Tuesday, 25 March 2014

छोटी सी उम्र में निकल पड़ा बेटी बचाने

अब अंधेरी जिंदगियों को रोशन करने के लिए छेड़ दी मुहिम 


जींद। जिस उम्र में बच्चों को मौज-मस्ती के सिवाये कुछ नहीं सुझता, उस उम्र में उसने सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के सपने बुन लिए और उन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए महज १५ साल की उम्र में ही संघर्ष शुरू कर दिया। खेल गांव निडानी निवासी अमित के सिर पर छोटी सी उम्र में ही समाज सेवा का ऐसा भूत सवार हुआ कि फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अमित ने उम्र के 24वें पड़ाव तक पहुंचते-पहुंचते शराब बंदी तथा कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के अभियानों को शिखर तक पहुंचाने के बाद अब अंधेरी जिंदगियों को रोशन करने के लिए नेत्रदान के लिए अभियान की शुरूआत की है। अमित निडानी ने वंदे मातरम प्रतिष्ठान के माध्यम से 24 फरवरी 2014  को गांव में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन कर दो हजार से ज्यादा पुरुषों और महिलाओं को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया।  
जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खेल गांव निडानी निवासी अमित ने समाज सेवा की अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए सबसे पहले अपने संघर्ष की शुरूआत अपने गांव से ही की। गांव को शराब मुक्त बनाने के लिए अमित ने गांव के युवाओं को एकत्रित कर युवा संगठन का गठन किया और ग्रामीणों के सहयोग से गांव में चल रहे शराब के अवैध खुर्दों को बंद करवाकर गांव में जड़ें जमा रहे शराब माफियाओं को उखाड़ कर गांव से बाहर कर दिया। इसके बाद अमित का टारगेट था नन्ही बेटियों को बचाने का। कन्या भ्रूण हत्या के कारण गिरते लिंगानुपात को देखते हुए अमित निडानी ने गर्भ में मारी जा रही बेटियों को बचाने के लिए वर्ष 2008 में बेटी बचाओ सृष्टि बचाओ अभियान की नींव रखी। अमित ने गांव में जागरूकता अभियान शुरू कर गांव के लोगों को कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए जागरूक किया। अमित ने समाज में बेटी के महत्व को देखते हुए बेटे के जन्म पर निभाई जाने वाली कुआ पुजन की परंपरा को बेटी के जन्म पर शुरू करवाया। धीरे-धीरे यह अभियान एक गांव से दूसरे गांव से चलकर जिला स्तर और फिर राज्य स्तर तक जा पहुंचा। प्रदेशभर के लोगों को इस मुहिम से जोडऩे के लिए अमित ने 12 दिसम्बर 2012 को राज्य स्तरीय जागरूकता रथ यात्रा की शुरूआत की। भारत सरकार के ग्रह सचिव उदयचंद्र अग्रवाल ने इस रथ यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए यह रथ यात्रा पूरे प्रदेश में घूमी। एक जननवरी 2013 में नव वर्ष के अवसर पर अमित निडानी ने कन्या भ्रूण हत्या के कारण गर्भ में मारी गई अजन्मी कन्याओं की आत्मा की शांति के लिए जिला स्तर पर एक हवन का आयोजन किया और शहर के गणमान्य लोगों ने हवन में आहुति देकर गर्भ में मारी गई अजन्मी कन्याओं की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस दौरान लोगों ने हवन में आहुति देकर कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने का संकल्प लिया। अमित निडानी ने भ्रूण हत्या करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए बड़े ईनाम की घोषणा की। अमित ने भ्रूण हत्या करने की सूचना देने वाले को सवा लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की। इसी बीच शहर में महिलाओं के साथ बढ़ रही चेन स्नेचिंग की घटनाओं तथा चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए अमित ने अपने खर्च पर शहर में कई स्थानों पर खुफिाया कैमरे लगवाए। इसके बाद निडानी ने गौहत्या को बंद करवाने के लिए अगस्त 2013 में गौहत्या को बंद करवाने के लिए आवाज उठाते हुए राज्य स्तरीय युवा कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रकार अमित निडानी ने एक के बाद एक कर सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की। 

अब अंधेरी जिंदगियों को रोशन करने के लिए छेड़ दी मुहिम

 हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रैली को रवाना करते अमित निडानी।
अमित निडानी ने शराब बंदी, कन्या भ्रूण हत्या तथा गौ हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने के बाद अब अंधेरी जिंदगियों को रोशन करने के लिए मुहिम शुरू कर दी। वंदे मातरम प्रतिष्ठान एनजीओ का गठन कर 24 फरवरी 2014 को गांव में विशाल नेत्रदान महोत्सव का आयोजन किया। इस महोत्सव में निडानी ने दो हजार से ज्यादा पुरुषों तथा महिलाओं को नेत्रदान का संकल्प करवाया। इस प्रकार अब अमित निडानी ने कन्या भ्रूण हत्या के अभियान के बाद अंधेरी जिंदगियों को रोशन करने की मुहिम शुरू कर दी है। अमित का अगला लक्ष्य नेत्रदान के कानून में बदलाव करवाकर प्रत्येक व्यक्ति से नेत्रदान करवाना है। 

पिता से मिली प्रेरणा

अमित निडानी के पिता सरकारी स्कूल में कला अध्यापक हैं। निडानी ने बताया कि उसे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ मुहिम शुरू करने की प्रेरणा अपने पिता मास्टर समुंद्र सिंह से मिली है। निडानी ने कहा कि उनके पिता ने न केवल उसका मार्ग दर्शन किया बल्कि उसकी मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव मदद भी की। 

सरकार ने दिया जिला स्तरीय सर्वश्रेष्ठ युवा अवार्ड 

अमित निडानी द्वारा सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जिले में शुरू की गई मुहिम को देखते हुए सरकार की तरफ से अमित को 2013 का सर्वश्रेष्ठ युवा का जिला स्तरीय अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। 

कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए शहर में जागरूकता रैली निकालते अमित निडानी का फाइल फोटो।


बेटी के जन्म पर खाप प्रतिनिधियों से रिबन कटवाकर कुआ पुजन की परम्परा शुरू करते अमित निडानी का फाइल फोटो।

अजन्मी कन्याओं की आत्मा की शांति के लिए नव वर्ष पर हवन में आहुति डलवाते अमित निडानी का फाइल फोटो।  

बेटी के जन्म पर कुआ पुजन के दौरान ढोल-नगाड़ों के साथ खुशी मनाते लोगों का फाइल फोटो।  

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