Saturday, 2 September 2017

मंदिर सरकार का और चौधर समिति की


जयंती देवी में जनसुविधाओं पर लटके ताले
कथा सुनने आ रहे श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी
श्रद्धालुओं ने ताले खुलवाने की मांग
 जींद
हांसी ब्रांच नहर के निकट स्थित ऐतिहासिक जयंती देवी मंदिर में बनाए गए शौचालयों पर ताले लटका दिए गए हैं। जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। एक तरफ तो जिला प्रशासन  जिला को खुले में शौच मुक्त बनाए जाने को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहा है वहीं सरकार के इस ऐतिहासिक मंदिर में शौचालय होने के बाद भी यहां होने वाले श्रद्धालुओं को शौचालय का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिससे  श्रद्धालुओं में जिला प्रशासन के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है कि यहां शौचालय पर ताले लगाए गए हों, इससे पहले भी कई बार यहां शौचालय पर ताले लगा दिए जाते हैं जिससे श्रद्धालुओं को शौचादि के लिए अन्यत्र जगह का रूख करना पड़ता है। श्रद्धालुओं ने डीसी अमित खत्री से गुहार लगाई कि मंदिर परिसर में बनाए गए शौचालयों पर से ताले खुलवाए जाएं।
शहर के बीचोंबीच स्थित ऐतिहासिक जयंती देवी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को शौचालय की सुविधा नहीं मिल पा रही है। हालांकि यहां पर शौचालय बनवाए गए हैं लेकिन शौचालयों पर ताले लगा दिए गए हैं जिसके चलते मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। श्रद्धालु कुलदीप, ललित, सुनील, विजेंद्र, सोनिया, सोनिया, सविता, रजनी आदि ने बताया कि मंदिर में शौचालय की सुविधा होने के बाद भी शौच की सुविधा नहीं मिल पा रही है। शौचालय पर ताले लगा दिए जाते हैं। सुबह सैर तथा योगा के लिए आने वाले लोगों, शाम को मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को तो यहां बहुत भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन पता नहीं क्यों प्रशासन शौचालय पर से ताला क्यों नहीं हटवा पा रहा है। इसके साथ ही मंदिर में सुबह तथा शाम को आने वाले श्रद्धालुओं को शौचालय की सुविधा न मिल पाने के कारण परेशान  होना पड़ रहा है।
मंदिर परिसर में चल रहा अन्न क्षेत्र
इसके साथ ही मंदिर परिसर में जरूरतमंद लोगों के लिए अन्न क्षेत्र भी बनाया गया है और प्रतिदिन यहां 70 से 80 जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाया जाता है लेकिन अन्न क्षेत्र के निकट ही मौजूद शौचालय ताले लटका दिए गए हैं। जिससे यहां आने वाले लोगों को शौचादि के लिए या तो मंदिर परिसर में जाना पड़ रहा है या फिर मंदिर से बाहर जाना पड़ रहा है। जोकि परेशानी का सबब बना हुआ है।
जिला प्रशासन ले मंदिर की सुध
श्रद्धालुओं ने कहा कि जयंती मंदिर जब सरकार के अधीन है तो यहां लोगों द्वारा तानाशाही प्रवृत्ति क्यों अपनाई जा रही है। शौचालयों पर ताले किस लिए लगाए गए हैं। प्रशासन शौचालय पर लगे तालों को खुलवा यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा उपलब्ध क्यों नहीं करवा पा रहा है, जबकि देशभर को खुले में शौच मुक्त बनाने की मुहिम चली हुई है। श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई कि शौचालय पर से तालों को शीघ्र खुलवाया जाए। 

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