Friday, 20 October 2017

सबका सृजनहार, सबका पालनहार है परमात्मा : आचार्य पवन

माता वैष्णवी धाम में अन्न कूट पर लगाया भंडारा 

जींद
आचार्य पवन शर्मा ने कहा कि सबका सृजनहार, सबका पालनहार है परमात्मा। वही है सबके हृदय की धड़कन, वही ऊर्जा के रूप में पूरे शरीर में प्रवाहित हो रहा है, कण-कण में है उस प्रभु का वास है। जब वही सब कुछ कर रहा है, तो फिर ईष्र्या किससे, नफरत किससे। अत: उस विराट से प्यार करो, उसी को चाहो, उसी के हो कर रहो। आचार्य पवन शर्मा अन्नकूट पर्व पर शुक्रवार को माता वैष्णवी धाम में आयोजित सत्संग में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। आचार्य ने कहा कि प्रभु से प्रेम करने का अर्थ है प्रभु के बनाए हुए बंदों से प्रेम करना। यदि कोई मनुष्य यह कहे कि मैं अपने पड़ोसी से तो घृणा करता हूं किंतु ईश्वर से प्रेम करता हूं तो वह झूठा है। उन्होंने कहा कि जो प्राणी मूर्ति में तो भगवान की पूजा करता है किंतु मनुष्य रूप में प्रकट भगवान की उपेक्षा करता है तो उसकी वह भक्ति दिखावा है, छलावा है। ईश्वर करे हम ऐसी स्थिति में आ जाएं जब हमें सर्वत्र अपने प्यारे का ही दर्शन हो, जर्रे-जर्रे में उसकी झांकी दिखाई दे व हम सबसे एक समान प्रेम कर सकें। अत: अभी से इस साधना में लग जाओ व तब तक रूकना मत जब तक अपने प्रभु को न पा लो। जीवन को दांव पर लगाते चले जाना, कुछ भी खोना पड़े तो खो देना, मिटना पड़े तो मिट जाना क्योंकि जो मिल रहा है और जो मिलने वाला है वह अमोलक है। कार्यक्रम के अंत में श्रद्धालुओं ने अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण किया।   

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