श्रद्धालुओं ने कन्याओं को भोजन करा व्रत समाप्त किएकन्याओं को घर में भोजन कराने के लिए लोगों को करना पड़ा घंटों इंतजार
जींद,
शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर वीरवार सुबह श्रद्धालुओं ने कन्याओं को भोजन कराया तथा पूजा अर्चना कर व्रत समाप्त किए, लेकिन श्रद्धालुओं को कन्याओं को कमी अखरती रही। कन्याओं को भोजन कराने के लिए श्रद्धालु उन्हें गली-गली ढूंढते नजर आए। कन्याओं को एकत्रित करने के लिए श्रद्धालुओं को भारी मशक्कत करनी पड़ी। कन्याओं को अपने घर भोजन के लिए ले जाने के लिए लोगों को घंटों कन्याओं का इंतजार करना पड़ा। उधर, शहर के विभिन्न मंदिरों में कन्याओं को सामूहिक भोज का आयोजन किया गया।
मान्यता है कि नवरात्र की अष्टमी पर कन्याओं को भोजन कराने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मन्नतें पूरी करती हैं। यह भी मान्यता है कि जब तक कन्याओं को भोजन न कराया जाए तब तक व्रत सफल नहीं होता। इसी मान्यता के चलते वीरवार को सुबह श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों पर कन्याओं को भोजन कराया तथा अन्न प्रसाद के रूप में ग्रहण करके व्रत समाप्त किया। श्रद्धालुओं ने वीरवार सुबह जहां कन्याओं को शीघ्र भोजन करा व्रत समाप्त कर अन्न ग्रहण करने को उतावले दिखे वहीं कन्याओं की कमी का उन्हें सामना करना पड़ा। कुछ लोगों को तो भोजन कराने के लिए कन्याएं न मिलने पर मंदिरों में सामूहिक रूप से भोजन कराकर काम चलाया। वहीं कुछ कन्याओं ने कई-कई घरों में भोजन किया।
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कन्याओं को लाने के लिए घर-घर गए श्रद्धालु
नवरात्र में व्रत रखने वाले श्रद्धालु दुर्गा अष्टमी पर पूजा-अर्चना के लिए कन्याओं को अपने घर में भोजन कराने के लिए घंटों तक कालोनियों में घूमते रहे। दुर्गा अष्टमी पर व्रत रखने वाले माता के श्रद्धालु कन्याओं को भोज करवाते हैं। कन्याओं को भोज करवाने के बाद ही व्रत पूरे माने जाते हैं। व्रत रखने वाले श्रद्धालु सुबह लड़कियों को ले जाने के लिए घर-घर पहुंच गए थे। सुबह होते ही श्रद्धालु मोटरसाइकिल सहित अन्य साधन लेकर अपने-अपने यहां लड़कियों को लेकर गए। भोज करवाया कर व्रत को पूरा किया। कई स्कूलों द्वारा दुर्गा अष्टमी पर सामूहिक पूजन कार्यक्रम का भी आयोजित किया गया। इसके अलावा कई स्कूलों में अवकाश भी किया हुआ था ताकि श्रद्धालु लड़कियों को भोज करवा सकें। व्रत रखने वाली सुषमा, कमला, अंजू ने बताया कि एक लडक़ी ने कई-कई जगह पर भोज किया। उनके यहां व्रत पूरा करने के लिए लड़कियों को भोज करवाना था। कई-कई घरों में जाकर लड़कियों को भोज के लिए लाना पड़ा। बिना लड़कियों को भोज करवाए व्रत पूरा नहीं होता है।
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महर्षि विद्या मंदिर स्कूल में 51 कन्याओं का हुआ पूजन
महर्षि विद्या मंदिर स्कूल में वीरवार को 51 कन्याओं का पूजन किया गया। इस के तहत सबसे पहले कन्याओं के पांव धुलवा कर और हलवा और छोले, केले का प्रसाद वितरित किया गया और इसके साथ-साथ विद्यालय के सीनियर छात्रों ने कन्याओं को कन्या पूजन के समय प्रसाद वितरित किया और उनका आशीर्वाद लिया तथा उनकी रक्षा हेतू शपथ ली। स्कूल प्राचार्या अनीता शर्मा ने कन्या भू्रण हत्या की रोकथाम और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया और कन्याओ के सम्मान किए जाने की ओर सभी को प्रेरित किया और कहा कि हमें सिर्फ एक दिन ही नहीं अपितु हमेशा कन्याओं का सम्मान करना चाहिए। माता की आरती के साथ पूजन संपन्न हुआ।
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विहिप ने भी किया सामूहिक पूजन
विश्व हिंदू परिषद जींद के सामाजिक समरस्ता विभाग द्वारा कन्या पूजन कार्यक्रम किया गया। सुबह दुर्गाष्टमी के उपलक्ष मे विश्व हिंदू परिषद जींद के सामाजिक समरसता विभाग द्वारा रामराय गेट जींद स्थित महर्षि वाल्मीकि धर्मशाला मे कन्या पूजन का कार्यक्रम किया गया। इसमें देवी दुर्गा स्वरूपा 51 कन्याओं का विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओ द्वारा विधिवत पूजन कर उन्हें भोग अर्पण किया गया। कार्यक्रम का मूल उद्देश्य हिंदू समाज से जातियता का भेद समाप्त कर परस्पर भाईचारा स्थापित करना है। कार्यक्रम मे बच्चियों के माता-पिता को सरकार द्वारा कन्याओं के हित के लिए चलाई जा रही योजनाओ के प्रति भी जागरूक किया गया। कार्यक्रम मे महेश मंगला, सुरेंद्र, नवीन, संजय, अशोक भारत एवं दुर्गा वाहिनी की बहनों ने मुख्य रूप से भूमिका निभाई।
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