परिवार के लोगों ने बुजुर्ग को कर दिया था संपत्ति से बेदखल
एडीआर सैंटर हुई काउसलिंग में वृद्ध को मिला न्याय
जींद
स्थानीय रोहतक रोड के 7० वर्षीय सूबेसिंह को उसके परिवार के लोगों ने उसकी संपत्ति से बेदखल कर दिया तो उसने अपने अधिकारों के संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा संचालित वैकल्पिक शिकायत समाधान केंद्र में आकर कहा कि परिवार के लोगों ने उसकी की सारी संपत्ति अपने नाम करवा ली है। अब उसे संपत्ति से बेदखल कर दिया है। बुजूर्ग ने अपनी दास्तां सु
नाते हुए कहा कि उसके तीन बेटे हैं। उन्होंने सारी संपत्ति अपने नाम करवाली है। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डा. अशोक कुमार के संज्ञान में मामला लाया गया तो उन्होंने मामले की तह में जाकर इसका स्थायी समाधान करने के लिये बुजूर्ग के तीनों बेटों को एडीआर सैंटर में बुलाया और जानकारी हासिल की। सीजेएम डा. अशोक कुमार ने महिला वकील शीला देवी तथा पीएलवी वेदप्रकाश आर्य के साथ मिल कर परिवार के लोगों के साथ काउंसलिंग की और उन्हें समझाया कि बुजुर्गों के अपने अधिकार हैं। वे अपने अधिकारों के संरक्षण के लिए विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सेवाएं से परामर्श व सेवाएं ले सकते हैं। सीजेएम ने बताया इस वृद्ध के परिवार के लोगों को समझाया कि नए सीनियर सीटिजन एक्ट में यह प्रावधान है कि यदि बुजूर्ग अपनी संपत्ति अपने बच्चों के नाम करवा देते हैं और परिवार के लोग उसकी सेवा ठीक से नहीं करते हैं तो बुजुर्ग अपनी संपत्ति को वापस ले सकता है। उसे इसके लिये डीसी को दरखास्त लगानी होती है। डीसी किसी भी राजस्व अधिकारी को यह काम सौंप सकते हैं। ऐसे मामले का निपटारा एक माह के अंतराल में करना होता है। बुजुर्ग सारी संपत्ति अपने नाम वापस करवा सकता है। इतना ही नहीं बुजुर्गों के भरण-पोषण का दायित्व उसके आश्रितों पर होता है। इसलिए बुजुर्ग को इस प्रकार से बेदखल नहीं किया जा सकता है। नए प्रावधानों के अनूसार पुलिस थानों में भी बुजुर्गों का रिकार्ड रखा जाना चाहिए। थाना प्रभारी पुलिस अधीक्षक को ऐसे बुुजुर्गों से जुड़ा डाटा भेजेंगे जिसे उपरी लेवल के अधिकारियों उपलब्ध करवाया जाता है। रोहतक रोड के इस बुजुर्ग मामले में उसकी संपत्ति का बंटवारा कर दिया गया। इस प्रकार से एडीआर सेंटर उपेक्षित लोगों को नया जीवन देने का काम कर रहा है। कोई भी व्यक्ति एडीआर सेंटर में अपनी शिकायत दे सकता है। एडीआर सैंटर के दूरभाष ०1681- 2454०8 पर भी किसी प्रकार की कानूनी जानकारी के लिये संपर्क किया जा सकता है। विधिक सेवायें प्राधिकरण ,द्वारा मध्यस्थता केंद्र भी चलाया जा रहा है । इस में काउंसलर, पैरालीगल वालेंटियर, वकील मिल कर टूटते परिवारों को फिर से बसाने के लिए उन्हें समझाते हैं और उनको कानूनी प्रावधानों के बारे में भी बताते हैं विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा गरीब लोगों के लिए निशुल्क कानूनी सेवाएं भी प्रदान की जाता है। गरीब परिवार को उसका केस लडऩे के लिए वकील की सेवाएंं सरकारी खर्चे पर उपलब्ध करवा दी जाती है। यहां तक की कागजों का खर्चा भी सरकार द्वारा उपलब्ध करवा दिया जाता है।
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