600 से अधिक पशुओं को पहुंचाया नंदीशाला में
एडीसी, एसडीएम और डीएसपी ने किया पूरी रात अभियान का नेतृत्व
जींद
आवारा पशुओं को अस्थायी नंदीशाला में पंहुचाने के लिए जींद के एडीसी धीरेंद्र खडगटा, एसडीएम अश्वनी मलिक, डीएसपी कप्तान सिंह ने रातभर चले अभियान की कमान संभाली। तीनों अधिकारी मोटरसाइकिलों पर सवार होकर इस अभियान में लगे 2०० से अधिक लोगों का हौंसला बढ़ाते रहे और स्वयं हाथों में लाठियां लेकर नंदियों को संक री गलियों से निकाल कर मुख्य सड़कों पर इक्क_ा कर उन्हें हांक कर नंदीशाला तक लाने के काम में जुटे रहे। अभियान रात को 1० बजे से शुरू हुआ और सवेरे चार बजे तक चलता रहा। इसका नतीजा यह रहा कि बीती रात इस अभियान में 6०० से अधिक आवारा पशुओं को नंदीशाला में पहुंचाया गया।
अपोलो रोड से शुरू हुआ अभियान
अभियान नरवाना अपोलो रोड से शुरू हुआ। कैथल रोड से पटियाला चौंक होते हुए लगभग 2०० आवारा पशुओं क ो इक_ा कर उन्हें हांक कर नंदीशाला ले जाया गया। इसी प्रकार देवीलाल चौंक से टाउन हाल, बैंड मार्केट व आसपास की कालोनियों के आवारा पशुओं को इक_ा कर उन्हें जयंती देवी मंदिर के पास नंदीशाला में पहुंचाया गया। इसके बाद रेलवे रोड पर मिले पशुओं को नंदीशाला में पहुंचाया गया। रातभर चले इस अभियान में रोहतक रोड व आसपास एरिया के सांडों को अनाज मंडी में इक_ा किया गया। इसी प्रकार जिला कारागार के पीछे की कालोनी, गोहाना बाईपास तथा सफीदों बाईपास से होते हुए इक_ा किए गए सांडों को नंदीशाला में पंहुचाया गया।
सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने लिया भा
एडीसी धीरेन्द्र खडगटा ने इस अभियान में २०० से अधिक लोगों ने भाग लिया। जींद को हम आवारा पशु मुक्त शहर बनाने में कामयाब हो जाएंगें। यह इस अभियान से जुड़े लोगों की हिम्मत को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि शहर का प्रत्येक नागरिक गौवंश को सुरक्षित आश्रय देने के लिए पूरी तरह से गंभीर है और वह स्वेच्छा से आवारा पशुओं को नंदीशाला में पहुंचाने क ी मुहिम से जुड़ कर सहयोग कर रहा है। अभियान के चलते शहर की सड़कों पर बहुत कम आवारा पशु नजर आने लगेंगें। इन्हेें भी नंदीशाला में आश्रय दिलाया जाएगा।
आवारा पशुओं को खोर बना कर न डालें चारा
एडीसी ने कहा कि हम अपनी धार्मिक भावनाओं में भर कर आवारा पशुओं के लिए खोर बना कर उसमें चारा डाल देते हैं। ऐसा कर हम शहर में आवारा पशुओं को छोडऩे को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होनें लोगों से अपील की है कि लोग अस्थायी नंदीशाला में पशुओं के लिए चारा भिजवा सकते हैं। यह एक पुण्य का कार्य होगा। नंदियों को अस्थायी आश्रय को नागरिकों के सहयोग से उपलब्ध करवा दिया है। अब नंदियों के चारे की व्यवस्था के क ाम मेें शहर के लोगों का सहयोग जरूरी है। लोग यहां चारा दान कर सकते हैं। आर्थिक रूप से भी मदद कर सकते हैं ताकि नंदियों के लिए चारे की समूचित व्यवस्था की जा सके।
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