Thursday, 14 September 2017

हिंदी दिवस पर स्कूलों में हुए कार्यक्रम
छात्रों को मातृभाषा हिंदी की महत्ता से करवाया अवगत
हिंदी दिवस पर भाषा में शुद्धता का लिया प्रण

जींद 
जिलाभर में हिंदी दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। स्कूलों में हिंदी दिवस को लेकर भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में डीएन मॉडल स्कूल के प्रंागण में एक संास्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया  गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी  बच्चों ने  उत्साह  से भाग लिया  तथा  हिंदी भाषा के उद्भव,  विकास, महत्व पर प्रकाश डाला।  हिंदी दिवस के अवसर पर बच्चों ने सुंदर-सुंदर रंगोली तथा चार्ट बना कर विद्यालय प्रंागण को सजाया तथा विभिन्न गीत, कविताओं के माध्यम से हिंदी हिंदुस्तान की भाषा, हिंदी व्याकरण, हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, हिंदी विवाद इत्यादि विषयों पर प्रकाश डाला। विद्यालय में कक्षा एक से 10वीं तक के सभी बच्चों ने सुलेख  निंबध प्रतियोगिता में भाग लेते हुए अपने  विचारों को प्रकट किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधक  वीरेंद्र ढिल्लों ने सभी बच्चों को  सम्बोधित करते हुए कहा कि हिंदी हमारी भाषा नहीं अपितु हमारी राजभाषा है। हिन्दी का सम्मान ही देश का सम्मान है। हिंदी भाषा ही वो मजबूत धागा है जिसने देश को जोड़ते हुए विश्व पटल पर भारत की एक अलग पहचान करवाई है। 
हिंदू कन्या महाविद्यालय में हुई पतियोगिताए
हिंदू कन्या महाविद्यालय में हरियाणा साहित्य अकादमी पंचकूला के सौजन्य से हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भाषण, निबंध व प्रश्रोत्तरी  प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिनमें छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम का प्रारंभ निबंध लेखन प्रतियोगिता से हुआ। तत्पश्चात भाषण व प्रश्रोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सूर ग्रुप प्रथम, सरोजनी ग्रुप द्वितीय व लक्ष्मीबाई ग्रुुप तृतीय स्थान पर रहा। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्या डा. अलका गुप्ता ने विजेता छात्राओं को बधाई दी। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियां छात्राओं के बहुमुखी विकास में अन्यंत सहायक होती हैं। 
डीपीएस स्कूल में हुआ कार्यक्रम 
डीपीएस जींद में वीरवार को हिंदी दिवस विशिष्ट प्रार्थना सभा आयोजित कर मनाया गया। प्रार्थना की सभी प्रस्तुतियां हिंदी भाषा में ही प्रस्तुत की गई। आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने गायत्री मंत्र के उच्चारण से प्रार्थना सभा संचालित की। हिंदी भाषा में ही मंच संचालन छात्रा खुशी ने, सुविचार छात्र घनश्याम ने हिंदी भाषा से संबंधित तथ्य छात्र रितिक ने, भाषण छात्रा तान्या ने, कविता गायन प्रस्तुति छात्रा हिंमाशी ने तथा हिंदी के सम्मान को बढ़ाने व हृदय से अपनाने की शपथ छात्र पंकज ने दिलाई। हिंदी अध्यापिका डा. मुकेश कुंडू ने स्वयं के हिंदी अध्यापिका होने पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि हिंदी वैज्ञानिक भाषा है। इसका शब्दकोश व साहित्य अत्यंत समृद्ध है। साहित्य ही बच्चों को संस्कारवान बनाता हैं। विद्यालय के प्राचार्य आरके शर्मा ने हिंदी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी मात्र भाषा न होकर मातृभाषा है जो वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है। ये चिंतन व मनन की भाषा है जो हमारे भावों को अभिव्यक्त करने में सकारात्मकता पैदा करती है। उन्होंने भाषा को शुद्धता व स्पष्टता के साथ प्रयोग करने पर बल दिया। 
हर भारतीय को हिंदी भाषा पर गर्व हो : राजेश वशिष्ठ 
राजकीय प्राथमिक स्कूल रविदास बस्ती सफीदों में हिंदी दिवस के अवसर पर शिक्षकों और बच्चों द्वारा खेल-खेल और विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करके हिंदी भाषा के महत्व को बताया गया। बच्चों ने इस अवसर पर भाषण, कविता और ड्राइंग के माध्यम से बताया की हमे अपनी मातृभूमि और मातृभाषा पर गर्व है। सभी को अपनी मातृभाषा का मान बनाना है। आज पूरे विश्व में हमने अपने ज्ञान से अपनी प्रतिभा का डंका बजाया है। कक्षा तीसरी से पांचवी के सभी बच्चों ने हिंदी शलोगनों से पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का संदेश दिया। शिक्षक राजेश वशिष्ठ ने बताया की हिंदी का प्रयोग निसंकोच सभी को करना चाहिए।  हर भारतीय को अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए उनका प्रयास यही है की हर बच्चा हिंदी पढने में रूचि लें। प्रतियोगिता में प्रथम और द्वितीय स्थान पाने वाले बच्चों को सम्मानित किया गया। 
संवाद में हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए : किरोड़ीवाल
सफीदों के गुरु गोबिंद सिंह सीनियर सैकेंडरी स्कूल में वीरवार को हिंदी दिवस मनाया गया। इस मौके पर स्कूल में एक सेमीनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार की अध्यक्षता स्कूल के प्राचार्य गुलाब सिंह किरोड़ीवाल ने की। सेमिनार में बच्चों को अपनी मातृभाषा के प्रति लगाव व समर्पण के प्रति जागरूक किया गया और इसके अधिकाधिक प्रयोग के लिए प्रेरित किया। अपने संबोधन में गुलाब सिंह किरोड़ीवाल ने कहा कि विश्व स्तरीय बैठकों में बहुत से देशों से प्रतिनिधि केवल अपनी मातृभाषा में सवांद करते है, जिसका अन्य भाषाओं में अनुवाद कर दिया जाता है। ठीक उसी प्रकार हमें भी अपने संवाद में अपनी मातृभाषा हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग करना चाहिए ताकि मातृभाषा का सम्मान नित्य बना रहे। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि वे हिंदी के कवियों, लेखकों तथा उपन्यासकारों के जीवन से प्रेरणा लें तथा हिंदी को दैनिक जीवन में प्रयोग में लाएं। इस मौके पर हिंदी लेखन व उच्चारण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें विजेता बच्चों को मुख्यातिथि ने सम्मानित किया। इस मौके पर प्राचार्य गुलाब सिंह किरोड़ीवाल के अलावा संचालक कप्तान सिंह सैनी, प्रवक्ता कृष्ण सैनी, हिंदी प्रवक्ता भगवान दास शर्मा व सुरेश सिसोदिया मौजूद थे। 
तक्षशिला स्कूल में मनाया हिंदी दिवस

तक्षशिला इंटरनेशनल स्कूल भम्भेवा में हिंदी दिवस बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। छात्र-छात्राओं ने भाषण से तथा दूसरी और कविताओं के माध्यम से श्रोतागण को मंत्रमुग्ध कर दिया। विद्यालय के प्रबंधक कल्याण सिंह संधू तथा कुलबीर सिंह अहलावत ने बच्चों को हिंदी के प्रति जागरूक करते हुए हिंन्दी भाषा के महत्व को बताया कि जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद दूसरे देशों में जाकर हिंदी में सम्बोधन कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं हिंदी भाषा को तवज्जो दें। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य महेंद्र शर्मा ने भी बच्चों का उत्साह वर्धन किया तथा हिंदी के संरक्षण का संकल्प करवाया।

वुडस्टॉक स्कूल में हिंदी दिवस मनाया
वुडस्टॉक पब्लिक स्कूल में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में हिंदी सुलेख प्रतियोगिता और हिंदी कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। हिंदी प्राध्यापिका प्रवीन नरवाल ने हिंदी भाषण के माध्यम से विद्यार्थियों को हिंदी दिवस के विषय में बताते हुए कहा कि आजादी के बाद 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को देश की मातृभाषा तथा राजभाषा का दर्जा दिया गया था। उसी की याद में 1953 में निर्णय लिया गया, जिसके फलस्वरुप प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। इस अवसर पर स्कूल निदेशक प्रदीप सहरावत और प्राचार्य नरेंद्र नाथ शर्मा ने सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई दी।
बरसोला स्कूल में हुआ कार्यक्रम
हिंदी दिवस के अवसर पर ज्ञान सरोवर सीनियर सेकेंडरी स्कूल बरसोला में सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। विद्यालय प्रबंधक उदयवीर नेहरा ने बच्चों को बताया कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा होने के साथ साथ देश की नींव है। हिंदी सभी भाषाओं का आधार है।हिन्दी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जो देश की एकता का आधार है। संस्कृत के बाद हिंदी ही सबसे प्राचीन भाषा है। इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या रितू मोर ने बच्चों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं दी। 
स्वच्छता का दिया संदेश 
राजकीय प्राथमिक स्कूल रविदास बस्ती सफीदों में हिंदी दिवस पर स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य भारत भूषण ने की। बच्चों को सफाई के महत्व के बारे में बताया गया। बच्चों को घर के आसपास की और अपने शरीर की सफाई के महत्व को बताया गया। बिना सफाई के हम अनेक बीमारियों को बुलावा देते हैं। प्राचार्य भारत भूषण ने सभी अध्यापकों को भी स्वच्छता अभियान की मुहिम में बच्चो को बढ़चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने बच्चों को भी प्रेरित किया की जब भी जहां भी अवसर मिले स्वच्छता का संदेश दिए हुए स्वयं भी तथा औरों को भी लाभांवित करें तभी सब स्वस्थ रह पाएंगें। शिक्षक राजेश वशिष्ठ ने बताया कि उनका प्रयास रहता है की वो अपने समाज सुधार कार्यों से औरों को भी प्रेरित करें ताकि स्वच्छता अभियान की जोत जलाई गई है उसको इसी प्रकार आगे बढ़ाते रहें। 
सीआर कालेज में भी मनाया हिंदी दिवस 
सीआर किसान कालेज में हरियाणा साहित्य अकादमी पंचकूला के तत्वावधान में हिंदी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. बीर सिंह ने की। उन्होंने हिंदी को मान-सम्मान देते हुए कहा कि हमें दैनिक कार्यों में हिंदी का उपयोग करना चाहिए। कार्यक्रम में मंच  का संचालन हिंदी विभाग के अध्यक्ष डा. राममेहर सिंह ने किया। उन्होंने विश्व में हिंदी की स्थिति से अवगत करवाते हुए कहा कि आज हिंदी विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है। सम्पूर्ण भारत जोडऩे वाली भाषा हिन्दी ही है। डा. सतकुमार ने हिंदी के प्रचार-प्रसार पर बल देते हुए बच्चों को हिन्दी भाषा का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। डा. मिनाक्षी ने कहा की हिंदी भाषा हमारी मातृ भाषा है। यह भाषा भारतवासियों कंठाहर बनी हुई है। राजनितिक विभाग के अध्यक्ष डा. ब्रह्मप्रकाश ने हिंदी के बढ़ते क्रम की सहराना करते हुए हिंदी की व्याहारिकता पर बल दिया। 


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