जींद : पालवां गांव में एक नाबालिग लड़की की शादी को प्रोटेक्शन अधिकारी कृष्णा चौधरी ने रुकवा दिया। दो दुल्हनों की आई बारात में एक दूल्हे को बिना दुल्हन के लौटना पड़ा। शादी समारोह में उस समय विघ्न पैदा हो गया जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रोटेक्शन अधिकारी कृष्णा चौधरी पुलिस अमले के साथ विवाह समारोह में पहुंच गई। दो दुल्हनों में से एक के नाबालिग मिलने से उसकी शादी को रुकवा दिया गया। ऐसे में बड़े दूल्हे की ही शादी हो पाई। पालवां निवासी एक व्यक्ति की दो लड़कियों की शादी रविवार को होनी थी। प्रोटेक्शन अधिकारी कृष्णा चौधरी को सूचना मिली कि पालवां गांव में दो लड़कियों की बारात खरक पांडवा (जिला कैथल) से आनी है और उनमें से एक लड़की नाबालिग है। इस पर प्रोटेक्शन अधिकारी ने उचाना पुलिस को साथ लिया और गांव में विवाह समारोह में पहुंच गई। विवाह समारोह का आनंद ले रहे लोग उस समय भौचक्के रह गए, जब भारी पुलिस बल के साथ प्रोटेक्शन अधिकारी ने दोनों दुल्हन बनी लड़कियों की आयु का प्रमाण पत्र दिखाने की बात कही। परिवार वाले भी इस कार्रवाई से सहम गए और बाद में दोनों लड़कियों की आयु के लिए शिक्षा प्रमाणपत्र दिखाए। इनमें दुल्हन बनी छोटी लड़की की उम्र 16 वर्ष पाई गई। इस पर प्रोटेक्शन अधिकारी ने उसे नाबालिग होने पर उसकी शादी को रोकने के लिए कहा और दोनों पक्षों से बातचीत कर शादी को बालिग होने तक रुकवा लिया गया। इस पर दोनों पक्षों ने प्रोटेक्शन अधिकारी को लिखित में यह आश्वासन दिया है। नाबालिग लड़की मिलने के कारण दूल्हा बनकर आए रामनिवास की शादी नहीं हो पाई।
जिला प्रोटेक्शन अधिकारी कृष्णा चौधरी ने बताया कि दो लड़कियों में से एक लड़की नाबालिग मिलने से उसकी शादी को रुकवा दिया है जबकि दूसरी लड़की की शादी खुशी से संपन्न हो गई। शिक्षा प्रमाण पत्रों के आधार पर छोटी लड़की की उम्र 16 वर्ष पाई गई है। ऐसे में दोनों पक्षों से बातचीत कर उसकी शादी को बालिग होने तक रुकवा दिया।
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