Tuesday, 3 October 2017

बुजुर्ग समाज की धरोहर : एडीसी

भारतीय संस्कृति में बुजुर्गो का सम्मान होता रहा है : श्योकंद
डीआरडीए में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय वयोवृद्ध सम्मान दिवस
वृद्धो को मिठाई व शॅाल देकर किया सम्मानित
बुजुर्गों की दौड़ प्रतियोगिता में सतपाल रहा अव्वल

जींद
जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय डीआरडीए के सभागार में वयोवृद्ध सम्मान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में एडीसी धीरेन्द्र खडगटा  ने बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की और जिला के 8० वर्ष से अधिक आयु के 19 बुजूर्गो को शॉल, कंबल तथा मिठाई भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर नगराधीश सत्यवान मान, वरिष्ठ नागरिक परिषद की अध्यक्षा जयवंती श्योकंद, डा. एके चावला तथा सेवानिवृत कर्नल सूबेसिंह ढांडा, इंद्र सिंह भारद्वाज सहित परिषद के सभी पदाधिकारीगण मौजूद थे। कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण अधिकारी सरोज ने विभाग द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए लागू की जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बुजुर्ग समाज की धरोहर : एडीसी
एडीसी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बुजुर्ग समाज की धरोहर है। इनके पास अनुभवों का खजाना होता है जो समाज को एक नई दिशा देने का कार्य कर सकता है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे बुजुर्गों के अनुभवों का फायदा उठा कर अपने सम्मुख आने वाली कठिनाइयों पर  सफलता हासिल कर सकते हैं और समाज को एक नई दिशा देने का कार्य भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चा अपने मां-बाप के नक्शे कदम पर चलता है और अपनी मां-पिता तथा गुरु से चरित्र निर्माण सीखता है। हम अपने बच्चों के प्रति भी सजग रहें। बच्चों को सौहार्दपूर्ण माहौल दें और उनमें अच्छे संस्कार पैदा करें। यही संस्कार उनके जीवन पर्यंत काम आते हैं। बुजुर्गो का सम्मान करने के प्रति बच्चों को प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में युवा वर्ग पर भी कार्य का बोझ होता है। अभिभावकों को चाहिए कि उनके साथ विचार सांझा करें। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग सेवानिवृति के पश्चात समाज को बहुत कुछ दे सकते हैं। बुजुर्गो के पास अनुभवों की कोई कमी नहीं होती और बच्चे उनके अनुभव से समाज के एक जिम्मेवार नागरिक बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनके दादा 95 वर्ष के हो चुके हैं। इसलिए उन्हें बुजुर्गों की दिक्कतों के बारे में बहुत सारी जानकारी हैं। भगवान ने उन्हें प्रशासनिक  अधिकारी बनाया है। इस मौके का बुजुर्गो की सेवा कर फायदा उठाउंगा। जब भी अवसर मिलेगा बुजुर्गो की दिक्कतों का जीवन पर्यन्त समाधान करता रहूगां।
भारतीय संस्कृति में बुजुर्गो का सम्मान होता रहा है : श्योकंद
कार्यक्रम में सीनियर सीटीजन जयवंती श्योकंद ने कहा कि भारतीय संस्कृति में बुजूर्गो का सम्मान होता रहा हैं। आज वृद्धाश्रम बनाने जैसी संस्कृति विकसित हुई है। निश्चित रूप से युवाओं में संस्कारों मे बदलाव आया है। एक समय था जब हम अपने बुजुर्ग को पूरा मान सम्मान देते थे लेकिन आज के  भाग दौड़ भरे जीवन में चाह कर भी युवा बुजुर्गो को समय नही दे पा रहे हंै। फिर भी युवाओं को चाहिए कि वे बुजुर्गो के अनुभवों का फायदा उठा कर जीवन में आगे बढें़। उन्होंने कहा कि दुनिया के 193 देशों ने यूएनओ में वृद्धों के सम्मान के लिए वृद्ध दिवस मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कई विकसित देशों का उदाहरण भी दिया कि भारतीय संस्कृति अन्य देशों से कहीं अधिक समृद्ध है। यहां बड़े बुजुर्गो का सम्मान करने की परम्परा निरंतर चली जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है भावी पीढ़ी में अच्छे संस्कार पैदा करने की और यह काम सीनियर सीटीजन अपने अनुभवों के आधार पर सही तरीके से कर सकते हैं।
सीनियर सीटीजन को बच्चों में आदर्श स्थापित करने चाहिए : मान
नगराधीश सत्यवान मान ने कहा कि सीनियर सीटीजन को बच्चों में आदर्श स्थापित करने चाहिए। उन्होंने बताया कि उपमंडल स्तर पर बुजुर्गों के हितों का संरक्षण करने के लिए ट्रिब्यूनल बना है। इसमें अपनी शिकायत रखने के लिए बुजुर्ग के लिए सरल प्रकिया हैं। उसे सामान्य कागज पर प्रार्थना पत्र देना होगा। इस ट्रिब्यूनल में अपनी बात रखकर बुजुर्ग अपने अधिकार का सरंक्षण कर सकता हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व उप कुलपति एके चावला ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में मास्टर सूरजभान अलेवा ने मुख्यअतिथि के सम्मान में स्वागत गीत की प्रस्तुति दी।
बुजुर्गों की दौड़ प्रतियोगिता में सतपाल रहा अव्वल
इस अवसर पर बुजुर्गों की दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया व इसमें सतपाल सिंह पहले स्थान पर रहे, अजायब सिंह चहल दूसरे स्थान पर तथा कलिराम तीसरे स्थान पर रहे। इसमें  रस्साकस्सी का रोचक मुकाबला हुआ। इसमें जयवंती श्योकंद तथा एके चावला के नेतृत्व में दो ग्रुप थे। रस्सा कस्सी में जयवंती श्यौकन्द वाले ग्रुप को पहला तथा एके चावला  वाले ग्रुप को दूसरा स्थान मिला। म्यूजिकल चेयर रेस में संतोष पुनिया प्रथम स्थान पर रही। 

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