कृषि विभाग के प्रयास ला रहे रंग
इस बार अब तक केवल 13 किसानों ने जलाई पराली
पिछले साल पराली जलाने वालों से वसूला था 70 हजार रूपए जुर्माना
जींद : जींद के किसान पराली जलाने के मामले में जिला प्रशासन का सहयोग करने लगे हैं। किसानों को समझ में आने लगा है कि पराली जलाने से उनकी जमीन को भारी नुकसान होता है और पराली ही जमीन के आवश्यक तत्वों को नुकसान पहुंचाती है। अब किसानों की समझ में शायद यह बात आ गई है। इसी का परिणाम है कि अब तक 13 किसान ही ऐसे मिले हैं, जिन्होंने पराली में आग लगाने का काम किया। इस पर कृषि विभाग ने ऐसे किसानों को नोटिस जारी किए हैं। पिछले साल की बात की जाए तो 263 किसानों ने पराली में आग लगाई थी और कृषि विभाग ने ऐसे किसानों से 70 हजार रूपए जुर्माना भी वसूला था।
कृषि विभाग द्वारा गांवों में किसानों को जागरूक करने के लिए प्रचार वाहन शुरू किया गया है। इस वाहन के माध्यम से किसानों को समझाया जाता है कि पराली में आग लगाने से जहां पर्यावरण प्रदूषण होता है, वहीं पर जमीन की उर्वरता शक्ति भी कम होती है। गांवों में जाकर वाहन द्वारा किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों पर नजर रखने के लिए निगरानी कमेटियां गठित की हैं। जहां भी किसानों द्वारा पराली जलाने की सूचना विभाग के अधिकारियों को दी जाती है, वहीं पर अधिकारी पहुंचकर किसान को नोटिस देने की कार्रवाई शुरू करते हैं। अब तक कृषि विभाग के वाहन द्वारा जिले के 200 से ज्यादा गांवों में प्रचार किया जा चुका है। कृषि विभाग के अधिकारी भी खुद फील्ड में जाकर किसानों से रूबरू हो रहे हैं। वह किसानों को बता रहे हैं कि वह अपनी फसल में आग नहीं लगाएं, क्योंकि आग लगने से जमीन की आवश्यक तत्व नष्ट हो जाते हैं और जमीन की उर्वरा शक्ति कम होती है।
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अब तक 13 किसानों को दिए नोटिस
पिछले 2 सालों में जिले में किसानों द्वारा पराली में आग लगाने का काम तेज गति से किया जाता था। साल 2015 के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो उस साल 253 किसानों ने फसल में आग लगाई। प्रशासन ने ऐसे किसानों से लगभग 4 लाख 20 हजार रूपए की राशि जुर्माने के तौर पर वसूली थी। पिछले साल जींद के तत्कालीन डीसी विनय सिंह ने पराली जलाने वाले किसानों पर लगाम कसने के लिए रणनीति बनाई। उन्होंने खुद भी कई जगह आग लगाने वाले किसानों को नोटिस थमाने का काम करवाया था। पिछले साल 263 किसानों को नोटिस दिए गए, लेकिन विभाग के पास जुर्माने की 70 हजार रूपए की राशि ही पहुंची। अब कृषि विभाग ने फसल में आग लगाने पर 13 किसानों को नोटिस जारी किए हैं।
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पिछले साल फसल में आग लगाने वाले गांवों पर रहेगी विशेष नजर
इस बार जिला प्रशासन द्वारा ऐसे गांवों पर विशेष तौर पर नजर रखी जा रही है, जिन गांवों में पिछले साल किसानों में अपनी फसल में आग लगाई थी। प्रशासन द्वारा निगरानी कमेटियां गठित की गई है। यह कमेटियां प्रशासन को रिपोर्ट करेंगी कि किस क्षेत्र में क्या स्थिति है। कहां-कहां किसान ज्यादा नजर रख रहे हैं। यदि कोई किसान फसल में आग लगाता हुआ पकड़ा जाता है तो संबंधित पटवारी और नंबरदार द्वारा इसकी रिपोर्ट बनाकर विभाग के अधिकारियों को दी जाती है। कानूनगो, तहसीलदार के बाद एसडीओ द्वारा किसान का नोटिस काटा जाता है। कृषि विभाग के अधिकारियों के
अनुसार 2 एकड़ में फसल जलाने पर 2500 रूपए, 3 से 5 एकड़ तक फसल जलाने पर 5 हजार तथा 5 एकड़ से अधिक में फसल जलाने पर 15 हजार रूपए जुर्माने की सजा का प्रावधान है।
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क्या कहते हैं क्वालिटी कंट्रोलर इंस्पैक्टर
कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोलर इंस्पैक्टर नरेंद्रपाल ने कहा कि किसानों को जागरूक करने का असर जींद जिले में नजर आ रहा है। इस बार अब तक केवल 13 किसानों को ही पराली जलाने पर नोटिस दिया गया है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष प्रचार अभियान शुरू किया गया है। इस वाहन पर पराली जलाने पर सजा का प्रावधान और जुर्माने का उल्लेख करने वाले पोस्टर चस्पा किए गए हैं। गांवों में नुक्कड़ सभाएं करके किसानों को फसल जलाने से जमीन को होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया जा रहा है।
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