Thursday, 15 March 2012

डीआरडीए कर्मचारियों ने मांगों को लेकर धरना दिया, डीआरडीए को विभाग में समायोजित करने की मांग


जींद। डीआरडीए स्टाफ वैलफेयर एसोसिएशन के आह्वान पर वीरवार को डीआरडीए कर्मियों ने मांगों को लेकर धरना दिया। धरने के दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारव्बाजी की। कर्मचारियों ने चेताया कि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। डीआरडीए में धरने पर बैठे कर्मचारियों को संबोधित करते हुए प्रांतीय विार सचिव जितेंद्र शर्मा ने कहा कि डीआरडीए कर्मचारियों को ग्रामीण विकास विभाग में समायोजित करने के बारव् व कर्मचारियों की शिकायतों को दूर करने के बारव् में ग्रामीण विकास मंत्रालय को लिखा गया था। लेकिन सरकार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। जिससे कर्मचारियों में रोष् है। जिला प्रधान टहल सिंह विर्क ने कहा कि प्रदेश सरकार कार्यालय को विभाग का दर्जा दिया गया है। लेकिन डीआरडीए को आजतक किसी विभाग का दर्जा नहीं दिया गया है। उन्होंने मांग की कि डीआरडीए को भी ग्रामीण विकास विभाग में समायोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर २६ मार्च तक उनकी मांगों का समाधान नहीं किया जाता तो डीआरडीए कर्मचारी संसद के सामने नई दिल्ली में अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू करने को मजबूर होंगे। धरने को प्रधान टहल सिंह विर्क, कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष रमेश शर्मा, राजेश शर्मा, रामफल पानू, विनोद शर्मा, जयबीर जुलानी, जिलेसिंह, राजेश शर्मा ने संबोधित किया।

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