महापुरूषों के कारण ही ले रहे हैं खुली हवा में सांस : केपी सिंह
जींद
कृषि विज्ञान केंद्र पांडू पिंडारा द्वारा सोमवार को जिला कृषि कल्याण विभाग के सहयोग से संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के तौर पर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कहा कि महापुरूषों के कारण ही हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। 1942 में महात्मा गांधी ने आजादी के लिए जो करो या मरो का नारा दिया था, उससे पश्चात पांच साल की मेहनत से ही हमें आजादी मिली। उसी प्रकार अब माहौल, हालात, व्यवस्था और समय ऐसा है कि हम अगले पांच सालों में अपनी तकदीर व तस्वीर संवार सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज भ्रष्टाचारी और चोर डरे हुए हैं। आज माहौल ऐसा है कि संकल्प से सिद्धि की और अग्रसर होते हुए किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान केवल लोगों का पेट ही नहीं भरते बल्कि उनके बेटे अपने मजबूत इरादों से देश की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिंचाई के पानी की कुशलता बढ़ाने के लिए टपका, फव्वारा, सिंचाई जैसी तकनीकें विकसित करने का प्रावधान है। किसानों को चाहिए कि वे सॉयल हेल्थ कार्ड बनवाएं। किसानों के लिए फसल बीमा योजना चलाई गई है। कृषि के जोखिम को कम करने के लिए यह कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ा निवेश है। उन्होंने बताया कि किसानों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए आनलाइन सुविधा से जोड़ा जा रहा है ताकि किसान कहीं से भी अपने उत्पाद को अच्छे दामों में बेच सकें। उन्होंने कहा कि कैशलैस ट्रांजैक्शन पर बल दिया जा रहा है जो कि एक बहुत बड़ी क्रांति है। विशिष्ट अतिथि डा. ओपी पहल ने बताया कि सरकार और किसानों के बीच दो तरफा संवाद कायम करने में मोबाइल व इंटरनेट सुविधा से किसानों के लिए वेबसाईट, पोर्टल, फोन, एसएमएस सुविधा तथा एपलीकेशन शुरू की गई हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को डबल करने के लिए सरकार द्वारा सात सूत्री कार्य योजना पर काम किया जा रहा है। अगर किसान जागरूक होंगे तो निश्चित तौर पर एक बदलाव होने वाला है। केंद्र के प्रभारी डा. यशपाल मलिक ने संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम के तहत कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को स्वच्छ भारत, भ्रष्टाचार मुक्त, आंतकवाद मुक्त, साम्प्रदायिकता मुक्त, जातिवाद मुक्त भारत की शपथ दिलाई तथा आह्वान किया। उन्होंने अपनी संस्कृति और इतिहास को याद करते हुए कहा कि आज के ही दिन 1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में सनातन धर्म की पताका फहराई।
संसद में वे पहले वक्ता थे जिन्होंने अपना संवाद लेडिज एंड जैंटलमैन न कहकर प्यारे बहन व भाई संबोधन का प्रयोग किया और बताया कि जिस समय पश्चिमी सभ्यता में कपड़े तक उपलब्ध नहीं थे हमारे यहां रेशम और मखमल के लिबाज थे और सभी धर्मों का एक ही सत है कि मार्ग अलग-अलग हैं, ईश्वर एक है। उन्होंने किसानों को कहा कि खेती का आधुनिक रूप व्यवस्था परिवर्तन कर सकता है। उन्होंने उच्च तकनीकों से तथा फसल विविधिकरण को अपनाकर देश का सिरमौर बनें तथा देश की तरक्की में अपना एक विशेष योगदान दें। कार्यक्रम में डीडीए डा. सुरेन्द्र मलिक ने हरियाणा सरकार की किसान कल्याणकारी योजनाओं बारे जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसान सीधे विशेषज्ञों से जुड़ें और नवीनतम तकनीकों का फायदा उठाएं। कार्यक्रम में आकाशवाणी रोहतक से सुरेन्द्र कुमार, बागवानी विशेषज्ञ डा. रामदयाल पंवार, डा. वीरेन्द्र दलाल, दशरथ बधाना, अनिल सिंधु, अशोक ईगराह, सुभाष पालवां, मनबीर ईगराह, जयभगवान निडानी, ईश्वर ढाठरथ, जोगेन्द्र अलेवा सहित अन्य थे।
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