श्राद्धों के दौरान बहुत कम लोग करते हैं खरीददारी
आठ सितंबर को दोपहर 12.31 से अमृत सिद्धि योग
जींददेशभर में बुधवार से पितृपक्ष (श्राद्ध) शुरू हो रहे हैं और ये 20 सितंबर तक चलेंगे। ऐसे में खरीददारी के लिए बहुत कम लोग ही बाजार का रूख करते हैं। लोगों का मानना है कि श्राद्धों के दौरान जो भी वस्तु खरीदी जाती है वो शुद्ध नहीं होती। ऐसे में बुधवार से बाजार में दुकानदारों पर मंदी की मार शुरू हो जाएगी। पंडितों के अनुसार भले ही श्राद्ध योग पक्ष हो लेकिन इस योग में खरीददारी शुभ रहेगी। श्राद्धों में आठ सितंबर को दोपहर 12.31 बजे अमृत सिद्धि योग, 11 सितंबर को सुुबह 9.21 बजे से रवि योग, १२ को सुबह ६.१६ से स्वार्थ सिद्धि योग, 14 को रात दो बजे से स्वार्थ सिद्धि योग लगेगा जो 15 तक रहेगा। 17 को मंगल उदय हो रहा है जो सब काम सिद्ध करेगा।
आए दिन लाखों का होता है कारोबार
जींद शहर में इलेक्ट्रोनिक्स की 60 के लगभग मुख्य दुकानें हैं, इनमें 15 के करीब विशेष शोरूम हैं। जबकि जींद के सर्राफा बाजार की प्रदेश व बाहर के क्षेत्रों में अछी-खासी पहचान है और हिसार, कैथल, गुहला चीका, खनौरी जैसे प्रदेश के अनेक क्षेत्रों के अलावा पंजाब व दिल्ली में भी जींद में तैयार होने वाले स्पेशल सोने के आभूषणों की अछी-खासी डिमांड है। इस समय जींद के सर्राफा बाजार में छोटी-बड़ी लगभग 200 दुकानें हैं। जींद के बाजार की बात की जाए तो प्रतिदिन यहां लाखों का कारोबार होता है। शादियों के सीजन में तो यह कारोबार करोड़ों में पहुंच जाता है। ऐसे में बुधवार से शुरू हो रहे श्राद्धों के चलते लोग बाजार की तरफ बहुत कम रूख करेंगे और बाजार दुकानदारों को मंदे की मार झेलनी पड़ेगी। नवरात्र शुरू होने पर ही लोग बाजार का रूख करेंगे।
क्या कहना है दुकानदारों का
भोला ज्वैलर्स के प्रदीप भोला व सैनी इलेक्ट्रोनिक्स के दीपक सैनी ने बताया कि श्राद्धों के दौरान लोग खरीददारी में दिलचस्बी नहीं दिखाते हैं। जिसके चलते श्राद्ध के इन दिनों में बाजार में बहुत कम लोग ही खरीददारी के लिए आते हैं। इसके अलावा इस दौरान विवाह मुहुर्त भी नहीं होते हैं कि जिसके चलते लोग खरीददारी को बाजार आएं। बाजार में केवल वही लोग आते हैं जिन्हें बहुत जरूरी सामान खरीदना पड़ता है। अब आगामी १५ दिनों के लिए बाजाद में मंदा ही रहेगा।
अबकी बार १५ दिन के होंगे श्राद्ध
अबकी बार सोलह श्राद्ध इस साल 15 दिन के होंगे। 16 दिन के श्राद्ध का संयोग साल 2020 में बनेगा। साल 2016 में भी श्राद्ध 15 दिन के थे। लगातार दूसरे वर्ष तिथि घटने से पितृ पक्ष का एक दिन कम हो गया है। इस बार श्राद्ध 6 सितंबर से शुरू होंगे। इसी दिन दोपहर में प्रतिपदा का श्राद्ध भी होगा। 15 दिन बाद 20 सितंबर, बुधवार को सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध का समापन होगा।
श्राद्धों में भी बनेगा स्वार्थ सिद्धि योग : नवीन शास्त्री
ऐतिहासिक जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि आश्विन कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष या महालय पक्ष भी कहते हैं। श्राद्ध में पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। इसमें खरीदी से कोई नुकसान नहीं होता। उन्होंने बताया कि श्राद्ध के दौरान 8 सितंबर को दोपहर 12.31 से अमृत सिद्धि योग, 11 सितंबर को सुबह 09.21 से रवि योग, 12 सितंबर को सुबह 06.16 से सर्वार्थ सिद्धि योग, 14 सितंबर को रात 2 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग लगेगा, जो 15 सितंबर तक रहेगा। 17 सितंबर को भी मंगल उदय हो रहा है। इन योग में पूजा, दान, खरीदारी आदि कर सकते हैं।
ये होंगे श्राद्ध
छह सितंबर-पूर्णिमा/प्रतिपदा
सात सितंबर-द्वितीया
आठ सितंबर-तृतीया
नौ सितंबर-चतुर्थी
10 सितंबर-पंचमी
11 सितंबर-छठ
12 सितंबर-सप्तमी
13 सितंबर-अष्टमी
14 सितंबर-नवमी
15 सितंबर-दशमी
16 सितंबर-एकादशी
17 सितंबर- द्वादशी/त्रयोदशी
18 सितंबर-चतुर्दशी
19 सितंबर-पितृ कार्य अमावस्या
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