शहर में सक्रिय महिला गिरोह ने चार महिलाओं को लगाया लाखों का चूना
बर्तनों के टोकरे के साथ घर पर दस्तक देती हैं गिरोह की सदस्य
कुछ ही समय में पहने हुए गहनों को कर देती हैं साफ
जींद
अगर घर पर कोई महिला बर्तनों के टोकरे के साथ पुराने कपड़ों से सौदेबाजी करे तो जरा सावधान हो जाएं। त्यौहारों के सीजन में बर्तनों के टोकरों के साथ महिलाएं घर-घर दस्तक देकर पुराने कपड़ों के बदले बर्तनों का सौदा कर रही हैं। उसी सौदेबाजी के दौरान बर्तनों के साथ पहुंची महिलाएं गृहणियों के जेवरातों पर हाथ साफ कर रही है। सौदेबाजी के दौरान गृहणियां अपनी मानसिक चेतना को खो बैठती हैं। जिसका बर्तनों का सौदाबाजी करने वाली महिलाएं फायदा उठाकर गृहणियों के जेवरातों को निकाल लेती हैं और फरार हो जाती हैं। पिछले दो दिनों में गिरोह ने चार महिलाओं को निशाना बनाते हुए लाखों रुपये कीमत के जेवरातों पर हाथ साफ कर दिया। शहर में सक्रिय गिरोह ने जेवरात गवां चुके लोगों तथा पुलिस के पसीने छुड़ा दिए हैं। गिरोह अकेली महिला को ही नहीं बल्कि सामूहिक रूप से बैठी महिलाओं को भी अपना निशाना बना रही हैं।
पिछले दो दिनों में चार महिलाएं बनी गिरोह का निशाना
अपराही मौहल्ला निवासी सुमन, सुषमा, निर्मला अपने मकान के बाहर बैठी हुई थी। उसी दौरान एक महिला बर्तन का टोकरा लेकर पहुंची और पुराने कपड़ों के बदले बर्तन देने की बात कही। तीनों महिलाओं ने बर्तनों का सौदा करना शुरु कर दिया। इसी बीच तीनों महिलाएं अपनी चेतना खो बैठी। जिसका फायदा उठाकर बर्तनों का सौदा करने वाली महिला ने सुमन की दो सोने की अंगूठी, सोने की चैन, मंगलसूत्र, पाजेब, सुषमा की सोने की अंगूठी, कानों के टॉपस, सोने का सैट, निर्मला से कानों की बालियां, चुड़ी, सोने की अंगूठी, मंगलसूत्र को लेकर फरार हो गई। जेवरात गायब होने का उस समय पता चला जब तीनों की मानसिक चेतना लौटी। तीन महिलाओं के जेवरात हड़पे जाने पर मौहल्ले में हड़कंप मच गया। लोगों ने महिलाओं का पीछा भी किया लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लगा। इसी प्रकार श्याम नगर निवासी अंजू के घर में महिला बर्तनों का पुराने कपड़ों के बदले सौदा करने के लिए पहुंची। सौदेबाजी के दौरान अंजू अपनी मानसिक चेतना खो बैठी। जिसका फायदा उठाकर महिला ने उसकी उंगली से सोने की अंगूठी तथा गले से सोने का लोकेट निकाल लिया और फरार हो गई।
अभास नहीं हुआ, कब निकले जेवरात
अपराही मौहल्ला निवासी सुमन तथा सुषमा ने बताया कि वे पड़ोसी महिला निर्मला के साथ सुमन के घर बैठे हुए थे। एक महिला पुराने कपड़ों के बदले बर्तन दे रही थी। तीनों महिला से सौदेबाजी करने लगी। कुछ देर बातचीत चली, उसके बाद उन्हें अहसास ही नहीं हुआ कि उनके जेवरात कब निकाले गए। महिला को जाते हुए भी देखा, कुछ समय के बाद उन्हें जेवरात गायब होने का अहसास हुआ। बाद में महिला को तलाशा भी गया लेकिन उसका सुराग नहीं लगा।
सममोहन शक्ति का लिया जा रहा है सहारा
सौदेबाजी के दौरान महिलाओं के जेवरातों को गायब करने के दौरान सममोहन शक्ति का प्रयोग किया जा रहा है। अगर महिलाओं को नशीला पदार्थ सुंघाया जाता तो उनके हालात बिगड़ते और मनोदशा भी खराब होती। जिन महिलाओं के जेवरात निकाले गए, उनकी मानसिक चेतना तो कुछ समय के लिए जरूर प्रभावित हुई लेकिन शारीरिक किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ। जिन महिलाओं के जेवरात गायब हुए उसमे महज आधे घंटे का समय लगा। जिससे साफ है कि गृहणियों को सममोहित किया गया था।
मनोवैज्ञानिक नरेश जागलान ने बताया कि सममोहन तकनीक है, जिसके बल पर सममोहित किया जा सकता है। जिसमे व्यक्ति की चेतना प्रभावित की जा सकती है। सममोहन का असर कुछ समय के लिए रहता है। बाद में चेतना लौटने पर व्यक्ति नॉर्मल हो जाता है। महिलाओं की बातों से साफ जाहिर है सममोहन तकनीक के जरिए महिलाओं की मानसिक चेतनाओं को प्रभावित किया गया है।
शहर थाना प्रभारी सज्जन सिंह ने बताया कि चार वारदात सामने आई हैं। अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने लोगों को नसीहत दी कि किसी अनजान व्यक्ति को घर के अंदर न आने दें और अनजान लोगों से सौदेबाजी से भी बचें। उन्होंने बताया कि पीडि़त महिलाओं की चेतना कुछ समय के बाद ही लौट आई थी। जिसके चलते नशीले पदार्थ का संदेह कम हैं।
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