Monday, 30 October 2017

गौपाष्टमी पर गौमाता पूजन किया



गाय की महत्ता अपरमपार : इंद्र देव मुनी


जींद 
बाबा सुखदेव मुनि गौशाला समिति नौगामा ढाणी (रामगढ़) गौपाष्टमी पर्व पर गौमाता पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गौशाला में बाबा सुखदेव मुनि के शिष्य इंद्र देव मुनी ने गौमाता की महिमा के बारे में गौभक्तो को बताते हुए कहा की गौमाता में सभी देवी देवता निवास करते हैं। गौमाता का दूध अमृत के समान है। हम सभी को गाय का दूध पीना चाहिए जिससे हमारी बुद्धि व शरीर स्वस्थ रहेंगें। गौमूत्र एवं गोबर औषधी है जिसका उपयोग करने से बहुत सी बीमारियां ठीक होती हैं।  उन्होंने कहा कि गौमाता प्राण वायु छोड़ती है और अगर इसकी पूर्ण उपयोगिता हम समझें तो पूरे जीवन में गौमाता करोड़ों रुपयों का पंचगव्य हमें देती है। गौमाता  वैतरणी पार करवाने व मोक्ष का द्वार खोलने वाली है। इस अवसर पर गौशाला से मा. हरपाल, संयोजक हवा सिंह, उपप्रधान डा. राजसिंह, महावीर यादव, सचिव रामेहर, विनोद कुमार, राकेश कुमार, दीपक, अनिल लाठर, मनोज शर्मा, नरेंद्र अत्री आदि मौजूद रहे। 
भगवान ने सृष्टि का निर्माण किया और मनुष्य को सब कुछ दिया 
अखिल भारतीय सोह्म महामंडल शाखा जींद के तत्वावधान में चल रहे विराट सम्मेलन एवं श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस पर श्रोताओं को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी शिव चेतन महाराज ने कहा कि भगवान ने सृष्टि का निर्माण किया और मनुष्य को सब कुछ दिया है लेकिन वह उसका उपयोग सही ढंग से नहीं कर पाता है। यही कारण है कि वह जीवन भर दुखी रहता है। उसके दुख की वजह भौतिक साधनों की कमी नहीं हैं बल्कि स्वभाव है। महामंडेलश्वर शुकदेवानंद महाराज ने गोपाष्टमी के पावन पर्व पर गौमाता की महिमा का वर्णन किया। गौ के द्वारा जिन रोगों का निवारण होता है उसकी भी चर्चा की। सोह्म पीठाश्वर स्वामी सत्यानंद महाराज ने भगवान की व्यापकता बताते हुए कहा कि परमात्मा का परमत्त्व शुद्ध मन से ही इस प्रकार जाना जा सकता है कि इस संसार में एकमात्र पूर्ण ब्रह्म परमात्मा ही परिपूर्ण है। सबकुछ उन्हीं का स्वरूप है यहां परमात्मा से भिन्न कुछ भी नहीं है। जो यहां विभिन्नता झलक देखता है वह मनुष्य मृत्यु से मृत्यु को प्राप्त होता है अर्थात बार-बार जन्मता मरता रहता है। वह अपने जीवन को बर्बाद कर लेता है। उन्होंने कहा कि हमें बड़ी कठिनता से यह देव दुर्लभ जीवन प्राप्त हुआ है तो हमें उसे सार्थक करना चाहिये। साथ ही मानव जीवन जीने के बहुमूल्य सूत्र भी प्रदान किए। सम्मेलन में ही पधारे संत स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी प्रीतमदास, स्वामी रामानंद, स्वामी नारायणानंद आदि सन्तों ने भी श्रद्धालुओं को संबोधित किया। 
पंचकुंडीय महायज्ञ के शुभारंभ पर निकाली शोभा यात्रा 
स्थानीय भिवानी रोड स्थित भगवद् भक्ति आश्रम में आश्रम के संस्थापक स्वामी परमानंद महाराज के आर्शीवाद से विश्व शांति हेतू पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ रविवार से शुरू हुआ। रविवार सुबह स्थानीय सदाव्रत से विशाल कलश यात्रा निकाली गई। कलशयात्रा में 1100 महिलाओं ने भाग लिया। कलशयात्रा शुरू करने से पूर्व यहां सदाव्रत में कलश पूजन किया गया और पूर्ण विधि-विधान से पूजा कर कलश यात्रा को शुरू किया गया। इस अवसर पर सदाव्रत के प्रधान महेश सिंगला, घनश्याम गर्ग, अश्वनी सिंगला, आरएसएस के ईश्वर गर्ग, राजकुमार गर्ग, महावीर सिंगला, मुख्याध्यापक अशोक कुमार, राजेश भारद्वाज, रामभगत, रामअवतार सिंगला समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।
कलशयात्रा यहां सदाव्रत से शुरू होकर पालिका बाजार, सिटी थाना, टाउन हाल होते हुए भिवानी रोड पर पहुंची। इस कलश यात्रा में आकर्षक झांकियां भी थी, जिसने दर्शकों व श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। कलशयात्रा के श्री भगवद् भक्ति आश्रम पहुंचने पर आश्रम के श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा का स्वागत किया और उसके बाद पंचकुंडीय गायत्री महायज्ञ शुरू हुआ। चार नवंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में प्रतिदिन देव पूजन प्रात: आठ बजे किया जाएगा और हवन 10 बजे होगा। हर रोज सायं चार से छह बजे तक हरि संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा। चार नवंबर को पूर्णाहुति व भंडारे का आयोजन होगा। श्री भगवद् भक्ति आश्रम में यह कार्यक्रम हर साल आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में श्री भगवद् भक्ति आश्रम के हरिद्वार, हिमाचल, कैथल, रेवाड़ी जिले के श्रद्धालु भी सम्मलित होते हैं।

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