जींद
वन्य प्राणियों का शिकार करने वाली शिकारियों और पशुओं पर अब वन्य जीव प्रणाली विभाग के अधिकारियों की नजर रहेगी। इसके लिए जिला स्तर पर वन्य जीव प्रणाली विभाग को दो-दो बाइनगूलर (दूरबीन) और एक-एक कैमरा उपलब्ध कराया गया है। इससे अधिकारी पशु-पक्षी का शिकार करने वाले शिकारियों पर नजर रख सकेंगे।
प्रदेश के विभिन्न जिलों खासकर हिसार जिले में पिछले दिनों एक के बाद एक कई हिरणों का शिकार जंगली कुत्तों ने किया था। इसके अलावा कुछ लोगों के भी हिरण का शिकार करने के मामले सामने आए थे। इन मामलों के सामने आने के बाद सरकार के साथ-साथ वन्य जीव प्राणी विभाग भी हरकत में आ गया था। इसके अलावा पिछले दिनों दैनिक जागरण ने भी प्रकाशित किया था कि वन्य जीव प्राणी विभाग विभिन्न उपकरणों और कर्मचारियों की कमी झेल रहा है।
इस मामले में वन्य जीव प्राणी विभाग आखिरकार जाग गया है और विभाग ने जिला स्तर पर दो-दो बाइनगूलर (दूरबीन) तथा एक-एक कैमरा उपलब्ध कराया है। इसके जरिये अब कर्मचारी शिकार करने वाले शिकारियों पर दूर से नजर रख सकेंगे। इसके अलावा पशुओं पर भी नजर रखी जा सकेगी। साथ ही साथ कैमरे के जरिये विदेशी पक्षियों की फोटो खींची जा सकेगी।
कैमरे में कैद होंगे पशु-पक्षी
अब नए पशु-पक्षी भी कैमरे में कैद किए जा सकेंगे। इसके लिए वन्य जीव प्रणाली विभाग ने जिला स्तर पर एक-एक डिजिटल कैमरा भी उपलब्ध कराया है। इसके तहत विदेशों से आने वाले पक्षियों की तत्काल मौके पर ही फोटो खींची जा सकेंगी। इसके अलावा कोई अन्य पशु आदि मिलने या किसी घटना इत्यादि की भी फोटो ली जा सकेगी।
आखिर कब मिलेगी टि्रंकलाइजर गन
वन्य जीव प्रणाली विभाग के अधिकारियों को आज भी टि्रंकलाइजर गन की कमी खल रही है, क्योंकि इसी के जरिये कर्मचारी खूंखार हुए पशुओं पर काबू पाने का काम करते हैं, लेकिन यह गन जिले में अब तक नहीं है और इसकी मांग कई बार उच्चाधिकारियों से की जा चुकी है।
विभाग की तरफ से दो दूरबीन (बाइनागूलर) और एक कैमरा उपलब्ध कराया गया है। इसके तहत अब शिकारियों पर नजर रखने के साथ-साथ अन्य घटनाओं पर भी नजर रखी जा सकेगी। इससे काफी मदद मिलेगी।
राजबीर मलिक, इंस्पेक्टर, वन्य जीव प्राणी विभाग
वन्य प्राणियों का शिकार करने वाली शिकारियों और पशुओं पर अब वन्य जीव प्रणाली विभाग के अधिकारियों की नजर रहेगी। इसके लिए जिला स्तर पर वन्य जीव प्रणाली विभाग को दो-दो बाइनगूलर (दूरबीन) और एक-एक कैमरा उपलब्ध कराया गया है। इससे अधिकारी पशु-पक्षी का शिकार करने वाले शिकारियों पर नजर रख सकेंगे।
प्रदेश के विभिन्न जिलों खासकर हिसार जिले में पिछले दिनों एक के बाद एक कई हिरणों का शिकार जंगली कुत्तों ने किया था। इसके अलावा कुछ लोगों के भी हिरण का शिकार करने के मामले सामने आए थे। इन मामलों के सामने आने के बाद सरकार के साथ-साथ वन्य जीव प्राणी विभाग भी हरकत में आ गया था। इसके अलावा पिछले दिनों दैनिक जागरण ने भी प्रकाशित किया था कि वन्य जीव प्राणी विभाग विभिन्न उपकरणों और कर्मचारियों की कमी झेल रहा है।
इस मामले में वन्य जीव प्राणी विभाग आखिरकार जाग गया है और विभाग ने जिला स्तर पर दो-दो बाइनगूलर (दूरबीन) तथा एक-एक कैमरा उपलब्ध कराया है। इसके जरिये अब कर्मचारी शिकार करने वाले शिकारियों पर दूर से नजर रख सकेंगे। इसके अलावा पशुओं पर भी नजर रखी जा सकेगी। साथ ही साथ कैमरे के जरिये विदेशी पक्षियों की फोटो खींची जा सकेगी।
कैमरे में कैद होंगे पशु-पक्षी
अब नए पशु-पक्षी भी कैमरे में कैद किए जा सकेंगे। इसके लिए वन्य जीव प्रणाली विभाग ने जिला स्तर पर एक-एक डिजिटल कैमरा भी उपलब्ध कराया है। इसके तहत विदेशों से आने वाले पक्षियों की तत्काल मौके पर ही फोटो खींची जा सकेंगी। इसके अलावा कोई अन्य पशु आदि मिलने या किसी घटना इत्यादि की भी फोटो ली जा सकेगी।
आखिर कब मिलेगी टि्रंकलाइजर गन
वन्य जीव प्रणाली विभाग के अधिकारियों को आज भी टि्रंकलाइजर गन की कमी खल रही है, क्योंकि इसी के जरिये कर्मचारी खूंखार हुए पशुओं पर काबू पाने का काम करते हैं, लेकिन यह गन जिले में अब तक नहीं है और इसकी मांग कई बार उच्चाधिकारियों से की जा चुकी है।
विभाग की तरफ से दो दूरबीन (बाइनागूलर) और एक कैमरा उपलब्ध कराया गया है। इसके तहत अब शिकारियों पर नजर रखने के साथ-साथ अन्य घटनाओं पर भी नजर रखी जा सकेगी। इससे काफी मदद मिलेगी।
राजबीर मलिक, इंस्पेक्टर, वन्य जीव प्राणी विभाग
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