अवसर उपलब्ध करवाए जा रहे हंै। स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जुलाना तथा अलेवा खंड में स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के शिक्षा स्तर में सुधार लाने  के लिए कलस्टर बनाए गए हैं और वरिष्ठ अधिकारियों को इसका जिम्मा दिया गया है।
ग्रामीण व शहरी क्षेत्र खुले में शौचमुक्त हुआ 
डीसी ने बताया कि जींद जिला के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त बनाया गया है। उन्होंने कहा कि लोग खुले में शौच न जाएं, यह उनकी आदत में सुमार किया जाना जरूरी है।  इसके लिए नियमित रूप से प्रयास चलते रहेंगे। जिला को आवारा पशु मुक्त जिला बनाया गया है। दूसरे जिलों या बॉर्डर पार से पशु जिला में न आने पाएं, इस पर नजर रखी जा रही है। जिला मुख्यालय पर नंदीशाला का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। नंदियों, गोवंश के लिए जिला मुख्यालय पर बनी अस्थायी नंदीशाला में चारा पहुंचाने के लिए चारा  कमेटियां बनाई गई हंै। इस काम में ग्राम पंचायतों का सहयोग लिया जा रहा है। 
ये अधिकारी रहे मौजूद 
वीडियो कॉन्फ्रैसिंग में प्रवर पुलिस अधीक्षक  डा. अरूण सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त धीरेंद्र खडगटा, नगराधीश एसएस मान, जिला राजस्व अधिकारी रामफल कटारिया, सिविल सर्जन डा. संजय दहिया, मुख्यमंत्री की सुशासन सहयोगी शुभी केसरवानी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सत्यवती तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। 

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