Thursday, 12 October 2017

संतान की लंबी उम्र, उन्नति के लिए रखे अहोई के व्रत

घरों में अहोई माता की कथा, मंदिर में कार्यक्रम 

जींद 
अपनी संतान की लंबी उम्र और उन्नति के लिए वीरवार को माता वैष्णवी धाम मंदिर में माता अहोई की पूजा की गई। आचार्य पवन शर्मा ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि मां एक, मां की ज्योति एक, किंतु मां के स्वरूप अनेक। सजी-संवरी महिलाओं ने इस अवसर पर विशेष रूप से निर्मित मंडप में प्रतिष्ठित अहोई माता की परंपरागत तरीके से पूजा-अर्चना की और आरती उतारी। अहोई माता से अपनी संतान की दीर्घायु और उन्नति की कामना की।  आचार्य ने कहा-वस्तुत: यह महाशक्ति ही परब्रह्म परमात्मा है जो विभिन्न रूपों में विविध लीलाएं कर रही है।  यह ही नवदुर्गा है  और यह ही दस महाविद्या है। यह ही अन्नपूर्णा, जगतद्धात्री, कात्यायनी और ललिताम्बा है। गायत्री, भुवनेश्वरी, काली, तारा, बगला, शोडषी, धूमावती, मातंगी, कमला, पद्मावती, दुर्गा आदि इन्हीं के स्वरूप हैं। मां अनहोनी को होनी और होनी को अनहोनी कर सकने में पूर्ण समर्थ है इसलिए मां का एक नाम पड़ा-अहोई। जो माताएं कार्तिक कृष्ण अष्टमी को अहोई माता का व्रत रखती हैं और श्रद्धाभक्तिपूर्वक उनकी आराधना करती हैं, मां उनको दीर्घायु और यशस्वी संतान की प्राप्ति कराती हैं और उनके यहां अन्न-धन के भंडारे भरपूर कर देती हंै। इस अवसर पर भजन व संकीर्तन का आयोजन भी हुआ जिसमें पुष्पा छाबड़ा, कैलाश गोयल, कमलेष पंवार, सुनीता शर्मा, सीमा कोचर, सीमा परूथी ने अपनी भक्तिपूर्ण प्रस्तुति दी।

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