एडीसी के साथ एसडीएम, नगराधीश सहित अन्य अधिकारी हुए शामिल
कई स्वयं सेवी संगठनों के प्रतिनिधि रातभर डटे रहे सड़कों पर
अभियान के तहत 35० से अधिक पशुओं को पहुंचाया नंदीशाला में
जींद
एडीसी धीरेन्द्र खडगटा के नेतृत्व में शुक्रवार की रात को शहर के आवारा पशुओं को नंदीशाला में पहुंचाने का अभियान जारी रहा। स्वयं एडीसी, जीद के एसडीएम अश्विनी मलिक, नगराधीश मुनीष कुमार फौगाट, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार, डीएसपी कप्तान सिंह हाथों में लाठियां लेकर आवारा पुशओं को हांक कर नंदीशाला में लाने के लिए अभियान से जुड़े सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बने रहे। गर्मी की परवाह न करते हुए अभियान में शामिल सभी लोग आवारा पशुओं को अस्थायी नंदीशाला में आश्रय देने के लिए गम्भीर नजर आए।
सांडों को बस्तियों से खदेड़ कर बाहर निकाला
कई बार खुंखार प्रवृति के सांडों को बस्तियों से निकाल कर मुख्य सड़क पर लाना किसी चुनौती से कम नहीं था, फिर भी अभियान को इस तरीके से चलाया गया कि कोई भी पशु इस अभियान से छूटने न पाए। प्रथम चरण में भिवानी रोड से आवारा पशुओं को इक_ा कर उन्हें जींद की पुरानी अनाज मंडी में छोड़ा गया। इसके बाद रोहतक रोड नई अनाज मंडी से पशुओं को इक_ा कर उन्हें पुरानी अनाज मंडी में लाया गया। इस प्रकार लगभग 3०० आवारा पशुओं को टाऊन हाल, तांग चौंक, रामराये गेट से पुरानी सब्जी मण्डी होते हुए नंदीशाला तक पहुंचाया गया। इसके बाद नरवाना रोड से लगभग 1०० पशुओं को इक_ा कर सड़क से हांकते हुए जयंती देवी मंदिर के पास बनी अस्थाई नंदीशाला में पहुंचाया गया।
सलीके से चलाया गया अभियान
अभियान में नगरपरिषद की ट्रैक्टर, ट्राली, डस्टबीन उठाने वाहन, फायर ब्रिगेड की गाड़ी में अभियान में शामिल कार्यकर्ताओं को पहले भिवानी रोड पर छोड़ा गया। नाकाबंदी इस तरह से की गई की कोई भी सांड सड़क की गलियों से भाग न सके। प्रत्येक गली पर हाथों में लठ लिये कार्यकर्ताओं को छोड़ा गया था, जब सड़क पर से आवारा पशु हांकते हुए अगली जगह पर पहुंचाए जाते तो नाकों पर छोड़े गए लोगों को अगले पड़ाव की सड़कों पर पडऩे वाली गलियों पर छोड़ा गया और इस प्रकार से नाकाबंदी कर नंदियों को जयंती देवी मन्दिर के पास बनी अस्थायी नंदीशाला में लाया गया। इस अभियान में सड़क पर चलने बड़े वाहनों का भी नाके लगाने के काम में सदुपयोग किया गया।
इन संगठनों का रहा सहयोग
रात्रि अभियान में अन्ना टीम, पालिका बाजार के जय कुमार गोयल, नरवाना रोड के हर्ष मितल, नरेंद्र नाडा रामराये गेट से अरूण सोदा ने अपनी पूरी टीम के साथ शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करवाने के इस अभियान में पूरा सहयोग किया। इसके अलावा कई युवाओं ने भी इस अभियान में प्रशासन की मदद की।
शहर को आवारा पशु मुक्त बनाने में प्रशासन का सहयोग करें : एडीसी
एडीसी धीरेंद्र खडगटा ने आमजन से आह्वान किया कि वे शहर को आवारा पशु मुक्त शहर बनाने के लिए सहयोग करें। इसके साथ-साथ अस्थाई नंदीशाला में पशुओं के चारे के काम में भी लोगों का सहयोग जरूरी है। जब भी इस प्रकार का अभियान चले तो लोगों को चाहिए कि वे अपनी गली, मोहल्ले के आवारा पशुओं को मुख्य सड़कों पर छुटवाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि गांव के लोग शहरों में आवारा पशुओं को न छोड़े। गांवों में भी गौशाला, नंदीशाला बनाकर इन आवारा पशुओं को आश्रय दिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जुलाना में जल्द ही गौशाला का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा। गांव के पशुओं का गांव में ही कर लिया जाएगा।
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