Wednesday, 22 August 2012

कुएं बंद करने को चलेगा अभियान


 भविष्य में बोरवेल में गिरकर किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए कृषि विभाग पूरे जिले में खुले पड़े बोरवेलों तथा नकारा कुओं को बंद करने के लिए अभियान चलाएगा। अभियान के दौरान विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी किसानों को जागरूक करेंगे।
उप कृषि निदेशक डॉ. आरपी सिहाग ने बताया कि हाल ही में बोरवेल में गिरने से हुई कई अप्रिय घटनाओं पर कड़ा संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने निर्देश जारी किए है कि अब कोई भी सरकारी अ‌र्द्ध सरकारी व निजी एजेंसी बिना पंजीकरण के बोरवेल जैसे कार्य नहीं करेंगी। बोरवेल करने वाली एजेंसिया या व्यक्ति प्रणाली को पंजीकृत करवाएं ताकि उन्हे कार्य करने की अनुमति मिल सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि अपंजीकृत एजेंसिया व निजी मिस्त्री बोरवेल जैसे कार्य करने के लिए अमान्य है।
एजेंसी और अपनी यूनिट को पंजीकृत करवाने के लिए विशेष तौर से निजी मिस्त्री जो अपनी मशीन से कृषकों के खेतों में ट्यूबवेलों की स्थापना करते है वे इसके लिए विज्ञप्ति जारी होने के एक महीने के अंदर पंजीकृत करा लें। पंजीकरण के लिए मिस्त्री एवं यूनिट को प्रयोग की जाने वाली मशीन और उसकी कार्यप्रणाली का विवरण के साथ-साथ आपरेटरों के स्थायी पते का प्रमाण पत्र लाना आवश्यक होगा। पंजीकरण प्रार्थना पत्र के साथ उन्हे यह शपथ पत्र भी देना होगा कि वे उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों के अनुरूप कार्य करेगे।
ये मापदंड करने होंगे पूरे
उप कृषि निदेशक डॉ. आरपी सिहाग ने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देश जारी किए गए है कि जहा नलकूप की स्थापना की जानी है, उस जगह या खेत का मालिक कम से कम 15 दिन पहले जिला के उपायुक्त या संबंधित अधिकारी या गाव के सरपंच को इस बारे में सूचित करेगा। जहा ट्यूबवेल की स्थापना की जानी है वहा एक साइन बोर्ड लगाना भी आवश्यक है। जिस पर ड्रिलिंग एजेंसी का नाम व पूरा पता और बोरवेल करने वाले मालिक का नाम समेत पूरी जानकारी अंकित होनी चाहिए।
ड्रिलिंग कार्य के दौरान जगह के चारों तरफ काटेदार बाड़ लगवानी आवश्यक है। यही नहीं नलकूप बोर में पाइप डालने के उपरात पाईप के मुंह को लोहे की प्लेट से नट बोल्ट के साथ कसने के भी निर्देश जारी किए गए है। ड्रिलिंग कार्य करने के लिए प्रयोग में लाए गए गड्ढे को कार्य खत्म होने के बाद मिट्टी से भरना भी जरूरी है। पुराने या नकारा हो चुके बोरवेल को मिट्टी, कंकड़ तथा रेत इत्यादि से नीचे से ऊपर तक भरना अत्यंत जरूरी है।

No comments:

Post a Comment

खुद को पर्यावरण के लिए महिला वकील ने कर दिया समर्पित

अब तक लगवा चुकी 177 त्रिवेणी जींद। महिला एडवोकेट संतोष यादव ने खुद को पर्यावरण की हिफाजत के लिए समर्पित कर दिया है। वह जींद समेत अब तक...