Wednesday, 5 December 2012

निरक्षरता मिटाने पर किया विचार मंथन


जींद : 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-2017) में प्रदेश में 15 साल से 80 साल तक के व्यक्ति को निरक्षर नहीं रहने दिया जाएगा। इसके लिए साक्षर भारत मिशन के तहत कार्य योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया है। साक्षर भारत मिशन की गतिविधियों को गति प्रदान करने के लिए मंगलवार को जींद में साक्षर भारत मिशन से जुडे़ राज्य स्तर के अधिकारियों की बैठक हुई।
इस बैठक में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक परियोजना प्रबंधक नंदकिशोर वर्मा व दिनेश शर्मा के साथ-साथ हिसार और कैथल जिला के जिला समन्वयक, भिवानी और करनाल जिला के मिशन जुडे़ कार्यालय सहायक, जींद जिला के 4 प्रेरक और मिशन से जुडे़ 2 रिसोर्स पर्सन ने भाग लिया। इस एक दिवसीय कार्यक्रम में साक्षर भारत मिशन की जिला चेयरपर्सन एवं जिला परिषद की चेयरपर्सन वीना देशवाल, जिला अतिरिक्त उपायुक्त अरविंद मलहान ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला उपायुक्त डॉ. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने की। जींद जिला को साक्षर भारत मिशन के तहत एक मॉडल जिला के रूप में लिया जा रहा है।
भारत साक्षर मिशन से जुडे़ अधिकारियों एवं प्रेरकों को संबोधित करते हुए उपायुक्त डॉ. युद्धबीर सिंह ख्यालिया ने कहा कि इस मिशन से जुडे़ प्रेरकों को इस कार्य को जुनून के रूप में लेकर चलना होगा। यहा तक की जब वे आपस में बातचीत करे तो उसकी शुरूआत भी जय साक्षरता नारे से की जानी चाहिए। अपने कार्य के प्रति जुनूनी होकर ही उसमें सफलता हासिल की जा सकती है। इसे जन अभियान बनाने के लिए ठेठ हरियाणवी गीतों एवं कार्यक्रमों को और जोड़ा जा सकता है। लोगों के मन में साक्षरता के प्रति लगाव बनाना होगा।
उन्होने इस कार्यक्रम से जुडे़ लोगों का आह्वान किया कि वे प्रथम चरण में कार्यक्रम के प्रति जागरूकता पैदा करे और आम आदमी को इसके साथ जोडे़। इसके लिए साक्षर सिपाही कोई कोर कसर न रखे। इस मुहिम को गति प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन पूरा सहयोग करेगा।
इस मौके पर राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक परियोजना प्रबंधक दिनेश शर्मा व नंद किशोर शर्मा ने कहा कि अभियान के तहत प्रचार-प्रसार को प्रभावी बनाने के लिए प्रचार साहित्य को सही प्रदर्शन किया जाना चाहिए। जिला स्तर पर इस मिशन को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए स्वयं सेवक शिक्षक गावों में जाकर माहौल तैयार करे। कार्यक्रम से जुडे़ लोगों को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
दिसंबर माह के अंत तक साक्षर भारत मिशन के तहत गावों में कक्षाएं शुरू की जानी चाहिए। निरक्षरों को साक्षर करने के कार्य में प्रयुक्त होने वाली पर्याप्त सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही है। इस कार्य में जुटे कर्मियों को सिखलाई किट भी प्रदान की जाएंगी। लोगों में इस बात का संदेश दिया जाएगा कि निरक्षरता एक अभिशाप है। साक्षरता से प्रगति के द्वार खुल जाते है।

No comments:

Post a Comment

खुद को पर्यावरण के लिए महिला वकील ने कर दिया समर्पित

अब तक लगवा चुकी 177 त्रिवेणी जींद। महिला एडवोकेट संतोष यादव ने खुद को पर्यावरण की हिफाजत के लिए समर्पित कर दिया है। वह जींद समेत अब तक...