भोपाल के श्री नाटयम थियेटर ग्रुप ने दी नाटक की प्रस्तुति
जींद
एक्टिव थियेटर एंड वैलफेयर सोसायटी के तत्वाधान में दस दिवसीय नवरस राष्ट्रीय नाटय उत्सव का शुभारंभ दीवान बाल कृष्ण रंगशाला में हुआ। नाटय उत्सव का शुभारंभ कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति डा. एके चावला, डा. डीपी जैन, जितेंद्र चहल, मंजू मानव व डा. अनिल जैन ने संयुक्त रूप से किया। नाटय उत्सव के पहले दिन भोपाल के श्री नाटयम थियेटर ग्रुप ने सोलह संस्कार नाटक की शानदार प्रस्तुति दी। दर्शकों ने नाटक का जमकर लुत्फ उठाया। नाटक का निर्देशन मनोज मिश्रा ने किया। मुख्यअतिथि डा. डीपी जैन ने कहा कि यह उत्तर भारत का बड़ा राष्ट्रीय नाटय उत्सव ऐसे शहर में हो रहा है जिसे पिछड़े इलाके के रूप में जाना जाता है। ऐसे इलाके में राष्ट्रीय स्तर का नाटक महोत्सव होना पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। 16 संस्कार नाटक मानव जीवन पर आधारित है। नाटक के माध्यम से जीवन के हर स्तर तथा हर पहलू को दिखाने का प्रयास किया गया कि मानव जीवन किन संस्कारों से होकर गुजरता है। जन्म लेने से मृत्यु तक 16 संस्कार किए जाते हैं। 16 संस्कारों में गर्भधान, पुंसवन, सीमंतोत्रयन, जातकर्म, नामकरण, निष्क्रमण, अन्नप्राषन, मुंडन, कर्णवेध, अक्षरांभ, उपनयन, वेदारंभ, केंषांत, समावर्तन, विवाह, अंतयेष्ठि शामिल हैं। नाटक में सोलह संस्कारों की जानकारी गुरू शिष्य के कथोपथन के माध्यम से दी गई। साथ ही इन आचारों की प्रक्रिया को समझाया गया है। जैसे गर्भधान, गर्भ के पंच तत्वों से शरीर का निर्माण, दृष्य आधुनिक उपकरणों से दर्शक को दिखाया गया है। इस प्रकार क्रमश 16 संस्कारों को सरल सुगम सुबोध रीति से जन-मानस तक पहुंचाया गया है। कलाकारों ने अपने अभिनय व हास्य व्यंगय से दर्शकों को लोट-पोट कर दिया व सोचने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर संरक्षक सुरेश जैन, मंगत राम शास्त्री, डा. रोशनलाल, डा. पवन आर्य, डा. हनीफ खान, डा. केएस गोयल, अजय सिंगला, मंजू मानव, राष्ट्रीय अवार्डी सुभाष ढिगाना, ओमप्रकाश चौहान, प्रवीण दुग्गल मौजूद रहे।
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