महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में जुटी हैं ज्योति
पर्यावरण प्रदूषण को दूर करने में भी सक्रिय भूमिका निभा रही
लड़कियों को विधाओं में पारंगत करने में लगी हैं ज्योति
जींदआज समाज में युवा वर्ग अपने पथ से भटकता जा रहा है और उनमें नैतिक मूल्यों का लगातार ह्रïास हो रहा है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव समाज पर पड़ रहा है। ऐसे में एक अच्छा अध्यापक अपने अध्यापन से स्वच्छ व सुंदर समाज का निर्माण कर सकता है। यही कुछ करने में जुटी हैं हकीकत नगर निवासी अध्यापिका ज्योति छिब्बर। ज्योति छिब्बर ने कहा कि लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, जो सिर्फ इन दो लाइनों को समझ गया वो अपने जीवन में अवश्य कामयाब होगा। अध्यापिका ज्योति छिब्बर पटियाला चौक पर जीवन ज्योति इंस्टीच्यूट चलाए हुए हैं और नारी शक्ति को बढ़ावा देने के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में अग्रणीय भूमिका निभा रही हैं।
विषम परिस्थितियों में भी नहीं मानी हार
कभी जिंदगी की दौड़ में हार न मानने वाली ज्योति ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी। विषम परिस्थितियां होने के बावजूद उन्होंने पटियाला चौंक पर जीवन ज्योति ग्रुप संस्था से एक छोटी सी शुरूआत की जहां उन्होंने लड़कियों को नैतिक मूल्य के साथ-साथ इंग्लिश भाषा में पारंगत करने का निर्णय लिया। एक छात्रा से शुरू हुई उनकी यह शुरूआत अब 70 बच्चों तक पहुंच गई है। वो सेंटर में आने वाली लड़कियों को सैल्फ डिफैंस, कुकरी, नृत्य के साथ-साथ अन्य विधाओं में तो पारंगत कर ही रही हैं साथ ही छात्र-छात्राओं को नैतिक मूल्यों की भी शिक्षा दे रही हैं। हकीकत नगर निवासी अशोक कुमार की बेटी ज्योति छिब्बर का सपना था कि वो भी जीवन के आयामों को अपनी हिम्मत से छू सके लेकिन उन्हें ऐसा माहौल नहीं मिल सका जिस से वो अपने सपनों को साकार कर पाती। यही सोच उन्हें कचौटती रहती लेकिन ज्योति ने फैसला लिया कि जो उनके साथ हुआ है वो कोशिश करेगी कि ऐसा किसी ओर के साथ न हो। ज्योति ने अपने अकेले के दम पर एक वर्ष पहले जीवन ज्योति ग्रुप की शुरूआत की। इस ग्रुप के माध्यम से ज्योति ने लड़कियों को वो माहौल दिया जिसमें उन्हें एक ही छत के नीचे वो सुविधाएं उपलब्ध करवाई जो केवल मेट्रो सिटी में ही उपलब्ध होती थी। ज्योति के जीवन ज्योति ग्रुप सेंटर पर आने वाली लड़कियां उन्हें मैडम की बजाए दीदी कह कर बुलाती हैं और यहां उन्हें परिवार जैसा माहौल भी मिलता है। सेंटर पर आने वाली अधिकतर लड़कियां ग्रामीण परिवेष से आती हैं और ज्योति उन्हें इंग्लिश में तो पारंगत करती ही हैं साथ ही समय-समय पर सेल्फ डिफैंस, नृत्य, पाक कला, पर्सनेल्टी डिवलप्मेंट जैसी अनेक विधाओं से भी अवगत करवाती हैं।
मां और पिता को मानती हैं रोल मॉडल
ज्योति छिब्बर ने बताया कि उनकी रोल मॉडल उनकी मां इंदिरा छिब्बर तथा पिता अशोक छिब्बर हैं। उनकी मां ने ही उन्हें जीवन में आगे बढऩे की प्रेरणा दी। उनकी मां ने जिन तकलीफों को सहन कर उन्हें आगे बढ़ाया, वो चाहती हैं कि वो तकलीफे किसी अन्य लड़की को न मिले, इसीलिए वो अपनी संस्था के माध्यम से लड़कियों को आगे बढऩे के लिए प्रेरित कर रही हैं। उनका सपना है कि वो भविष्य में ऐसी संस्था बनाए जहां बेसहारों को वो सहारा दे सकें।
मनुष्य जन्म का सभी करें सदुपयोग : ज्योति
ज्योति का मानना है कि अपने लिए तो सभी जीते हैं लेकिन भगवान ने अगर उन्हें मनुष्य जन्म दिया है तो इस जीवन का सदुपयोग राष्ट्र निर्माण में करना चाहिए। वो छात्रों को सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तो प्रेरित करती ही हैं साथ ही आज की सबसे ज्वलंत समस्या पर्यावरण प्रदूषण को दूर करने के लिए पौधा रोपण कार्यक्रमों में भी भाग लेती हैं। शहर की सामाजिक संस्था गायत्री परिवार से मिल कर वो पौधा रोपण अभियान भी चलाए हुए हैं और इसके लिए वो किसी की सहायता भी नहीं ले रही हैं।
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