Sunday, 3 December 2017

इस बार गन्ने से मिल रही ज्यादा चीनी

चीनी मिल को ज्यादा रिकवरी से होगा फायदा

जींद :  जींद सहकारी चीनी मिल को इस साल गन्ने से चीनी पिछले साल के मुकाबले ज्यादा मिल रही है। यह मिल के लिए अच्छा और शुभ संकेत है। गन्ने से मिल को ज्यादा चीनी मिलने से काफी फायदा होगा। 
चालू पिराई सत्र को 21 दिन हो गए हैं। अब तक जींद सहकारी चीनी मिल 3 लाख 29 हजार 600 क्विंटल गन्ने की पिराई कर चुकी है। एक दिन में जींद सहकारी चीनी मिल चालू गन्ना पिराई सत्र में लगभग 17 हजार क्विंटल गन्ने की पिराई कर रही है। चीनी मिल की गन्ने से चीनी बनाने की रिकवरी 9.01 प्रतिशत है। पिछले साल यह रिकवरी 8.33 प्रतिशत थी। इससे साफ है कि इस बार जींद सहकारी चीनी मिल को गन्ने की पिराई से चीनी पिछले पिराई सत्र के मुकाबले कहीं ज्यादा मिल रही है। करोड़ों रूपए घाटे में चल रही जींद सहकारी चीनी मिल के लिए इस साल रिकवरी पिछले पिराई सत्र की तुलना में ज्यादा होने को अच्छा और शुभ संकेत माना जा रहा है। 
बाक्स
अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा पर काम कर रही चीनी मिल
जींद सहकारी चीनी मिल की पिराई क्षमता 12500 क्विंटल प्रतिदिन की है। चालू गन्ना पिराई सत्र में जींद सहकारी चीनी मिल 100.49 प्रतिशत की क्षमता पर गन्ना पिराई का काम कर रही है जबकि पिछले पिराई सत्र में यह 62.45 प्रतिशत था। मिल के प्रबंधक निदेशक अश्विनी मलिक के अनुसार चालू पिराई सत्र में गन्ना पिराई का काम पिछले पिराई सत्र के मुकाबले ज्यादा सुचारू रूप से चल रहा है। 
फोटो कैप्शन
02जेएनडी07- जींद सहकारी चीनी मिल, जिसमें रिकवरी पिछले साल के पिराई सत्र के मुकाबले इस साल ज्यादा है। सुनील
बाक्स
क्या कहते हैं मिल के प्रबंधक निदेशक
जींद सहकारी चीनी मिल के प्रबंधक निदेशक अश्विनी मलिक का कहना है कि इस बार गन्ने की पिराई का काम सुचारू रूप से चलने और रिकवरी पिछले पिराई सत्र के मुकाबले ज्यादा होने का कारण यह है कि गन्ने की फसल अच्छी है और किसान गन्ने को अच्छी तरह से साफ कर चीनी मिल में ला रहे हैं। मिल के स्टाफ और गन्ना उत्पादक किसानों के सहयोग से ही यह सब संभव हो पाया है। 
फोटो कैप्शन
02जेएनडी08- चीनी मिल के एमडी अश्विनी मलिक का फोटो। 
बाक्स
जल्द बढ़े सहकारी चीनी मिल की पिराई क्षमता : रढाल
माजरा खाप के प्रधान महेंद्र रढाल ने सरकार से मांग की कि जींद सहकारी चीनी मिल की पिराई क्षमता जल्द बढ़ाई जाए। पिछले 20 साल से सहकारी चीनी मिल की पिराई क्षमता 25 हजार क्विंटल प्रतिदिन किए जाने की योजना कागजों में दफन है। लगभग 10 बार इसकी घोषणा हो चुकी है लेकिन आज तक मिल की पिराई क्षमता नहीं बढ़ी है। इस कारण मई और जून महीने तक चीनी मिल को चलाना पड़ता है तथा इससे सबसे ज्यादा दिक्कत गन्ना उत्पादक किसानों को होती है। 

No comments:

Post a Comment

खुद को पर्यावरण के लिए महिला वकील ने कर दिया समर्पित

अब तक लगवा चुकी 177 त्रिवेणी जींद। महिला एडवोकेट संतोष यादव ने खुद को पर्यावरण की हिफाजत के लिए समर्पित कर दिया है। वह जींद समेत अब तक...