Monday, 4 December 2017

पांच किलोमीटर लंबी जागरूकता ने एड्स बचाव का दिया संदेश

विश्व एड्स दिवस पर निकाली जागरूकता यात्रा
एड्स आज भी विश्व के लिए एक चुनौती : डा. संजय दहिया

जींद 
विश्व एड्स दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कंडेला के तहत आने वाले गांव अमरहेड़ी से नागरिक अस्पताल जींद तक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। रैली को सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। रैली में डिप्टी सिविल सर्जन डा. मंजुला एवं वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कंडेला डा. राजेश भोला ने मुख्यअतिथि के तौर पर शिरकत की जबकि जागरूकता रैली में डा. पामेला दहिया, डा. पालेराम, डा. जतिंद्र, डा. ज्योति, डा. मंजू, डा. अनिल व आमजन ने हाथो में बैनर व् पोस्टर ले करके लोगो को जगरूक किया। रैली को रवाना करने से पहले स्वास्थ्यकर्मियों को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. संजय दहिया ने कहा कि हमारे देश का भविष्य हमारे देश के युवाओं के हाथों में है, इसलिए हमें चाहिए कि हम हमारे देश के युवाओं को अच्छी शिक्षा दें व उन्हें गलत रास्ते पर जाने से रोकें। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे सभी तरह के नशों से दूर रहें व अन्य बुरी आदतों का त्याग करें व हमारे समाज व देश के विकास मे भागिदारी निभाएं। डॉ. भोला ने युवाओं को एड्स के बारे में विस्तार से बताते हुए इस बीमारी के होने व रोकथाम के बारे में बताया कि एड्स एक संक्रमण की बीमारी है और इस बीमारी का कोई ईलाज नहीं है, बस बचाव ही इसका इलाज है। यह बीमारी मनुष्य के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को खत्म कर देती है जिससे किसी प्रकार की बीमारी होने पर वह ठीक नहीं होती है। यह बीमारी विशेषत: एड्स संक्रमित खून के द्वारा, असुरक्षित यौन संबंध से व गर्भवती माता से शिशु में, एड्स रोगी की संक्रमित सूई द्वारा हो सकता है। डिप्टी सीएमओ डॉ. मंजुला ने बताया कि वर्ष 2016 में जिला जींद में 33103 लोगों के एचआईवी टैस्ट किए गए थे। इनमें से 210 लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें से 110 पुरूष तथा 100 महिला पॉजिटिव थी। जबकि 34 गर्भवती महिलाएं भी एचआईवी पॉजिटिव थी। वर्ष 2017 में जनवरी से नवंबर माह तक 29650 लोगों के टैस्ट किए गए थे। इनमें से 91 पुरुष व 61 महिलाए एचआईवी पॉजिटिव पाई गई थी। इनमें से 25 गर्भवती महिलाएं भी एड्स बीमारी से ग्रसित थी। डा. पामेला दहिया ने कहा कि लोगों में एड्स बीमारी को लेकर काफी भ्रम भी हैं। यह बीमारी साथ-साथ खाने से, हाथ मिलाने और गले मिलने से, खांसने, छींकने या हवा से, मच्छरों या कीड़े-मकोड़े के काटने से, खाने के बर्तन, कपड़े, शौचालय के सामूहिक उपयोग से नहीं होती है। एचआईवी एड्स केवल एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संपर्क से, संक्रमित सीरिंज व सुइयों के प्रयोग से, संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाने से, एचआई संक्रमित मां से उसके होने वाले शिशु को होता है। डा. राजेश भोला ने बताया कि एड्ïस एक लाइलाज बीमारी है। केवल जानकारी ही इसका बचाव है। एड्ïस का विषाणु मनुष्य के शरीर में घुस कर रोग प्रतिरोधक शक्ति को नष्ट कर देता है। एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसके संबंध में जागरूक होना ही बचाव का एक बढिय़ा तरीका है। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है। इसलिए युवाओं को इस भयानक बीमारी के सम्बंध में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। युवाओं को चाहिए कि वो विवाह से पूर्व संयम रखें। असुरक्षित यौन संंबंध से बचें। यौन संबंध के दौरान निरोध का उपयोग करना चाहिए। जांच किया हुआ खून ही रोगी को चढ़वाना चाहिए।

टोल फ्री नंबर पर कभी भी ले सकते हैं जानकारी

डा. भोला ने कहा कि एड्स बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए विभाग द्वारा टोल फ्री नंबर 1097 भी दिया गया है। इस टोल फ्री नंबर पर कोई भी व्यक्ति फोन कर एड्स से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी ली जा सकती है। बस हम एड्स विषय के बारे में थोड़ी सी जानकारी रखें तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। 

यहां-यहां से निकली रैली 

रैली गांव अमरेहड़ी से शुरू होकर निरंकारी भवन, एक रुपया चौंक, शिव चौंक, पंजाबी बाजार, मेन बाजार, शहर थाना, पालिका बाजार, रानी तालाब से होते हुए जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में संपन्न हुई। यहां पर समाजसेवी राजकुमार द्वारा रैली में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई। इस मौके पर जोगिंद्र भोला, आशीष सिहाग, विजेंद्र सिंह, देवीराम कौशिक, कुलदीप सिंह, रोहताश,  नरेंद्र, सुभाष, सरिता देवी, बिमला देवी, स्नेहलता, पिंकी देवी, गुलाब कौर सहित आशा वर्कर मौजूद रहे। 

No comments:

Post a Comment

खुद को पर्यावरण के लिए महिला वकील ने कर दिया समर्पित

अब तक लगवा चुकी 177 त्रिवेणी जींद। महिला एडवोकेट संतोष यादव ने खुद को पर्यावरण की हिफाजत के लिए समर्पित कर दिया है। वह जींद समेत अब तक...