Friday, 8 September 2017

फिजियाथैरेपी व्लर्ड दिवस पर विशेष


पिछले 13 वर्षों से फिजियाथैरेपी के माध्यम से हजारों लोगों को दी नई जिंदगी
फि जियोथेरेपिस्ट डा. राजेश गुप्ता लाइलाज रोगियों का कर रहे उपचार
फि जियोथेरेपी में बिना दवाई और सुई के होता है इलाज


कुलदीप सिंह
आज जहां भाग-दौड़ धूप भरी जिदंगी में लोगों को हर चीज में जल्दी रहती है वहीं कोई भी दर्द होने पर लोग अपने दर्द से छुटकारा पाने के लिए दर्द निवारक दवाइयां लेते हैं जिसके कारण हमारे शरीर को भी नुकसान होता है लेकिन अगर यही इलाज फिजियोथैरेपी विधि से किया जाए तो कई बीमारियों का इलाज कुछ ही समय व कम पैसे में बिल्कुल खत्म किया जा सकता है। इसी विधी से पिछले 13 वर्षों से नरवाना जैसे शहर में एक डाक्टर हजारों लोगों को फिजियाथैरेपी के माध्यम से नई जिंदगी दे


चुका है।
भगवान के बाद डाक्टर को भी भगवान का दर्जा दिया जाता है और जब वही डाक्टर लोगों को नई जिंदगी देता है तो वह भगवान से भी बढ़कर हो जाता है। हजारों ऐसे मरीज जो चलने-फिरने की आस तक छोड़ चुके थे, उनको फिजियोथैरपी विधी द्वारा चलने-फिरने की काबिल बनाया। यही नही दोनों टांगों से चलने-फिरने में असमर्थ इंसान फिजियाथैरेपी विधी से इलाज करवा कर दौड़ व खेलकूद प्रतियोगिता में भी भाग ले रहे हैं। ऐसे शख्स का नाम डॉ. राजेश कुमार गुप्ता है जो अब नरवाना के जयराम धर्मार्थ अस्पताल में बतौैर फिजियोथैरेपी डाक्टर के पद पर कार्यरत है। नरवाना जैसे शहर में फिजियोथैरेपी विधी द्वारा इलाज का किसी को नहीं पता था लेकिन पिछले 13 वर्षों से डा. राजेश ने फिजियोथैरेपी विधी द्वारा हजारों लोगों को पैरों पर चला कर फिजियोथैरेपी को एक अलग पहचान दी है। यही नही फिजियोथैरेपी के इलाज के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों से लोग भी यहां इलाज करवाने आते है। डा. राजेश कुमार सुबह जल्दी ही मरीजों के इलाज में लग जाते हैं और देर सांय तक पूरा समय मरीजों को ही समर्पित करते हैं। उनका कहना है कि वो नौकरी जरूर करते हैं लेकिन नौकरी से समय निकाल कर वो गरीबों का इलाज फिजियोथैरेपी विधी द्वारा फ्री भी करते हैं ताकि उनके प्रयासों से किसी की जिंदगी संवर जाएं।
दर्जनों अवार्डों से सम्मानित हो चुके हैं डा. राजेश गुप्ता
डॉ. राजेश गुप्ता दर्जनों बार सम्मानित भी हो चुके हैं। वे सिग्रीफिकेंट कान्ट्रीब्युशन अवार्ड व रिमार्केबल एचीवर्स अवार्ड सहित कई बार सम्मानित किए जा चुके हैं। डॅ. राजेश कुमार गुप्ता एक समाजसेवक के रूप में भी कार्य करते हैं। वे नवदीप स्टेडियम में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों के साथ अन्य खिलाडिय़ों का इलाज फ्री में करते हैं। डा. राजेश मरीजों के इलाज के साथ-साथ मरीजों को नशा छोडऩे के लिए भी प्रेरित करते हैं। उनकी प्रेरणा व इलाज पाकर लगभग 80 प्रतिशत लोग नशा भी छोड़ देते हैं। वे मरीजों को ठीक करने के साथ-साथ रहन-सहन, खान-पान व व्यायाम के लिए भी जागरूक करते हैं। उनका कहना है कि पहला सुख निरोगी काया होती है और इस सुख को नशों की दलदल से दूर रखना चाहिए।
लाइलाज रोगों का उपचार है फि जियोथेरेपी
डा. राजेश गुप्ता ने बताया कि आजकल लोग गर्दन दर्द, कमर दर्द, घुटना दर्द, कंधा दर्द, अधरंग, कोहनी का दर्द, कुल्हे का दर्द व जोड़ों के दर्द से बहुत ज्यादा पीडि़त हैं। जिनका दवाइयां खाने के बाद भी कोई आराम नहीं मिलता है। फिजियोथैरेपी के माध्यम से इन सब रोगो का इलाज बहुत ही कम समय मे संभव है। इस इलाज के माध्यम से दवाइयां खाने से भी छुटकारा मिलता है तथा इलाज भी पक्का होता है। उन्होंने बताया कि इसमें दवाई और सुई के बिना इलाज होता है। फिजियोथैरेपी के माध्यम से इलाज करवाने के लिए सैंकड़ोंं रोगी प्रतिदिन आते है व रोगों से निजात पाते हैं। उनका कहना है कि फिजियोथैरेपी के माध्यम से इलाज थोड़ा लंबा जरूर चलता है लेकिन यह अपने-आप में काबिले तारीफ इलाज होता है, क्योंकि इस इलाज के करने से जहां पैसे की बचत होती है वहीं शरीर को लाभ देने वाला तथा अंगों को हृष्ट-पुष्ट बनाने वाला इलाज है। इस विधि द्वारा लकवा का ईलाज बड़े ही आसान तरीके से किया जा सकता है।
क्या है फि जियोथेरेपी
व्यायाम के जरिये मांसपेशियों को सक्रिय बना कर किए जाने वाले इलाज की विधा भौतिक चिकित्सा या फि जियोथैरेपी या फिजिकल थैरेपी कहलाती है। चूंकि इसमें दवाइयां नहीं लेना पड़ती हैं इसलिए इनके दुष्प्रभावों का प्रश्न ही नहीं उठता है लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि फि जियोथैरेपी तब ही अपना असर दिखाती है जब इसे समस्या दूर होते तक नियमित किया जाए। अगर शरीर के किसी हिस्से में दर्द है और आप दवाइयां नहीं लेना चाहते तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। फि जियोथैरेपी की सहायता लेने पर आप दवा का सेवन किए बिना अपनी तकलीफ दूर कर सकते हैं लेकिन इसके लिए फि जियोथैरेपिस्ट की सलाह अत्यंत आवश्यक है। फि जियोथैरेपी एक स्वास्थ्य प्रणाली मानी जाती है, जिसमें लोगों का परीक्षण किया जाता है एवं उपचार प्रदान किये जाते हैं ताकि वे आजीवन अधिकाधिक गतिशीलता और क्रियात्मकता विकसित करें और उसे बनाए रख सकें। इसके तहत वे उपचार आते हैं जिनमे व्यक्ति की गतिशीलता आयु, चोट, बीमारी और वातावरण सम्बन्धी कारणों से खतरे में पड़ जाती है।
लोगों को नई जिंदगी देने में सहायक फिजियोथैरेपी
डा. राजेश गुप्ता ने बताया कि फिजियोथैरेपी लोगों को नई जिंदगी देने में सहायक है। फिजियोथैरेपी के द्वारा घुटनों का दर्द, कमर का दर्द, फ्रै क्चर, अस्थमा जैसी बिमारियों को इलाज तसल्ली बख्श होता है। जहां एक उम्र के बाद घुटनों का दर्द एक आम समस्या बन गई हैं वहां फि जियोथैरेपी बहुत ही अच्छा विकल्प है। इससे घुटने की उम्र 20 साल तक बढ़ जाती है और आपको पेन किलर नहीं खानी पड़ती है।
म्यूजिक थैरेपी भी बनी रामबाण:-
डा. राजेश गुप्ता ने बताया कि फिजियोथैरेपी की अनेकों विधियां है। इसमें म्यूजिक थैरेपी भी मरीजों के लिए रामबाण है। दर्द से निवारण के लिए म्यूजिक थैरेपी का अह्म योगदान है। इससे सिरदर्द के 20 सालों के  मरीज भी ठीक हो चुकें है।
अधरंग के कारण छोड़ चुका था आस : संजय
हरियाणा पुलिस में कार्यरत संजय कु मार ने कहा कि अधरंग के कारण वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गया था लेकिन फिजियोथैरेपी के माध्यम से आज चल फिर सकता है और जल्द पूरी तरह से ठीक हो जाएगा।
ेकई किलोमीटर की सैर रोजाना : मनजीत
नरवाना निवासी मनजीत मिर्धा ने कहा कि वो सिढिय़ों पर से गिरने के कारण दोनों टांगे खो चुका था और तकरीबन डेढ़ साल तक बिस्तर पर ही रहा। वह डा. राजेश कुमार के संपर्क में आया और फिजियोथैरेपी द्वारा इलाज करवाया। इलाज करवाने के बाद अब वह रोज सुबह अकेला कई किलोमीटर की सैर करने जाता है और रेस व ड्राइविंग भी कर लेता है।
क मर दर्द से मिला छुटकारा : धर्मपाल
धर्मपाल शर्मा ने बताया कि वह कई वर्षों से कमर दर्द से पीडि़त था और दवाइयों से कोई आराम नहीं मिला। फिजियोथैरेपी द्वारा इलाज करवाया तो कमर दर्द से छूटकारा मिला। जब से ईलाज शुरू किया है अलग ही निखार है।

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