Thursday, 7 December 2017

विश्व मृदा दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

किसान मोबाइल ऐप पर करें पंजीकरण
जींद 
कृषि विज्ञान केंद्र पांडु पिंडारा तथा जिला उप निदेशक जींद के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को विश्व मृदा दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला के कृषि अधिकारियों के साथ सैंकड़ों किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में जिला भाजपा के अध्यक्ष अमरपाल राणा भी मौजूद थे। उन्होंने किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा रही स्कीमों का लाभ उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार किसानों के हितों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है जिसका फायदा उठाना चाहिए। कृषि विज्ञान केंद्र पांडू पिंडारा के संयोजक डॉ. आरडी पंवार ने किसानों को बताया कि आज देशभर में एक ऐप का लॉच किया गया है जिसके माध्यम से किसान पंजीकरण करके अपने मोबाईल फोन पर मिट्टी की जांच का रिजल्ट प्राप्त कर सकते हैं और यह मोबाइल ऑफ लाइन भी क्रियाशील रहती है। एसडीओ डॉ. अनिल नरवाल ने बताया कि मिट्टी की जांच के अभाव में किसान अच्छी तकनीकों, किस्मों, यंत्रों के प्रयोग के बावजूद भी यथोचित परिणाम नहीं प्राप्त कर पाता। उन्होंने बताया कि मिट्टी की जांच का नमूना लेने के लिए किसानों को 15 से.मी. वी सेप का गढ्ढा खोदना चाहिए फिर खुरपी की मदद से एक सार खड़ी परत काट लें। किसान एक एकड़ जमीन में से पांच जगहों पर से मिट्टी का नमूना एकत्रित करके उसको छाया में सुखा कर आधा किलो मिट्टी को थैले में भर कर व उस थैली पर अपना पूरा नाम, पता, किले का नंबर अंकित करे। मृदा वैज्ञानिक डा. रामेश्वर सिंह ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन एफएओ द्वारा पांच दिसंबर 2014 को प्रथम मृदा दिवस मनाया गया था। उन्होंने बताया कि मिट्टी को प्राकृतिक प्रणाली के एक महत्वपूर्ण घटक और मानव जीवन हेतु भोजन, पानी और उर्जा सुरक्षा के माना गया है। किसानों को मिट्टी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महत्वपूर्ण संसाधन के स्थाई उपयोग को बढ़ावा देने के लिए देशभर में आज विश्व मृदा दिवस मनाया जा रहा है। डॉ. सत्यवान आर्य व डॉ. देवेेंद्र बाजवा ने लवणीय व क्षारीय भूमियों का वैज्ञानिक तरीकों से प्रबंधन करना भी किसानों को बतलाया। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मौके पर किसानों से वार्ता कर उनकी समस्याओं का समाधान किया गया। डॉ. सूरजमल ने गन्ने की काश्त, उपज व तकनीकों के बारे में जानकारी दी। डॉ. अनिल नरवाल एसडीओ व डॉ. नरेंद्र पाल ने किसानों से आह्वान किया कि अपनी मिट्टी की जांच अवश्य करवाएं ताकि उनकी जमीन उर्वरा से पूरी तरह भरपूर रहे। डॉ. मुकेश मेहला ने फसलों के विविधिकरण पर जोर दिया तथा मिट्टी जांच को किसानों के लिए आवश्यक बताया। कार्यक्रम में बैंक अधिकारियों ने भी जानकारी दी। 

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