जींद। गांव निडानी के किसान नफे सिंह ने कहा कि बजट किसानों के लिए राहत देने वाला हो। आज से दस साल पहले भी फसलों के लगभग वही भाव थे और आज भी उन्हीं भावों से फसले बिक रही हैं। अन्य चीजों के भाव इन सालों में कई गुणा तक बढ़े हैं। किसानों की लागत भी अब फसल से पूरी नहीं हो पा रही। ऐसे में किसानों को फसलों के अच्छे भाव निर्धारण के साथ बजट देना चाहिए।
खाद, दवाई के भावों पर हो कंट्रोल
गांव अलेवा के किसान कर्मबीर सिंह ने कहा कि खाद और दवाई के भावों ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। हर दिन इनके भाव बढ़ रहे हैं और किसान की लागत बढ़ती जा रही है। सरकार को भावों पर कंट्रोल रखने के लिए बजट में प्रावधान करना चाहिए। खाद पर सबसिडी जारी रखनी चाहिए। खाद उचित मात्रा में सुलभ तरीके से किसानों को मिले और बारबार बढ़ रहे भाव पर कंट्रोल हो।
नहरों पर खर्च हो धनराशि
गांव पिंडारा के किसान पालेराम ने कहा कि खेतों में अधिक से अधिक सिंचाई नहरी पानी से हो इसके लिए सरकार को नहरों, रजबाहों के विस्तार के लिए बजट जारी करना चाहिए। नहरों में पानी की उपलधता भी जल्द होनी चाहिए। रजबाहों और माइनरों की सफाई करवाकर टेलों तक पानी पहुंचाने पर ध्यान दिया जाए। नहरी पानी के लिहाज से हर क्षेत्र के किसानों को उचित पानी मिले।
खेतों में भरपूर मिले बिजली
गांव हैबतपुर के किसान सूरजभान सिहाग ने कहा कि किसानों की फसलों की बेहतर सिंचाई के लिए भरपूर बिजली की जरूरत है। ऐसे में खेतों में दस घंटे से अधिक बिजली का प्रावधान है। खेतों में बिजली कनेशन सुलभ मिले। कई बार ट्रांसफार्मर को लेकर किसानों को चक्कर काटने पड़ते हैं। ऐसे में बिजली निगम कार्यालयों में भी किसानों की तुरंत सुनाई हो।
No comments:
Post a Comment