जींद। राजग और वाम दलों के आह्वान पर वीरवार को भारत बंद का मिला जुला असर रहा। व्यवसायिक तथा व्यापारिक प्रतिष्ठान व बाजार कुछ समय के लिए बंद हुए। लेकिन कुछ देर के बाद खुल गए। जबकि यातायात सुविधाएं सुचारू रूप से जारी रही। राजग तथा वामदलों के कार्यकर्ताओं ने शहर में रोष् प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के पुतले फूंक बढ़ाए गए पेट्रोल के दामों को वापस लेने की मांग की।
हजकां, भाजपा, माकपा, भाकपा सहित कई अन्य राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता शहर के विभिन्न चौकों पर एकत्रित हुए और बढ़ाए गए पेट्रोल की कीमतों पर रोष् जताया। बाद में कार्यकर्ता मेन बाजार में पहुंच गए और दुकानदारों से अपील कर व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद करवाया। लेकिन कार्यकर्ताओं के निकलते ही व्यापारिक प्रतिष्ठान फिर खुल गए। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए हजकां के जिलाध्यक्ष केके मिश्रा, भाजपा के डा. ओपी पहल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। एक साल में सात बार पेट्रोल के दाम बढ़ चुके हैं। महंगाई, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी बेरोजगारी बेलगाम हो चुके हैं। केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धरव् बैठी हुई है। उधर, वामपंथी दलों के नेता फूल सिंह श्योकंद, रमेश चंद्र के नेतृत्व में कार्यकर्ता रानी तालाब पर एकत्रित हुए और प्रदर्शन करते हुए टाऊन हाल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि पूरव् देश में पेट्रोल वृद्धि का वामपंथी दल विरोध कर रहे हैं। वामपंथी पार्टियों का मानना है कि केंद्र की यूपीए सरकार ने पूरव् तौर पर अमेरीका के सामने समर्पण कर के देश में बड़ीबड़ी कंपनियों को लूटने का रास्ता बना रही हैं। पेट्रोल में बढ़ाोरी का का कारण अमेरीका के दबाव में ईरान से तेल आयात पर पाबंदी लगा कर देश की जनता पर बोझ डाला जा रहा है। उधर, नरवाना में हजकां, भाजपा पिछड़ा वर्ग के नेता जिलेसिंह जांगड़ा के नेतृत्व में गठबंधन कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। विश्र्वकर्मा चौंक तथा लघु सचिवालय के सामने कुछ समय के लिए जाम ाी लगाया और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पुतला फूंक कर रोष् जताया। सफीदों, जुलाना, अलेवा, पिल्लूखेड़ा में राजग और वाम दलों के आह्वान पर कार्यकर्ताओं ने बाजारों को बंद करवाया।
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