इनके जरिए बिजली और बिजली बिल बचाने की कवायद
एडीसी कार्यालय ने तमाम दफ्तरों से मांगा बिजली लोड का ब्यौरा
जींद : जिले के तमाम सरकारी दफ्त
रों में अब सोलर पैनल लगेंगे। सोलर पैनल लगने के बाद सरकारी दफ्तर सौर ऊर्जा से ही रोशन होंगे। इसके जरिए बिजली और बिजली के बिल दोनों बचाने की कवायद जींद में अक्षय ऊर्जा विभाग करेगा। तमाम सरकारी दफ्तरों से एडीसी कार्यालय ने उनके ताजा बिजली लोड का ब्यौरा मांगा है। यह ब्यौरा मिलने के बाद दफ्तरों में सोलर पैनल लगाने का काम शुरू होगा।
सरकारी दफ्तरों में फिलहाल बिजली निगम से बिजली सप्लाई होती है। बिजली चले जाने की सूरत में सरकारी दफ्तरों में इन्वर्टर आदि की व्यवस्था की गई है। सरकारी दफ्तरों के बिजली के बिल बहुत भारी-भरकम आ रहे हैं। उनमें बिजली की भी काफी खपत होती है। अगर बिजली निगम के डिफाल्टर सरकारी महकमों का जिक्र किया जाए तो जींद जिले में उनकी तरफ 27 करोड़ रूपए से ज्यादा की राशि बिजली बिलों के रूप में बकाया है। इस मामले में जींद प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। अब सरकारी दफ्तरों के बिजली बिल कम करने और इसके जरिए बिजली बचाने की एक नई कवायद जींद में अक्षय ऊर्जा विभाग ने शुरू की है। इस कवायद के तहत अक्षय ऊर्जा विभाग तमाम सरकारी कार्यालयों में सोलर पैनल लगाने जा रहा है। सोलर पैनल के लिए सरकारी दफ्तरों से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। उनके लिए मुफ्त में सोलर पैनल की व्यवस्था की जा रही है।
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सरकारी दफ्तरों से मांगा बिजली लोड का ब्यौरा
जींद के एडीसी कार्यालय और इसमें काम कर रहे अक्षय ऊर्जा विभाग ने जींद में तमाम सरकारी कार्यालयों से उनके बिजली लोड का ब्यौरा मांगा है। सभी विभागों को पत्र लिखकर यह बताने को कहा गया है कि उनका बिजली लोड कितना है। इस पत्र के बाद जब सरकारी कार्यालयों का बिजली लोड नए सिरे से चैक होना शुरू हुआ तो यह लोड बहुत बढ़ा हुआ पाया गया। जींद के एसपी कार्यालय की ही बात की जाए तो कागजों में इसका लोड 11 किलोवाट मिला जबकि अब नई जांच में 71 किलोवाट तक पहुंचा हुआ मिला। इसी तरह जींद के सिविल अस्पताल का बिजली का लोड भी 200 किलोवाट को पार कर चुका है। दरअसल पहले सरकारी दफ्तरों में एसी लगाने की इजाजत ही नहीं होती थी। बाद में जब सरकारी विभागों का कम्प्यूटराइजेशन हुआ, तब धड़ाधड़ इनमें एसी लगते चले गए और इससे उनका बिजली लोड कई गुणा बढ़ गया। इसी कारण अब अक्षय ऊर्जा विभाग ने बिजली निगम के पास सरकारी दफ्तरों के बिजली लोड के आंकड़ों को दरकिनार करते हुए सीधे सरकारी विभागों से उनके बिजली लोड का ब्यौरा मांगा है। इस पत्र के बाद सभी सरकारी दफ्तरों में बिजली लोड को मापा जा रहा है और इसका ब्यौरा जल्द अक्षय ऊर्जा विभाग और एडीसी कार्यालय को भेजा जाएगा। उसके बाद ही यह तय होगा कि किस सरकारी दफ्तर में कितने सोलर पैनल की जरूरत होगी।
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केंद्र सरकार के कार्यालयों में पहुंचने लगी सोलर प्लेट
केंद्र सरकार के कार्यालयों को सौर ऊर्जा से रोशन करने के लिए सोलर प्लेट की सप्लाई जींद में शुरू हो गई है। इसके तहत जींद के ग्रामीण क्षेत्र के डाकघरों में सोलर पैनल लगेंगे और इनके लिए सोलर प्लेट डाकघरों मेंं पहुंचनी शुरू हो गई हैं। ग्रामीण डाकघरों में दिन के समय बिजली कटौती से काम प्रभावित हो रहा है और आगे ऐसा नहीं हो, इसके लिए इन डाकघरों में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। सोलर पैनल से ही डाकघरों की बैटरी आदि चार्ज होंगी।
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बचेगी बिजली, कम होगा बिजली बिल : एडीसी
एडीसी धीरेंद्र खडग़टा के अनुसार सरकारी दफ्तरों में सोलर पैनल लगने के बाद बिजली की बड़ी बचत होगी। दिन के समय सरकारी दफ्तरों का बिजली का ज्यादातर काम सोलर पैनल से चल जाएगा। रात के समय वैसे ही सरकारी दफ्तरों में बिजली की डिमांड नहीं के बराबर रहती है। सरकारी दफ्तरों में सोलर पैनल लग जाने के बाद एक तो बिजली की बड़ी बचत होगी और दूसरे सरकारी दफ्तरों के बिजली के बिल भी बहुत कम हो जाएंगे। सरकार की योजना के मुताबिक सरकारी दफ्तरों को अक्षय ऊर्जा विभाग सोलर पैनल मुफ्त में देगा। इससे अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल को भी बढ़ावा मिलेगा।
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