जहा एक तरफ सरकार अस्पतालों में जच्चा बच्चा को सुविधाएं देने की बात कह रही है वहीं दूसरी तरफ जच्चा बच्चा को केवल नाममात्र की सुविधा ही मुहैया करवाई जा रही है। ऐसा ही एक नजारा कंडेला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला जब एक महिला डिलीवरी करवाने के लिए पहुची तो वहा पर मोमबत्ती की रोशनी डिलीवरी की गई। ऐसे में सरकार की दी जाने वाली सुविधाओं पर कई सवालिया निशान खड़े होते हैं।
न्याणा हिसार निवासी जसविंद्र की पत्नी किरण सोमवार रात को जब दर्द से कराहती हुई परिजनों के साथ कंडेला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डिलीवरी करवाने पहुची तो वहा के प्रसूति गृह में अंधेरा छाया हुआ था। भीषण गर्मी के इस मौसम में पंखा चलना तो दूर की बात वहा पर तैनात स्वास्थ्य कर्मी लाइट भी नहीं जला सके। इसका कारण था कि पिछले एक सप्ताह से स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र में लगाया गया बिजली ट्रांसफार्मर जला हुआ था। स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र में उपलब्ध करवाया गया इन्वर्टर भी जवाब दे गया था। प्रसूति गृह में लाइट न होने से स्वास्थ्य कर्मियों ने मोमबत्ती जलाई और नाम मात्र रोशनी में ही महिला किरण की डिलीवरी कराने की तैयारी की गई। कमरे में छाए अंधेरे और महिला की कराई जा रही डिलीवरी को लेकर परिजन भी सहमे हुए थे। वे कलेजे पर हाथ रखकर सिर्फ दुआएं करने में लगे हुए थे। करीब एक घटे के बाद जब महिला की डिलीवरी का कार्य पूरा हुआ तब जाकर परिजनों ने राहत की सास ली।
एक सप्ताह से जला हुआ है ट्रांसफार्मर
डिलीवरी करने वाली नर्स ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से बिजली का ट्रांसफार्मर जला हुआ है। जिससे अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है लेकिन पिछले एक सप्ताह से इसी परेशानी से जूझना पड़ रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक अधिकारी डॉ. प्रेम कुमार गुप्ता ने बताया कि अंधेरे में डिलीवरी कराना सरासर गलत है। एम्बुलेंस बुलाकर नजदीकी अस्पताल में ले जाया जा सकता है। मामले की जानकारी जुटाई जा रही है।
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