रंगशाला में शिव पावर्ती सांग का हुआ मंचन
11 दिवसीय नवरस राष्ट्रीय नाट्य उत्सव का हो रहा है आयोजन
जींद
एक्टिव थियेटर एंड वेल्फेयर सोसायटी द्वारा हरियाणा कला परिषद व हरियाणा संस्कृत अकादमी के तत्वावधान में चल रहे 11 दिवसीय नवरस राष्ट्रीय नाट्य उत्सव के दूसरे दिन शिव पावर्ती सांग का मंचन सतीश कश्यप व डा. संध्या के निर्देशन में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री के निजी सचिव राजेश गोयल व इंडस गु्रप के डायरेक्टर सुभाष श्योराण, अमृतलाल गोयल ने दीप प्रज्जवलित करके किया। सांग की शुरुआत पावर्ती की मां नारद मुनि से पार्वती के लिए योग्य वर ढूंढने का आग्रह करती है। नारद मुनि कहते हैं इसका विवाह शिव से होगा। पार्वती शिव को पाने के लिए उसकी आराधना करती है। इसमें शिव पार्वती की परीक्षा लेने का अभिनय करते हंै। शिव पार्वती को बार-बार कहता है कि मैं तेरे लायक नहीं हूं। तू महलों में रहने वाली राजकुमारी है और मैं फकीर पहाड़ पर रहता हूं, इसलिए हमारा मेल नहीं हो सकता। पार्वती उनकी बात नहीं मानती और शिव को श्राप देने लगती है। तभी शिव शादी के लिए मान जाते हैं और दोनों की खुशी-खुशी शादी हो जाती है। इसी बीच नाटक की घटनाओं को देखते हुए दर्शक लोटपोट हो गए। क्योंकि सांग का आकर्षण शिव का अंग्रेजी में बोलना, हिंदी-हरियाणवी में बोलना दर्शकों के लिए मनमोहक बन गया। दर्शकों ने खड़े होकर तालियों की गडग़ड़ाहट में कलाकारों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यअतिथि राजेश गोयल ने कहा कि यह 11 दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य उत्सव कला को आगे लेकर जाएगा। इस प्रकार के कार्यक्रमों से हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन होगा। इससे कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक सुंदर मंच मिलेगा। कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। सरकार का उद्देश्य कलाकारों को बढ़ावा देना है और इसके लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। संस्था की तरफ से आयोजित उत्तर भारत का बड़ा राष्ट्रीय नाटक उत्सव वास्तव में कला को बढ़ावा देने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुभाष श्योराण ने कहा कि यह संस्था पिछले वर्षों से लगातार थियेटर कर रही है। स्कूलों में बाल रंग मंच के माध्यम से प्रतिभाओं को आगे बढऩे का मौका दे रही है और उनकी प्रतिभा में लगातार निखार ला रही है। इसके लिए रंगकर्मी रमेश कुमार बधाई के पात्र हैं। इसी कड़ी में संस्था की तरफ से राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम जींद में आयोजित करके ग्रामीण परिवेश के युवाओं को प्रतिभा दिखाना का मौका दिया है। इस प्रकार यह संस्था लगी रही तो वह दिन दूर नहीं होगा जब जींद जिले से बेहतर कलाकार निकल कर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाएंगे। श्योराण ने कहा कि जींद जिले में प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन बेहतर मंच नहीं मिलने के कारण वह आगे नहीं बढ़ पाती है। इसलिए सरकार से आग्रह है कि जींद जिले में कलाकारों के लिए बेहतर ऑडिटोरियम का निर्माण करवाया जाए ताकि युवा रंगकर्मी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकें। इस मौके पर डा. सुरेश जैन, मंगतराम शास्त्री, ओमप्रकाश चौहान, प्यारेलाल सिंगला, अमृतलाल गोयल, प्रवीन परुथी, अजेश जैन, रमेश कुमार, प्रवीन दुग्गल, कृष्ण, प्रवेश त्यागी, सुनील वशिष्ठ आदि मौजूद रहे।
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