Friday, 28 December 2012

लिंगानुपात पर किया गांव में शोध


जींद : लिंगानुपात और भ्रूणहत्या पर ग्राम सभा और महाखाप पंचायत करने के बाद बीबीपुर गांव शोध का केंद्र बनता जा रहा है। अब तक विभिन्न विश्वविद्यालयों के पांच दर्जन से अधिक विद्यार्थी गांव में शोध के लिए पहुंच चुके हैं। लिंगानुपात तथा भ्रूणहत्या पर शोध कर रही लेडी इरविन कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय की एमएससी फाइनल की छात्रा आयुषी सिंह पिछले नौ दिनों से गांव में शोध कर रही है। इस दौरान उन्होंने गांव की विभिन्न महिलाओं से विभिन्न जानकारियां भी एकत्रित की।
यही नहीं देश की पहली ग्राम सभा व सर्व खाप महापंचायत करने पर सरपंच का साक्षात्कार भी किया गया। छात्र आयुषी सिंह पिछले नौ दिनों से गांव में लोगों से मिलकर लिंगानुपात तथा भ्रूणहत्या पर उनके विचार जान रही है। उन्होंने गांव के लोगों से बातचीत की। गांव की उन महिलाओं से भी बातचीत की, जिनकी दो या दो से अधिक बेटियां हो। यही नहीं उन की महिलाओं की सास से भी बातचीत की। इसमें बहू व सास से अलग-अलग लड़कियों के बारे में विचार जाने गए। इसके अलावा समाज में लड़कियों को न स्वीकाराने के पीछे भी जानकारी जुटाई गई।
आयुषी ने यह भी जाना कि आखिर लिंगानुपात को सही करने में महिलाएं आगे बढ़कर अपनी भूमिकाएं क्यों नहीं निभा रही। गांव में भ्रूणहत्या को खत्म करने के लिए किए गए प्रयासों पर गांव के सरपंच सुनील जागलान से बातचीत की गई और आयुषी ने सुनील का साक्षात्कार शोध में शामिल किया। गांव के सरपंच सुनील जागलान ने भी गांव पर शोध करने पर आयुषी का धन्यवाद किया।
लेडी इरविन कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय की एमएससी फाइनल की छात्रा आयुषी सिंह ने बातचीत में बताया कि उसे यहां आकर काफी अच्छा लगा और शोध के लिए काफी अच्छी जानकारी एकत्रित हुई। गांव के लोगों ने जो प्रयास किया है, वह काफी सराहनीय है। यदि महिलाओं पर अत्याचार कम करने हैं तो महिलाओं को ही सबसे पहले आगे आना होगा।

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