हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग के नए फरमानों, नए सेवा नियमों में संशोधन, इंटर्नशिप के नाम पर डीएड के छात्रों पर थोपी गई एक वर्ष की ट्रेनिंग के विरुद्ध बृहस्पतिवार को बाजारों में प्रदर्शन करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। जिला उपप्रधान साधुराम ने कहा कि इस तरह के फरमान शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है।
जिला सचिव संजीव सिंगला ने कहा कि सरकार अतिथि अध्यापकों की सेवाएं नियमित करने की विधि सम्मत रास्ता बनाने की बजाय भर्ती नियमों में ऐसे संशोधन बार-बार कर पूरा मामला मुकद्दमेबाजी में उलझा रही है। शिक्षा विभाग में लागू की जा रही तमाम योजनाएं एक तरफा ऊपरी स्तर पर बनाकर थोपी जा रही हैं। अध्यापक संघ के राज्य उपप्रधान महताब मलिक व सत्यपाल सिवाच ने नए अध्यापक सेवा नियमों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त लागू करके अनेक वरिष्ठ अध्यापकों को पदोन्नति से बाहर करने की योजना है।
अध्यापक नेताओं ने स्कूल समय पूर्व की भांति छह घंटे करने, नए फरमान वापस लेने, समय पर अध्यापकों को वेतन, एलटीसी आदि भुगतान करने, प्राथमिक स्कूलों में छात्र संख्या की शर्त हटाते हुए मुख्य शिक्षक का पद स्वीकृत करने, वर्ष 2006 के बाद लगे अध्यापकों को पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल करने व पीएआरडी बिल वापस लेने आदि की मांग की। इस अवसर पर धर्मबीर सिंहमार, सतवीर गहलोत, राजवीर शर्मा, वेदपाल, रणधीर कुंडू, चांद बहादुर, महेंद्र सिंह, महिपाल, रोहताश, महताब सिंह, जगमेंद्र, भूप वर्मा, रोहताश सरोहा आदि मौजूद थे।
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