अनुदान राशि के लिए जींद को मिला 40 लाख का बजट
जींद : किसान अपने खेतों में अब परंपरागत गेहंू और धान की खेती करने की बजाय सब्जी की खेती की तरफ मुड़ें, इसके लिए उद्यान विभाग ने इस साल जींद में टमाटर की खेती को बढ़ावा देने पर फोकस किया है। टमाटर की खेती करने वाले किसानों को विभाग सबसिडी देगा। इसके लिए 40 लाख रूपए का बजट जींद को अलाट किया गया है। 500 एकड़ में टमाटर की खेती का लक्ष्य जींद के लिए विभाग के मुख्यालय ने निर्धारित किया है।
फसल विविधिकरण पर कृषि विभाग और सरकार बराबर जोर दे रहे हैं। अब केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय डबल करने की जो नीति बनाई है, उसके तहत उद्यान विभाग किसानों को गेहूं और धान की परंपरागत खेती से सब्जियों की खेती की तरफ मोडऩे के गंभीर प्रयासों में लगा है। इसके लिए उद्यान विभाग के मुख्यालय ने इस साल जींद जिले में टमाटर की खेती को बढ़ावा देने के लिए खास योजना बनाई है। जींद जिले के कई गांवों में किसानों ने अतीत में टमाटर की अच्छी और आधुनिक खेती की है। यहां की आबो-हवा और मिट्टी तथा पानी टमाटर की खेती के लिए अनुकूल पाए गए हैं और इसे देखते हुए ही उद्यान विभाग के मुख्यालय ने जींद में इस साल टमाटर की खेती को बढ़ावा देने पर फोकस किया है।
बाक्स
40 लाख का बजट, 500 एकड़ का टारगेट
उद्यान विभाग ने इस साल जींद जिले में किसानों को टमाटर की खेती के लिए प्रोत्साहित करने की अपनी योजना के तहत टमाटर की खेती पर सबसिडी देने का फैसला किया है। इसके लिए 40 लाख रूपए का बजट जींद के लिए मंजूर किया गया है। यह 40 लाख रूपए टमाटर की खेती पर सबसिडी के रूप में किसानों के खाते में सीधे डाले जाएंगे। योजना को लेकर जिला उद्यान अधिकारी रविंद्र ढांडा ने बताया कि जिले के लिए टमाटर की खेती का टारगेट 500 एकड़ तय किया गया है। एक किसान को एक एकड़ में टमाटर की खेती के लिए 8 हजार रूपए सबसिडी दी जाएगी। किसान को टमाटर की शंकर किस्म का बीज लेना होगा। इसमें उसे आधा बीज सरकारी दुकान से लेना होगा और आधा बीज वह बाहर से भी ले सकता है लेकिन वह बीज सर्टिफाइड होना चाहिए। ढांडा के अनुसार बीज खरीदने के बाद किसान को विभाग के पास बीज का बिल और अपने बैंक की पासबुक की प्रति जमा करवानी होगी। टमाटर की खेती के लिए 8 हजार रूपए प्रति एकड़ की सबसिडी किसान के खाते में सीधे डाली जाएगी।
बाक्स
यह हैं टमाटर की खेती पर सबसिडी के लिए शर्तें
टमाटर की खेती पर सबसिडी के लिए विभाग ने कुछ शर्तें तय की हैं। इसमें सबसिडी केवल शंकर किस्म के टमाटर की खेती पर और अधिकतम 2 एकड़ के लिए एक किसान को दी जाएगी। सबसिडी की अधिकतम राशि 8 हजार रूपए प्रति एकड़ होगी। विभाग यह मानता है कि एक एकड़ में टमाटर की खेती का खर्च 20 हजार रूपए आता है। इसमें विभाग किसान को 40 प्रतिशत सबसिडी मतलब 8 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से देगा। जिन किसानों ने सब्जी की खेती के लिए अनुदान राशि मिशन कार्यक्रम के तहत पहले ली हुई है, वह इस नई योजना में शामिल नहीं किए जाएंगे। इस योजना में सबसिडी का 60 प्रतिशत लाभ बागवानी गांवों को दिया जाएगा। शर्त यह भी है कि टमाटर की खेती के लिए अनुदान केवल उन किसानों को दिया जाएगा, जिनकी खुद की जमीन है। ठेके या पट्टे पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसानों को सबसिडी नहीं मिलेगी।
बाक्स
किसान परंपरागत खेती की बजाय बागवानी को अपनाएं : डीसी
डीसी अमित खत्री ने किसानों से आह्वान किया है कि वह गेहूं और धान की परंपरागत खेती से हटकर बागवानी को अपनाएं। इसमें किसान अपने खेतों में बाग लगाकर बहुत ज्यादा आय ले सकते हैं। इसी तरह किसान खेतों में टमाटर और दूसरी सब्जी की काश्त कर अपनी आय कई गुणा बढ़ा सकते हैं। इसमें उद्यान विभाग समय-समय पर किसानों को सबसिडी और दूसरी सहायता मुहैया करवाता रहता है।
No comments:
Post a Comment