एक साथ पांच शूटर कर सकेंगे अभ्यास
100 अखाड़ों को गोद लेगी हरियाणा सरकार
प्रत्येक में मैट, जिम की होगी सुविधा
जींद
जींद को उसकी पहली शूटिंग रेंज शुक्रवार को मिल गई। शूटिंग रेंज की योजना जींद के डीसी अमित खत्री ने खेल विभाग के निदेशक जगदीप सिंह के साथ मिलकर बनाई थी। शुक्रवार को खेल विभाग के निदेशक जगदीप सिंह ने डीसी अमित खत्री की मौजूदगी में शूटिंग रेंज का शुभारंभ किया। शूटिंग जींद के युवाओं में बेहद लोकप्रिय है। यहां के कई शूटर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैडल जीत चुके हैं। जींद में शूटिंग रेंज नहीं होने के बावजूद जींद के युवाओं की शूटिंग में इतनी बड़ी रूचि और सफलता को देखते हुए जींद के युवा डीसी अमित खत्री ने अर्जुन स्टेडियम में जींद की पहली शूटिंग रेंज बनाने की योजना हाथ में ली थी। योजना को लेकर उन्होंने खेल विभाग के निदेशक जगदीप सिंह से भी बात की थी और इसमें मदद के लिए कहा था। इन दोनों अधिकारियों के प्रयास रंग लाए और शुक्रवार को जींद के अर्जुन स्टेडियम के बैडमिंटन हाल में जींद की पहली शूटिंग रेंज का उद्घाटन खेल विभाग के निदेशक जगदीप सिंह ने किया। इस मौके पर उनके साथ डीसी अमित खत्री और जिला खेल अधिकारी विनोद बाला भी थे। खेल निदेशक जगदीप सिंह ने कहा कि शूटिंग और तीरंदाजी में मैडल की संभावना बहुत ज्यादा रहती है। इस कारण प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर शूटिंग रेंज स्थापित किए जा रहे हैं। जींद के अर्जुन स्टेडियम के बैडमिंटन हाल में बनी शूटिंग रेंज में एक साथ पांच शूटर शूटिंग का अभ्यास कर सकेंगे। हरियाणा के खेल विभाग के निदेशक जगदीप सिंह ने बताया कि हरियाणा में सरकार ने तमाम कुश्ती अखाड़ों का सर्वे करवाया है। अखाड़ों की लोकेशन आदि जांची है तथा इस समय प्रदेश में 235 अखाड़े पहलवान तैयार करने में लगे हैं। इन अखाड़ों में आधुनिक मैट और जिम जैसी सुविधाएं नहीं हैं। इनके अभाव में पहलवानों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कुश्ती मुकाबलों में अपना दम और कला दिखाने में दिक्कत आती है। इसे देखते हुए अब प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है कि पहले चरण में 100 अखाड़ों को गोद लिया जाए। हरियाणा के खेल विभाग के निदेशक जगदीप सिंह शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गोद लिए अखाड़ों में पहलवानों के लिए कुश्ती मैट और जिम की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रत्येक अखाड़े को 7-8 लाख रूपए का जिम और मैट का सामान दिया जाएगा। दूसरे चरण में बाकी बचे 135 अखाड़ों को सरकार गोद लेगी। इससे प्रदेश में कुश्ती को बढ़ावा मिलेगा। खेल निदेशक ने यह भी कहा कि प्रदेश के तमाम 140 ब्लाकों में ओपन टूर्नामैंट करवाई जाएंगी। हरियाणा में खेल की 440 नर्सरी खोली जाएंगी। इसके अलावा 15 खेलों के लिए अलग से हर जिले में खेल नर्सरी बनेगी। प्रत्येक में 30-30 खिलाड़ी होंगे। इन खिलाडिय़ों को 2 हजार रूपए प्रति महीना आर्थिक सहायता मिलेगी। सामान के लिए सवा लाख रूपए प्रत्येक नर्सरी में दिए जाएंगे तथा कोच की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में शूटिंग और तीरंदाजी को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष प्रयास खेल विभाग द्वारा किए जा रहे हैं। सरकार की खेल महाकुंभ योजना का जिक्र करते हुए खेल निदेशक जगदीप सिंह ने कहा कि राज्य स्तर पर 5 लाख लोग खेलों में भाग लेंगे। इनमें बुजुर्गों से लेकर बच्चे तक सब खेलेंगे। लोग खेलेंगे तो अस्पताल और दूसरी बुराइयों से दूर रहेंगे। इस मौके पर उनके साथ जींद के डीसी अमित खत्री तथा जिला खेल अधिकारी विनोद बाला भी थी। जींद समेत हरियाणा के कई जिलों में हुडा विभाग द्वारा बनाए गए नए खेल स्टेडियमों को अभी तक खेल विभाग द्वारा टेक ओवर नहीं किए जाने को लेकर एक सवाल के जवाब में खेल निदेशक जगदीप सिंह ने कहा कि इस मामले को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर पर बात हो चुकी है। आने वाले 15 दिनों में टेक ओवर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
एकलव्य स्टेडियम में तीन करोड़ से बनेगा एथलेटिक्स टै्रक
खेल निदेशक जगदीप सिंह ने कहा कि जींद के एकलव्य स्टेडियम में लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत से सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक बनेगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जींद में हाकी का अंतरराष्ट्रीय स्तर का कोर्ट तैयार करने की योजना पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। खेल निदेशक ने कहा कि जींद के डीसी अमित खत्री जींद में खेलों के विकास को लेकर गंभीर प्रयास कर रहे हैं।
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