अमेरीकी देशों में निर्यात होगा हरियाणा की मुर्राह नस्ल का सीमन
जींद। हरियाणा की मुर्राह भैंस अब दुनियां भर के किसानों की पसंद बनती जा रही है। इस के दूध की गुणवत्ता के कारण विदेशी पशुपालक इस नस्ल को अपने देश में पालना चाहते हैं। चार देशों के किसानों ने इस नस्ल का सीमन आयात करने की इच्छा जाहिर की है। प्रदेश के इस काले सोने को देखने के लिए ख़ास तौर पर दक्षिणी अमेरीकी देशों कोलम्बिया, वेनेजुएला, कोस्टारिका और अर्जेंटाइना का 28 सदस्य दल मुर्राह भैंस के रखरखाव के तौर तरीके सीखने लक्ष्य मिल्क प्लांट के आधुनिक डेयरी फार्मों का दौरा करने के बाद गांव दालमवाला पहुंचा। यहां दल ने गांव स्थित मुर्राह रिसर्च सेंटर में किये जा रहे शोध कार्यों की जानकारी भी हासिल की। दल के साथ केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान हिसार के पूर्व निदेशक आरके सेठी भी मौजूद रहे।
विश्व के कई हिस्सों में देखने को मिलेगी मुर्राह भैंस
हरियाणा की प्रसिद्ध मुर्राह भैंस अब विश्व के कई हिस्सों में देखने को मिलेगी। इस नस्ल को अपने देश में पालने के लिए दक्षिणी अमेरीकी देशों के पशुपालक इन दिनों भारत के दौरे पर हैं। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की और हरियाणा के दौरे पर निकले इस दल के 28 पशु पालक बुधवार को लक्ष्य मिल्क प्लांट के डेयरी फार्मों को देखने जींद पहुंचे। यहां उन्होंने दुग्ध उत्पादन में शानदार प्रदर्शन करने वाली इस भैंस के रखरखाव और उस के खानपान के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
भैंस शोध संस्थान का भी किया दौरा
दल ने गांव दालमवाला में बनाये गए लक्ष्य मिल्क प्लांट के भैंस शोध संस्थान में मुर्राह नस्ल सुधार कार्यकर्म का जायजा लिया। दल ने प्रदेश के पहले निजी मिल्क प्लांट का भी अध्ययन किया और दुग्ध उत्पाद बनाये जाने की तकनीक से संबंधित जानकारी ली। इस मौके पर दल के साथ आये केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान हिसार के पूर्व निदेशक डा. आरके सेठी ने कहा की दक्षिणी अमरीकी देशों में भैंस का दूध काफी पसंद किया जाता है। इसलिए इन देशों के पशु पालक हरियाणा में अध्ययन करने आया है। इन्हें आधुनिक पशुपालन की झलक दिखाने के लिए जींद लाया गया है
अंग्रेज भी हुए मुर्राह के कायल
दल के साथ आये लुईस क्लेचर और रिकार्दो बोतेरो जर्मिलो ने कहा की वे मुर्राह भैंस के कायल हो गए हैं और इस नस्ल का सीमन अपने देश मंगवाएंगे। लक्ष्य मिल्क प्लांट के मैनेजिंग डायरेक्टर बलजीत रेढू ने बताया की मुर्राह भैंस भविष्य का जानवर है और कई देशों से इस के सिमन की मांग आ चुकी है। लक्ष्य के पास उत्तम नस्ल मुर्राह झोटे हैं, जिन के सीमन पर शोध कार्य चल रहा है। इस कार्य के संपन्न होते ही भविष्य में सीमन निर्यात किये जाने की योजना तैयार की जा रही है।
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