जींद : एक्टिव थियेटर एंड वैलफेयर सोसायटी द्वारा हरियाणा कला परिषद व हरियाणा संस्कृत अकादमी पंचकूला के तत्वावधान में चल रहे 11 दिवसीय नवरस राष्ट्रीय नाट्य उत्सव के छठे दिन डॉक्टर आप भी नाटक का मंचन रंगकर्मी सतेंद्र सिंह के निर्देशन में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य सलाहकार मैक कुरुक्षेत्र महेश जोशी, प्राचार्य देवा सिंह गोयल, चीफ मैनेजर पीएनबी बीएम पंवार, डा. रमेश बंसल, डा. सुरेश जैन ने दीप प्रज्जवलित करके किया। नाटक की शुरूआत कलाकार जब मंच पर अपना पहला डॉयलोग बोलता है तभी सभागार में बैठे दर्शक तालियों के साथ स्वागत करते हैं। डाक्टर आप भी नाटक में दिखाया गया है कि कोई भी डाक्टर बुरा दुष्ट या खलनायक नहीं होता है वो सब एक गतीशील प्रभाव में शामिल हो गए हैं। जो उनको और समाज को गर्त में ले जाएगा। जिसके भले के लिए यह पेशा करना है उसका साथ उन्होंने कब का छोड़ दिया है। अब उनके हाथ केवल पैशेंट की जेब टटोल रहे हैं। उसमें रखा पर्स कितना बड़ा है ये देख रहे हैं। दुर्घटनाओं की खबरे हम पढ़ते हैं ना, जानती हो वहां चोर, लुटेरे सबसे पहले पहुंचते हैं और यात्रियों के गले में, कान में, हाथ में, जो होगा उसे छीन लेते हैं वैसी ही हालत इस पेशे की होने से पहले डाक्टर को सावधान होना चाहिए। इस तरह के दमदार डॉयलोग और कलाकारो के बहतरीन अभिनय ने दीवान बाल कृष्ण रंगशाला में राष्ट्रीय नाट्य उत्सव में उपस्थित सभी दर्शकों को करीब डेढ़ घंटे तक मंत्रमुग्ध करके रखा। ऐसी बहतरीन प्रस्तुत मंच पर देख लोग शुरू से लेकर अंत तक बंधे रहे। नाटक डॉक्टर आप भी एक सुप्रसिद्ध मराठी लेखक अजीत दलवी की कृति है। इस नाटक में एक डॉक्टर एक ऐसी महिला का गर्भाश्य निकाल लेती है जिसे बच्चा न होने की समस्या है और इस बात से बेखबर वह महिला सोचती रहती है कि अब मेरा इलाज चल रहा है और वो मां बन सकेगी। अपने बच्चे को जन्म दे सकेगी लेकिन कुछ समय बाद जब उस महिला को पता चलता है कि उसका तो गर्भाश्य ही निकाल लिया गया है तो फिर से उसी डॉक्टर के पास जाती है और अपने गर्भाश्य के बदले उस महिला डॉक्टर का गर्भाष्य मांग लेती है और इस पूरे घटनाक्रम के दौरान उस महिला डॉक्टर का पति डॉक्टर अविनाश उस महिला का साथ देता है और कोर्ट में केस भी लड़ता है। इसके बाद अनेकों संदेश देता हुआ समाज को झकझोरता हुआ यह नाटक खत्म होता है। नाटक की प्रस्तुति की अगर बात करें तो अपने आप में एक शानदार प्रस्तुति दर्शकों में देखी, बेजोड़ अभिनव से एक-एक कलाकार ने खूब तालियां बटोरी और पहली बार किसी नाटक में हरियाणी लोक संगीत संयोजन भी देखने को मिला जो दर्शकों को लुभा गया। मुख्यअतिथि महेष जोशी ने कहा कि यह संस्था रंगमंच के क्षेत्र में बड़ा काम कर रही है। मंच का संचलान कृष्ण नाटक ने किया। इस मौके पर डीसी विकास, श्री मंगत राम शास्त्री, डा. सुरेश जैन, ओमप्रकाश चौहान, सुभाष श्योराण, प्रवीण परूथी, डा. प्रियदर्शी, प्यारे लाल सिंगला, मनोज कुमार खंडेवाल, प्रवेष त्यागी, प्रवीन दुग्गल, हिमांषु कैप्चर इत्यादि लोग मौजूद रहे।
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