जगबीर को लंदन में मिला विशेष सम्मान
जींदकवि जगबीर राठी ने लंदन में ठेठ हरियाणवी बोली में माटी का चूल्हा कविता की शानदार प्रस्तुति देकर हरियाणा का ही नही बल्कि देश का नाम रोशन किया है। शानदार प्रस्तुति के लिए जगबीर को भारतीय उच्चायोग लंदन की ओर से हरियाणवी तथा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए विशेष सम्मान दिया है। यहां पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। भारतीय सांस्कृतिक परिषद की ओर से उन्हें लंदन में कविता की प्रस्तुति के लिए भेजा उनके साथ पांच अन्य जाने माने कवि थे। उन्होंने ने लंदन के दस शहरों में अलग-अलग प्रस्तुतियां दी। उन्होंने बेलफास्ट, स्लाव, स्विंडन, बर्मिंघम, नौटिंघम, मेनचेस्टर, लिवनपुल, कार्डिफ, इंडिया हाउस, साउथआल में प्रस्तुतियां देकर हरियाणा का नाम रोशन किया। उन्होंने अपनी सारी प्रस्तुतियां ठेठ हरियाणवी बोली में दी। सबसे ज्यादा उनकी हरियाणवी कविता माटी का चूल्हा पसंद की गई। इसके लिए उन्हें भारतीय उच्चायोग लंदन की ओर से विशेष सम्मान दिया गया। इस कविता में भारतीय संस्कृति दिखाते हुए प्रेम भाईचारे तथा शांति का संदेश किया गया है। सभी प्रस्तुतियों में राठी ने हरियाणवी तथा भारत की संस्कृति के दर्शन करा कर वहां के लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। जगबीर का पहला मंच जींद का पुराना एसडी स्कूल का था। उसे बाद उन्होंने कभी पीछे मुडकर नहीं देखा। पिछले दिनों जगबीर राठी के अमिर खान के साथ दंगल फिल्म आई थी जिसमें उनके हरियाणवी किरदार का लोगों ने हाथों हाथ लिया था। डा. जगबीर राठी ने बताया कि इससे पहले वह छह देशों में हरियाणवी माटी की महक बिखेर चुके हैं। अमेरिका, कनाडा, ओमान, थाइलैंड, पाकिस्तान में भी उनकी लेखनी का खूब सहराया गया है। उन्होंने बताया कि उनका मुख्य उदेष्य हरियाणवी संस्कृति को पुरी दुनिया में लेकर जाना है। वे जहां भी जाते है वहां अपनी सारी प्रस्तुतियां हरियाणवी में देते हैं।
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