किसानों को 50 प्रतिशत सबसिडी पर दिया जाएगा लहसुन का बीज
जींद। बागवानी विभाग द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए एक खास योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत विभाग किसानों को परम्परागत खेती से हटकर मसालेदार फसलों की खेती के लिए प्रेरित करेगा। विभाग द्वारा किसानों को मसालेदार फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को सबसिडी पर बीज मुहैया करवाया जाएगा। योजना को अमल में लाने के लिए विभाग द्वारा जिले में 40 हैक्टेयर में उन्नत किस्म की लहसुन की फसल की बिजाई का टारगेट रखा गया है। इसके लिए विभाग द्वारा जिले के किसानों को 50 प्रतिशत सबसिडी पर लहसुन का बीज उपलब्ध करवाया जाएगा।
कम हो रही कृषि जोत व महंगाई के कारण खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बन रही है। इसके चलते किसान लगातार कर्ज के दलदल में धंसता जा रहा है। अब किसानों को इस दलदल से बाहर निकालने का बीड़ा बागवानी विभाग ने उठाया है। बागवानी विभाग ने किसानों को परम्परागत खेती से हटकर मसालेदार फसलों की खेती के लिए प्रेरित करने की योजना बनाई है। ताकि किसान परम्परागत खेती से आगे बढ़कर खेती को व्यवसाय के तौर पर अपनाकर आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें। बागवानी विभाग द्वारा किसानों का रूझान मसालेदार फसलों की खेती की तरफ बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को 50 प्रतिशत सबसिडी पर उन्नत किस्म का बीज मुहैया करवाया जाएगा। योजना को धरातल पर उतारने के लिए विभाग ने इस बार जिले में 40 हैक्टेयर में लहसून की फसल की बिजाई का टारगेट निर्धारित किया है। इसके लिए विभाग किसानों को 50 प्रतिशत सबसिडी पर लहसून का बीज उपलब्ध करवा रहा है। बीज पर सबसिडी देने के अलावा विभाग किसानों को फसल की बिजाई का खर्च भी वहन करेगा। विभाग द्वारा किसान को फसल की बिजाई का खर्च प्रति हैक्टेयर के अनुसार दिया जाएगा। इसमें विभाग द्वारा प्रति हैक्टेयर पर किसान को 5312 रुपए की राशि मुहैया करवाई जाएगी।
मंडी के जानकारों का मानना है कि इस बार लहसुन के भाव में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। पिछले 2 वर्षों से लहसून के भाव में गिरावट बनी हुई है और गिरावट के बाद फसल के भावों में उछाल आने के ज्यादा आसार रहते हैं।
डा. बलजीत भ्यान
जिला बागवानी अधिकारी, जींद
कम हो रही कृषि जोत व महंगाई के कारण खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बन रही है। इसके चलते किसान लगातार कर्ज के दलदल में धंसता जा रहा है। अब किसानों को इस दलदल से बाहर निकालने का बीड़ा बागवानी विभाग ने उठाया है। बागवानी विभाग ने किसानों को परम्परागत खेती से हटकर मसालेदार फसलों की खेती के लिए प्रेरित करने की योजना बनाई है। ताकि किसान परम्परागत खेती से आगे बढ़कर खेती को व्यवसाय के तौर पर अपनाकर आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें। बागवानी विभाग द्वारा किसानों का रूझान मसालेदार फसलों की खेती की तरफ बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को 50 प्रतिशत सबसिडी पर उन्नत किस्म का बीज मुहैया करवाया जाएगा। योजना को धरातल पर उतारने के लिए विभाग ने इस बार जिले में 40 हैक्टेयर में लहसून की फसल की बिजाई का टारगेट निर्धारित किया है। इसके लिए विभाग किसानों को 50 प्रतिशत सबसिडी पर लहसून का बीज उपलब्ध करवा रहा है। बीज पर सबसिडी देने के अलावा विभाग किसानों को फसल की बिजाई का खर्च भी वहन करेगा। विभाग द्वारा किसान को फसल की बिजाई का खर्च प्रति हैक्टेयर के अनुसार दिया जाएगा। इसमें विभाग द्वारा प्रति हैक्टेयर पर किसान को 5312 रुपए की राशि मुहैया करवाई जाएगी।
लहसुन के भावों में हो सकती है बढ़ोतरी
बागवानी विभाग के कार्यालय में बीज प्राप्त करते किसान। |
इनपुट के लिए दी जाएगी आर्थिक सहायता
विभाग ने किसानों को मसालेदार फसलों की खेती के लिए प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत 50 प्रतिशत सबसिडी पर लहसून का उन्नत बीज मुहैया करवाया जा रहा है। बीज के अलावा विभाग द्वारा लहसून की बिजाई के लिए किसान को आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। ताकि किसान पर फसल की बिजाई के दौरान किसी प्रकार का आर्थिक बोझ न पड़े।डा. बलजीत भ्यान
जिला बागवानी अधिकारी, जींद
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