Monday, 22 October 2012

अशक्त बच्चों को मिलेगी स्वास्थ्य सुविधा


जींद : अब 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाले अशक्त बच्चों को भी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी। पहले यह सुविधाएं केवल पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले अशक्त बच्चों को ही मिलती थी। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन हरियाणा के तहत इस योजना को अमल में लाया गया है। इस योजना के तहत प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अशक्त बच्चों की डॉक्टरी जाच का काम किया जाएगा और उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएगी। राज्य परियोजना निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारी व जिला परियोजना संयोजकों को निर्देश जारी किए हैं। राज्य परियोजना संयोजक द्वारा निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि अब स्वास्थ्य सुविधाएं पहली कक्षा से 12वीं कक्षा के अशक्त बच्चों को मिलेंगी। पहले यह सुविधाएं केवल पहली से आठवीं कक्षा तक के अशक्त बच्चों को ही मिलती थी। स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए शिक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त रूप से पहल की है। इस योजना के तहत बच्चों की जाच, निरीक्षण एवं मूल्यांकन किया जाए। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन हरियाणा के तहत चिकित्सा शिविर में अशक्त बच्चों की चिकित्सीय जाच कराई जाएगी। इसके अलावा बच्चो ंको निशक्ता प्रमाणपत्र सौंपे जाएंगे, रेलवे रियायत प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। इसके साथ-साथ उपयुक्त सहायक, उपकरणों की सलाह एवं नाप कार्य किया जाएगा। जाच के दौरान जिन बच्चों के लिए सुधारात्मक सर्जरी की आवश्यकता है, उन बच्चों की छंटाई और स्क्रीनिंग की जाएंगी। इसके अलावा निशक्तता छात्रवृत्ति के फार्म का वितरण एवं सलाह दी जाएगी। विद्यार्थियों के स्वास्थ्य जाच कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के बीच सामंजस्य जिला परियोजना संयोजक के सहयोग से बैठाया जाएगा। डीपीसी स्वास्थ्य जाच के लिए शिविर का आयोजन करवाएंगे। बच्चों की शिविर में उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा अशक्त बच्चों का पूर्ण ब्योरा एकत्रित कर रखेंगे।स्कूलों से एकत्रित की जा रही जानकारीअशक्त बच्चों की सूची सभी सरकारी स्कूलों से मांगी गई है। अब यह योजना पहली से 12वीं कक्षा तक में लागू होगी। इसलिए सभी स्कूल मुखियाओं से अशक्त बच्चों की सूची भेजने को कहा गया है। अब पहली से 12वीं कक्षा तक के अशक्त बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए जल्द ही स्वास्थ्य विभाग की मदद से शिविर लगाए जाएंगे। बच्चों को प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे।भीमसैन भारद्वाज, जिला परियोजना संयोजक, एसएसए

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