जींद : ऑनलाइन की तरफ लोगों के बढ़ते रुझान के साथ ठगी की वारदातें भी बढ़ती जा रही हैं। ऑनलाइन शॉ¨पग, बैंक ट्रांजेक्शन और एटीएम से लेन-देन में ठग गिरोह लगातार सक्रिय है। ऐसे में तकनीक का फायदा मिलने के साथ नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। जागरूकता के अभाव में सालभर में लोगों के खातों से ऑनलाइन ठगी से दो सौ करोड़ रुपये गायब हो चुके हैं।
जिले में सालभर में ऑनलाइन ठगी के आठ बड़े मामले सामने आई। इसके अलावा 40 मामले डेबिट कार्ड बदलकर और फोन पर बैंक अधिकारी बनकर खाते की डिटेल लेकर लोगों के खातों से पैसे निकाले के सामने आए हैं। ऑनलाइन ठगी करने वाले इतने शातिर होते कि वे किसी को भी फोन लगा देते हैं और खुद को बैंक का अधिकारी बताते हैं। ये ठग बैंक खाता बंद व एटीएम बंद होने की बात कहकर व्यक्ति को अपने जाल में फंसा लेते हैं। खाता व एटीएम से निकासी सही करने के नाम पर ठग व्यक्ति से एटीएम नंबर, ओटीपी की जानकारी ले लेते हैं। उनके झांसे में आकर व्यक्ति ये जानकारियां दे देता है और उसके खाते से राशि निकालना शुरू कर देते है। जब तक वह कुछ समझ पाता है, तब तक अच्छी खासी चपत लग चुकी होती है। जब पुलिस तक मामला पहुंचता है वह नंबर बंद हो चुके होते हैं। साइबर टीम जब उनकी डिटेल को खंगालती है, तो वह नंबर फर्जी आइडी पर लिए होते हैं। ऐसे में पुलिस इन आरोपियों तक नहीं पहुंच पा रही है। इसके अलावा जिले में सबसे बड़ी ठगी का मामला सोशल ट्रेड का आया है। लोगों ने ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में लोगों ने मोटा पैसा इसमें निवेश किया। बाद में कंपनी में जिले के लोगों के करोड़ों रुपये डूब गए। इसके अलावा पंजाब की एक कंपनी में मोटी ब्याज दर देने के नाम पर जींद के लोगों के करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गई। ठगी होने के बाद पुलिस ने मामले तो दर्ज कर लिए और कंपनी से जुड़े छोटे लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया, लेकिन लोगों की खून पसीने की कमाई आज तक नहीं लौटी है।
20 हजार लोग हुए ठगी का शिकार
पीड़ितों के मुताबिक जींद में करीब 20 हजार लोग एब्लाज एन्फो सोल्यूशन प्रा. लिमटेड नाम की इस कंपनी से जुड़े हुए थे। उनसे सौ करोड़ से ज्यादा की ठगी हुई है। ठगी का शिकार हुए अमन, प्रदीप, प्रमोद, सतीश ने बताया कि लालच देने वालों ने बताया था कि यह कंपनी सरकारी नियमों के अनुसार काम करती है। उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर कुछ पेज को लाइक करना है, जिसके लिए उन्हें रोजाना रुपये मिलेंगे और जल्दी वे भी अमीर बन जाएंगे। पीड़ित अमन, प्रमोद ने बताया कि साढ़े 57 हजार में एक आइडी बनती थी। इसके बाद हर रोज 125 क्लिक मिलते थे। हर क्लिक पर पांच रुपये मिलते थे। इसके अलावा नीचे दो आदमी जोड़ने पर प्रमोशन इनकम अलग से मिलती थी और 125 क्लिक की जगह 250 क्लिक मिलते थे। अपने नीचे 100 आदमी जोड़ने पर गोल्ड मेंबर बनाने का लालच दिया था। जिसके बाद 50 हजार रुपये प्रति महीना अलग से फिक्स राशि देने की बात कही थी। इस लालच में पीड़ितों ने अपने नजदीकी दोस्तों और रिश्तेदारों को अपने नीचे मेंबर बना दिया।
ज्यादा ब्याज का दिया झांसा
इस साल जींद के शिव कालोनी में ठगी का मामला सामने आया। जहां पर धर्मेंद्र नाम के एक युवक ने बताया कि उसने पंजाब की एक कंपनी के साथ मिलकर बैंक खोला है और उनकी राशि को जल्द ही डबल कर देंगे। इस पर लोग झांसे में आ गए और सैंकड़ों लोगों ने उनके पास पैसा निवेश कर दिया। शुरुआत में कंपनी के लोगों ने कुछ ब्याज तो दिया, लेकिन बाद में उनका पैसा डूब गया। इस दौरान कंपनी लोगों की लगभग 70 करोड़ रुपये के करीब लेकर फरार हो गई। बाद में पुलिस ने इस मामले में कंपनी के माध्यम बने शिव कालोनी के धर्मेंद्र, उसके भाई व पिता को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन पैसा वापस नहीं आया।
ऐसे बचें ठगी से
1. फोन पर किसी को भी बैंक खाते व एटीएम की डिटेल न दे
2. फोन या मेल पर खाते से संबंधित मैसेज आता है तो इसके बारे में पहले बैंक में जाकर पुष्टी करें
3. एटीएम का पासवर्ड व एटीएम के 16 नंबरों की डिटेल किसी को न दें
4. पैसा निकालने के दौरान किसी भी अनजान व्यक्ति को एटीएम कार्ड न दें
5. अगर किसी का फोन आता है तो इसकी सूचना तुरंत ही अपने बैंक व पुलिस को दें
नहीं पहुंच पाती पुलिस आरोपियों तक
फोन करके बैंक उपभोक्ताओं को चूना लगाने वाले नंबर को पुलिस साइबर सेल ट्रेस करने का प्रयास करती है, लेकिन उनको कोई सफलता नहीं मिल पाती है। पुलिस जांचों में सामने आया है कि यह गिरोह फर्जी सिमों से कॉल कर ठगी करते हैं। इनके फोन ट्रेस किए जाते हैं तो वे अन्य किसी व्यक्ति के नाम पर मिलते हैं, जो फोन चलाना भी नहीं जानते है।
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ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए लोगों को बार-बार आगाह किया जाता है। बैंकों की ओर से जागरुकता के प्रयास जारी है, इसके बावजूद भी लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। बैंकों की ओर से ग्राहकों को यह भी बताया जाता है कि उनकी तरफ से कभी भी कोई फोन नहीं किया जाता। लोगों को अपने पैसों को निवेश करने से पहले उसकी जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए।
एमके झा, लीड बैंक मैनेजर, जींद
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