Sunday, 2 December 2012

फाइलों में ही दम तोड़ गई जिला प्रशासन की गौ रक्षक योजना


डी.सी. के आदेशों के 10 माह बाद भी नप ने योजना पर नहीं किया अमल


जींद। जिले में गऊ कल्याण योजना फाइलों में ही सिमटकर रह गई। उपायुक्त के आदेशों के लगभग 10 माह बाद भी योजना पर अमल नहीं हुआ है। शहर में आवारा घूम रही पूजनीय गऊ माता की दुर्गति हो रही है। प्रशासन की तरफ से जिले में आवारा घूम रही गायों के लिए योजना बनाकर नगर परिषद को इसका जिम्मा सौंपा गया था। लेकिन नगर परिषद तक यह योजना पहुंचते ही फैल हो गई और नप की तरफ से इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया। नगर परिषद की इस लापरवाही का फायदा गौ तस्कर उठा रहे हैं और रात्रि के समय बेजुबान इन गायों को वाहनों में भरकर गौकसी के लिए लेकर जा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन की इस लापरवाही से गौभक्तों में लगातार विरोध हो रहा है। हालांकि शहर में आवारा गायों की तदाद बढऩे से सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि होने की आशंका भी बनी रहती है। ऐसे में सड़क दुर्घटनाएं के एक मुख्य कारण को जनाने के बावजूद भी प्रशासन केवल गऊ माता के कल्याण की योजनाएं बनाने तक ही सीमित रह गया है और योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। हालांकि आवारा घूम रही इन गायों में सबसे ज्यादा दुधारू गायें हैं। जिनके मालिक सुबह व शाम के वक्त इन गायों का दूध निकालकर बाहर घूमने के लिए छोड़ देते हैं। बाद में गाय शहर में फल फ्रूट व सब्जी का कार्य करने वालों के लिए परेशानी बढ़ा देती हैं।

10 माह बाद भी उपायुक्त के आदेशों पर नहीं हुआ अमल

 शहर की सड़कों पर आवारा घूम रही गायें।
जिले में गऊ माता के बढ़ रहे अनादर को देखते हुए फरवरी 2011 को उपायुक्त डा. युद्धबीर ख्यालिया ने जिले के गऊशालाओं प्रबंधकों व नगर परिषद के अधिकारियों की बैठक लेकर इन आवार गायों को पकड़कर गऊशाला में छोडऩे के आदेश दिए थे। आदेशों में कहा गया था कि आवारा घूमने वाले पशुओं को गऊशालाओं में छुडवाएं। पकड़ी हुई गायों को जो भी मालिक छुड़वानें के लिए आएगा उसे 3 हजार रुपए की राशि जुर्माने अथवा खर्च के रूप में अदा करनी होगी और यदि गाय का मालिक बार-बार गायों को आवारा छोड़ता है तो उसके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाएगा। इसमें भिवानी रोड पर स्थित श्री गऊशाला ने आवारा गायों को अपनी गऊशाला में रखने का जिम्मा दिया गया था लेकिन लगभग 10 माह बीत जाने के बावजूद भी उपायुक्त के आदेशों की आज तक पालना नहीं हुई है। 

गौ संरक्षण के लिए प्रशासन को उठाने चाहिएं ठोस कदम

बजरंग दल गऊ रक्षा संघ के जिला प्रमुख नरेन्द्र शर्मा ने कहा कि सर्दी के साथ ही जिले में गऊओं की तस्करी के मामले बढऩे लगे हैं। तस्करी पर लगाम लगाने के लिए 4 दिसम्बर को हिसार में संगठन की बैठक होगी। बैठक में गौ तस्करी को रोकने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि संगठन द्वारा धुंध का मौसम शुरू होते ही जगह-जगह पर नाके लगाकर वाहनों की जांच की जाती है और तस्करी के लिए जा रही गायों से भरे हुए वाहनों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। लेकिन पुलिस प्रशासन की तरफ से उन्हें सहयोग नहीं मिलता है। गायों की तस्करी के कारण इनकी संख्या लगातार कम होती जा रही है। अगर इसी प्रकार चलता रहा तो 15 से 20 वर्षों में गाय का नामो-निशान ही मिट जाएगा। इसलिए प्रशासन की तरफ से गायों की संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

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