हर घर में एक सदस्य है बीमार
बुखार, खांसी तथा जुखाम के मरीजों में हो रही वृद्धि
जींद
बदलते मौसम से सर्दियों की आहट शुरू हो चुकी है। दिन में गर्मी तथा रात को ठंड होने के चलते लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में मौसम में बदलाव के मद्देनजर स्वस्थ रहने के लिए सावधान रहने की जरूरत है। सुबह-शाम ठंड व दिन में तेज धूप स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। इसके चलते सर्दी-जुखाम बुखार के मरीजों में वृद्धि हो रही है और अस्पताल में भी इन रोगों के रोगियों की ओपीडी बढ़ गई है। ऐसे में यदि जरा सी लापरवाही बरती जाए तो बदलता मौसम हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
आजकल तापमान में उतार-चढ़ाव शुरू हो गया है। दिन का तापमान बढ़ जाता है तो रात में पारा लुढ़क जाता है। बदलता मौसम भी लोगों पर भारी पड़ रहा है और लोग बुखार, खांसी और जुखाम की चपेट में आ रहे हैं। जिला में ऐसा कोई अस्पताल नहीं होगा जहां बुखार, खांसी और जुखाम के उपचार के लिए मरीज न पहुंच रहे हों। जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में भी मौसमी बीमारियों की चपेट में आए लोग उपचार के लिए आ रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में बुखार, खांसी और जुखाम के मरीजों की ओपीडी भी बढ़ गई है।
हर घर में हो रहा एक बीमार
बदलते मौसम का प्रभाव इस कदर लोगों पर पड़ रहा है कि प्रत्येक घर से एक या दो सदस्य बुखार या सर्दी खांसी की चपेट में आ रहे हैं। वायरल ऐसा है कि घर में एक व्यक्ति को जाए तो यह झट से दूसरे व्यक्ति को हो जा रहा है।
वायरल के कारण पहले व्यक्ति कमजोरी महसूस कर रहा हैै और फिर शीघ्र ही सर्दी खांसी हो जा रही है। इसके साथ ही दोपहर तक बुखार उतर जाता है और फिर शाम होने पर बुखार फिर से चढऩे लगता है।
बरतें विशेष सावधानी
स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ डा. राजेश भोला ने बताया कि मौसम में बदलाव आ रहा है और ऐसे में लोगों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। आजकल डॉक्टरों के पास पहुंचने वाले रोगियों में बुखार, सर्दी, जुखाम और सांस की समस्या से पीडि़त लोग अधिक हैं। उनमें ज्यादातर छोटे बच्चे, बुजुर्ग, कमजोर महिलाएं हैं। अगर आप मधुमेह के शिकार हैं या टीबी से पीडित हैं या एड्स की गिरफ्त में हैं तो भी इस वायरल के प्रभाव में आ सकते हैं। क्योंकि इस मौसम के वायरस कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों पर अपना असर छोडऩे में सफल हो रहे हैं। सावधानियां न बरती जाएं और बुखार लगातार जारी रहे तो यह घातक सिद्ध हो सकता है। ऐसे में हमें चाहिए कि अधिक ठंडी चीजों का सेवन न करें। भोजन में गरम आहार ही लें। बिना चिकित्सक के कोई दवा न लें।
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